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राजीव गांधी किसान न्याय योजना: किसानों को 1522 करोड़ रुपए की दूसरी किस्त का भुगतान

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की दूसरी किश्त का भुगतान किया.

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राजीव गांधी किसान न्याय योजना
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Published : Aug 20, 2021, 7:39 PM IST

रायपुर: सद्वभावना दिवस पर किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 1522 करोड़ रुपए की दूसरी किश्त का भुगतान किया गया. राजीव गांधी किसान न्याय योजना की 2 किस्तों में अब तक 3047 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है. वहीं गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक किसानों, गौठान समितियों और महिला समूहों को 9.03 करोड़ की राशि जारी हुई है. राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना जल्द लागू होगी. करीब 10 लाख भूमिहीन परिवारों को हर साल 6 हजार रुपए की मदद मिलेगी.

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों को फायदा हुआ है. वहीं राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना इस वित्तीय वर्ष के अंत तक अमल में आ जाएगी. साल 2021-22 के राज्य के बजट में इस योजना को शामिल किया गया है. इस योजना के तहत ग्रामीण भूमिहीन मजदूरों को हर साल 6 हजार रूपए दिए जाएंगे. इस योजना से 10 लाख ग्रामीण भूमिहीन मजदूर लाभान्वित होंगे.

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में राज्य के धान और गन्ना उत्पादक करीब 21 लाख किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 1522 करोड़ रुपए की दूसरी किश्त की राशि का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया. इस राशि में से धान उत्पादक किसानों के खाते में 1500 करोड़ रुपए और गन्ना उत्पादक किसानों के खाते में 22 करोड़ तीन लाख रुपए की राशि ट्रांसफर की गई.

नारायणपुर में नक्सली हमला, ITBP के दो जवान शहीद

गोधन न्याय योजना के अंतर्गत पशुपालकों और संग्राहकों से खरीदे गए गोबर, गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को कुल 9 करोड़ 3 लाख रूपए की राशि भी ऑनलाइन ट्रांसफर की गई. इस राशि में से गोबर खरीदी के एवज में पशु पालकों और संग्राहकों को 1करोड़ रूपए, स्व-सहायता समूहों को लाभांश के रूप में 2 करोड़ 55 लाख रुपए, गौठान समितियों को 5 करोड़ 48 लाख रुपए का भुगतान शामिल है. मुख्यमंत्री ने भिलाई निगम क्षेत्र के अंतर्गत राजीव आश्रय योजना के हितग्राहियों को पट्टे भी वितरित किए.

राजीव गांधी किसान न्याय योजना की पहली किस्त में 1525 करोड़ रुपए की राशि किसानों के खाते में ट्रांसफर की गई थी. अब इस योजना की दूसरी किस्त की राशि ट्रांसफर की गई है. बीते ढाई सालों में धान के समर्थन मूल्य के रूप में किसानों को अब तक 46 हजार 640 करोड़ रुपए, फसल उत्पादकता आदान सहायता रूप में 12 हजार 500 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है.

साल 2020-21 में किसानों से रिकॉर्ड 92 लाख टन धान की खरीदी गई और इस साल लगभग एक करोड़ टन से ज्यादा धान खरीदी की तैयारी कर ली गई है. खरीफ वर्ष 2021-22 में धान के साथ ही खरीफ की सभी प्रमुख फसलों मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कोदो कुटकी और अरहर के उत्पादकों को भी हर साल 9000 रुपए प्रति एकड़ सहायता दी जाएगी.

कोदो-कुटकी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3000 रुपए प्रति क्विंटल करने का निर्णय लिया गया है. साल 2020-21 में जिन किसानों ने धान विक्रय एमएसपी पर किया था, वह यदि धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान अन्य फोर्टिफाइड धान की फसल लेते हैं, या वृक्षारोपण करते हैं तो उसे प्रति एकड़ 9000 रुपए की जगह 10,000 रु. प्रति एकड़ इन्पुट सब्सिडी दी जाएगी. वृक्षारोपण करने वालों को 3 साल तक अनुदान दिये जाने का निर्णय लिया गया है. नागरिकों को रियायती दर पर उच्च क्वालिटी की ब्रांडेड कंपनियों की जेनेरिक मेडिसिन उपलब्ध कराने के लिए श्री धनवंतरी योजना पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी.

इस कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद पी एल पुनिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार अच्छा काम कर रही है. सरकार के प्रति लोगों की आस्था और विश्वास बढ़ा है.

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का यह कहना था कि भारत की आत्मनिर्भरता किसानों पर निर्भर है. छत्तीसगढ़ सरकार इसी उद्देश्य को लेकर काम कर रही है.

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि कृषि उत्पादकता में वृद्धि के लिए राज्य सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत पिछले साल किसानों को 5702 करोड़ रुपए की सहायता 4 किस्तों में दी थी. इस साल किसानों को 2 किस्तों में 3047 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है. तीसरी किस्त का भुगतान राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर एक नवम्बर को और वित्तीय वर्ष के अंत में चौथी किस्त का भुगतान किया जाएगा.

गोधन न्याय योजना के तहत संग्राहकों से अब तक 49.54 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है और उन्हें लगभग 99 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया गया है. गोधन न्याय योजना के प्रारंभ होने से अब तक महिला स्व-सहायता समूहों को लाभांश की राशि के रुप में 20 करोड़ रुपए और गौठान समितियों को 30 करोड़ 76 लाख रूपए राशि का भुगतान किया जा चुका है. इस योजना से 49 प्रतिशत महिलाएं और 78 हजार से ज्यादा भूमिहीन लोग लाभान्वित हो रहे हैं.

