रायपुर: राज्यसभा चुनाव के लिए मंगलवार को छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के प्रत्याशी राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन ने नामांकन दाखिल कर दिया. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है. छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ने प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री को बतौर उम्मीदवार इस चुनाव में उतार दिया है. जनता कांग्रेस ने अपनी पार्टी की तरफ से प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिदास भारद्वाज से नामांकन भरवाया है. जानकारों का मानना है कि नियमों के अनुसार जब नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी, तब जनता कांग्रेस के उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो जाएगा. हालांकि जनता कांग्रेस के अध्यक्ष अमित जोगी का कहना है कि नियमों के तहत ही उनकी पार्टी की ओर से प्रत्याशी भारद्वाज ने नामांकन दाखिल किया है.
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छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ने भी उतारा उम्मीदवार : राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की मंगलवार को अंतिम तारीख थी. छत्तीसगढ़ से तय समय तक तीन उम्मीदवारों ने अपना नामांकन पत्र जमा किया. राज्यसभा की दो सीटों के लिए कांग्रेस ने राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन से पर्चा भरवाया है. चर्चा थी कि बीजेपी की ओर से प्रत्याशी न उतारने की स्थिति में इन दोनों कांग्रेसी प्रत्याशियों को निर्विरोध जीत मिल जाएगी. लेकिन दोपहर बाद जनता कांग्रेस के अध्यक्ष अमित जोगी अपनी पार्टी के तीन विधायकों के साथ विधानसभा पहुंच गए. अमित जोगी ने अपनी पार्टी के तीनों विधायको को प्रस्तावक और समर्थक बनाकर, प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिदास भारद्वाज से राज्यसभा का नामांकन जमा करवाया.
अमित जोगी की दलील: अमित जोगी ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि ''निर्दलीय प्रत्याशियों को समर्थक और प्रस्तावक के लिए सदन के सदस्यों की संख्या में से 10 प्रतिशत सदस्यों की जरूरत पड़ती है. किसी मान्यता प्राप्त पार्टी के प्रत्याशी को उस पार्टी के कुल सदस्यों में से 10 प्रतिशत सदस्यों के समर्थन और प्रस्तावक की जरूरत पड़ती है.'' अमित जोगी ने इसी नियम का हवाला देते हुए अपने उम्मीदवार के नामांकन की प्रक्रिया को सही ठहराया.
दस की जगह सौ प्रतिशत विधायकों का समर्थन: जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा कि ''डॉक्टर हरिदास भारद्वाज अगर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरते, तब उन्हें सदन की संख्या के 10 प्रतिशत यानी 9 विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ती. लेकिन भारद्वाज ने छत्तीसगढ़ के एकमात्र मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दल जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे से नामांकन दाखिल किया है.'' अमित जोगी ने यह भी कहा कि मान्यता प्राप्त दलों के लिए सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि पार्टी के 10 प्रतिशत विधायकों के समर्थक और प्रस्तावक बनने पर वह पार्टी अपना उम्मीदवार उतार सकती है. हमने अपने 10 प्रतिशत विधायकों को नहीं, बल्कि 100 प्रतिशत यानी, तीनो विधायकों को प्रस्तावक बनाया है.
अमित जोगी ने मांगा समर्थन: अमित जोगी ने कहा कि "उम्मीद करते हैं कि छत्तीसगढ़ के मान-सम्मान को ध्यान में रखते हुए अन्य दल के विधायक भी उनकी पार्टी के प्रत्याशी का समर्थन करें. भारतीय जनता पार्टी चाहती तो कम से कम प्रतीकात्मक विरोध कर सकती थी. यह चुनाव हमारे लिए राजनीतिक नहीं बल्कि नैतिक है.''
कांग्रेस पर साधा निशाना: जनता कांग्रेस के अध्यक्ष अमित जोगी ने कांग्रेस पर निशाना साधा. अमित जोगी ने कहा कि छत्तीसगढ़ से राज्यसभा के लिए एक भी स्थानीय कैंडिडेट नहीं भेजे जाने से उनकी मंशा साफ है कि "जय हो कांग्रेस हाईकमान, भाड़ में जाए छत्तीसगढ़ की जनता का मान.''
जनता कांग्रेस के प्रत्याशी का नामांकन होगा रिजेक्ट : छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव देवेंद्र वर्मा ने बताया "नियम के मुताबिक सदन के अंदर किसी भी पार्टी के सदस्यों की संख्या जब 10 या उससे अधिक हो तब 10 प्रतिशत सदस्यों के समर्थन से वह पार्टी अपना प्रत्याशी राज्यसभा चुनाव में उतार सकती है. जनता कांग्रेस के पास सदन में सिर्फ तीन ही विधायक हैं. ऐसे में नामांकन पत्रों की जांच के दौरान 1 जून को ही जनता कांग्रेस के प्रत्याशी का नामांकन रिजेक्ट हो जाएगा. ऐसी स्थिति में कांग्रेस के दोनों प्रत्याशियों का निर्विरोध चुना जाना तय है.''