रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर जिले के अंतर्गत कुल 7 विधानसभा सीट आती हैं. जिसमें धरसीवां, रायपुर(ग्रामीण), रायपुर सिटी (वेस्ट), रायपुर सिटी (नार्थ), रायपुर सिटी (दक्षिण), आरंग और अभनपुर विधानसभा शामिल है. जिसमें से 1 सीट रायपुर दक्षिण भाजपा के पास है, बाकी 6 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. आज हम रायपुर पश्चिम विधानसभा सीट की बात करने जा रहे हैं. यह सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है. कांग्रेस के विकास उपाध्याय यहां से विधायक हैं.
रायपुर पश्चिम विधानसभा सीट के मतदाता: निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, साल 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान रायपुर में मतदाताओं की कुल संख्या 15 लाख 58 हजार 550 थी. जो साल 2023 अगस्त तक 18 लाख 05 हजार 310 हो गई. इस तरह रायपुर में 2 लाख 46 हजार 760 मतदाता बढ़े हैं. 2018 के अनुसार, रायपुर पश्चिम में पुरुष मतदाता का संख्या 127929 थे, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 120353 थे. वहीं थर्ड जेडर के 43 मतदाता थे. इस प्रकार कुल मतदाता 248325 थे. हालांकि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में मतदाता सूची अपडेट करने का काम जारी है. लोग इसमें नाम जुड़वा रहे हैं, इसके बाद अक्टूबर में फाइनल मतदाता सूची जारी होगी. जिसके बाद ही रायपुर के सभी विधानसभा सीटों में मतदाता के आंकड़े पता चलेंगे.
साहू समाज का इस सीट पर है दबदबा: रायपुर पश्चिम विधानसभा सीट में साहू समाज के वोटरों की संख्या अच्छी खासी है. यही वजह है कि यहां पर साहू समाज का दबदबा है. बात की जाए साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव की, तो रायपुर पश्चिम विधानसभा से 38 उम्मीदवारों ने अपना भाग्य आजमाया था. जिसमें से आठ साहू प्रत्याशी खड़े हुए थे.
रायपुर पश्चिम विधानसभा सीट का इतिहास: विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान भी राजेश मूणत और विकास उपाध्याय के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी. तब राजेश मूणत ने महज 6000 वोटों से जीत दर्ज की थी. विकास उपाध्याय ने जरूर मूणत को जोरदार टक्कर दी थी, लेकिन वे जीत से चूक गए थे. हार मिलने के बावजूद विकास उपाध्याय ने हार नहीं मानी और लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे. विकास उपाध्याय जनता की मांगों को लेकर लगातार आंदोलन करते रहे. यही वजह रही कि विधानसभा चुनाव 2018 में जनता ने विकास उपाध्याय को अपना प्रतिनिधि चुना.
क्या फिर विकास और राजेश की होगी भिड़ंत?: आगामी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर रायपुर पश्चिम विधानसभा सीट से विकास उपाध्याय और राजेश मूणत के बीच भिड़ंत होने की संभावना है. यदि दोनों ही दलों ने इन दोनों को अपना अपना उम्मीदवार बनाया है, तो फिर चुनाव में कांटे की टक्कर हो सकती है. हालांकि कांग्रेस विकास को और भाजपा राजेश को टिकट देगी या नहीं यह कह पाना मुश्किल है. बावजूद इसके दोनों ने ही पश्चिम विधानसभा चुनाव के लिए अभी से कमर कस ली है. विकास और राजेश दोनों ही क्षेत्र में सक्रिय नजर आ रहे हैं.
रायपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र की समस्याएं: रायपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं की बात की जाए, तो यहां कुछ खास समस्या नहीं है. यहां बिजली, पानी, सड़क, साफ सफाई की व्यवस्था दुरुस्त रही है. कांग्रेस सरकार में भी यहां लगातार काम होते रहे हैं. हालांकि छुटपुट स्थानीय समस्याएं जैसे सामुदायिक भवन, शौचालय, उद्यान, ओपन जिम सहित अन्य मांग लोग उठाते रहे हैं. क्षेत्र में सड़कों पर साप्ताहिक बाजार लगाए जाते हैं, जिस वजह से कई बार अव्यवस्था देखने को मिलती है.
2018 में राजेश मूणत को मिली थी करारी हार: भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली रायपुर पश्चिम विधानसभा सीट पर 2018 में कांग्रेस ने कब्जा कर लिया. इस सीट से कांग्रेस के विकास उपाध्याय ने भाजपा के रमन सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे राजेश मूणत को 12000 वोटों के भारी अंतर से हरा दिया था. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां से विकास उपाध्याय विधायक चुने गए. हांलाकि राजेश मूणत राजेश मूणत ने विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, बावजूद इसके मूणत हार गए.
2018 में रायपुर पश्चिम का चुनावी रिजल्ट: साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में विकास उपाध्याय को कुल 76359 वोट मिले थे. जो इस सीट पर हुए मतदान का 50.86 फीसदी था. वहीं भाजपा उम्मीदवार और तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत को 64147 वोट मिले थे, जो प्राप्त मतों का 42.73 फीसदी था. इस तरह विकास उपाध्याय ने 12212 वोटों से राजेश मूणत को हराकर जीत हासिल की थी.