रायपुर: सद्वभावना दिवस पर किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 1522 करोड़ रुपए की दूसरी किश्त का भुगतान किया गया. राजीव गांधी किसान न्याय योजना की 2 किस्तों में अब तक 3047 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है. वहीं गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक किसानों, गौठान समितियों और महिला समूहों को 9.03 करोड़ की राशि जारी हुई है. राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना जल्द लागू होगी. करीब 10 लाख भूमिहीन परिवारों को हर साल 6 हजार रुपए की मदद मिलेगी.

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों को फायदा हुआ है. वहीं राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना इस वित्तीय वर्ष के अंत तक अमल में आ जाएगी. साल 2021-22 के राज्य के बजट में इस योजना को शामिल किया गया है. इस योजना के तहत ग्रामीण भूमिहीन मजदूरों को हर साल 6 हजार रूपए दिए जाएंगे. इस योजना से 10 लाख ग्रामीण भूमिहीन मजदूर लाभान्वित होंगे.

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में राज्य के धान और गन्ना उत्पादक करीब 21 लाख किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 1522 करोड़ रुपए की दूसरी किश्त की राशि का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया. इस राशि में से धान उत्पादक किसानों के खाते में 1500 करोड़ रुपए और गन्ना उत्पादक किसानों के खाते में 22 करोड़ तीन लाख रुपए की राशि ट्रांसफर की गई.

नारायणपुर में नक्सली हमला, ITBP के दो जवान शहीद

गोधन न्याय योजना के अंतर्गत पशुपालकों और संग्राहकों से खरीदे गए गोबर, गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को कुल 9 करोड़ 3 लाख रूपए की राशि भी ऑनलाइन ट्रांसफर की गई. इस राशि में से गोबर खरीदी के एवज में पशु पालकों और संग्राहकों को 1करोड़ रूपए, स्व-सहायता समूहों को लाभांश के रूप में 2 करोड़ 55 लाख रुपए, गौठान समितियों को 5 करोड़ 48 लाख रुपए का भुगतान शामिल है. मुख्यमंत्री ने भिलाई निगम क्षेत्र के अंतर्गत राजीव आश्रय योजना के हितग्राहियों को पट्टे भी वितरित किए.

राजीव गांधी किसान न्याय योजना की पहली किस्त में 1525 करोड़ रुपए की राशि किसानों के खाते में ट्रांसफर की गई थी. अब इस योजना की दूसरी किस्त की राशि ट्रांसफर की गई है. बीते ढाई सालों में धान के समर्थन मूल्य के रूप में किसानों को अब तक 46 हजार 640 करोड़ रुपए, फसल उत्पादकता आदान सहायता रूप में 12 हजार 500 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है.

साल 2020-21 में किसानों से रिकॉर्ड 92 लाख टन धान की खरीदी गई और इस साल लगभग एक करोड़ टन से ज्यादा धान खरीदी की तैयारी कर ली गई है. खरीफ वर्ष 2021-22 में धान के साथ ही खरीफ की सभी प्रमुख फसलों मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कोदो कुटकी और अरहर के उत्पादकों को भी हर साल 9000 रुपए प्रति एकड़ सहायता दी जाएगी.

कोदो-कुटकी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3000 रुपए प्रति क्विंटल करने का निर्णय लिया गया है. साल 2020-21 में जिन किसानों ने धान विक्रय एमएसपी पर किया था, वह यदि धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान अन्य फोर्टिफाइड धान की फसल लेते हैं, या वृक्षारोपण करते हैं तो उसे प्रति एकड़ 9000 रुपए की जगह 10,000 रु. प्रति एकड़ इन्पुट सब्सिडी दी जाएगी. वृक्षारोपण करने वालों को 3 साल तक अनुदान दिये जाने का निर्णय लिया गया है. नागरिकों को रियायती दर पर उच्च क्वालिटी की ब्रांडेड कंपनियों की जेनेरिक मेडिसिन उपलब्ध कराने के लिए श्री धनवंतरी योजना पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी.

इस कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद पी एल पुनिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार अच्छा काम कर रही है. सरकार के प्रति लोगों की आस्था और विश्वास बढ़ा है.

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का यह कहना था कि भारत की आत्मनिर्भरता किसानों पर निर्भर है. छत्तीसगढ़ सरकार इसी उद्देश्य को लेकर काम कर रही है.

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि कृषि उत्पादकता में वृद्धि के लिए राज्य सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत पिछले साल किसानों को 5702 करोड़ रुपए की सहायता 4 किस्तों में दी थी. इस साल किसानों को 2 किस्तों में 3047 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है. तीसरी किस्त का भुगतान राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर एक नवम्बर को और वित्तीय वर्ष के अंत में चौथी किस्त का भुगतान किया जाएगा.

गोधन न्याय योजना के तहत संग्राहकों से अब तक 49.54 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है और उन्हें लगभग 99 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया गया है. गोधन न्याय योजना के प्रारंभ होने से अब तक महिला स्व-सहायता समूहों को लाभांश की राशि के रुप में 20 करोड़ रुपए और गौठान समितियों को 30 करोड़ 76 लाख रूपए राशि का भुगतान किया जा चुका है. इस योजना से 49 प्रतिशत महिलाएं और 78 हजार से ज्यादा भूमिहीन लोग लाभान्वित हो रहे हैं.

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