FIR दर्ज होने के बाद राजेश मूणत ने कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी. मामले की सुनवाई में बचाव पक्ष की ओर से पूर्व उप महाधिवक्ता रमाकांत मिश्रा और जमानत पर आपत्ति करने के लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा मौजूद रहे.
बचाव पक्ष की ओर से अदालत को दी गई दलील में कहा गया कि, जिस सीडी को पूरे प्रकरण का आधार बनाया गया है वो सीडी प्राइवेट व्यक्ति ने बनाई है और उस आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई जबकि सीडी की वैधानिकता ही नहीं है. बचाव पक्ष की ओर से ये तर्क भी दिया गया कि, यदि प्रकरण को वास्तविक भी माने तो भी पूरे प्रकरण में राजेश मूणत की कोई ऐसी सहभागिता भी नहीं कि वो अभियुक्त माने जाएं.
खारिज की याचिका
चतुर्थ अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश विवेक कुमार वर्मा की अदालत में करीब एक घंटे सुनवाई चली, जिसके बाद राजेश मूणत की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया.