रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बंदूक लेने के लिए अर्जियां बढ़ती जा रही है. पिछले कुछ महीनों से बंदूक के लाइसेंस के लिए कलेक्ट्रेट में अर्जियां बढ़ती जा रही है. एक अनुमान के मुताबिक, लगभग 12 से 15 अर्जियां प्रति महीने लगाई जा रही हैं. इसके पहले यह संख्या नाम मात्र की थी. पहले मात्र 5-8 लोग बंदूक के लाइसेंस के लिए अर्जी लगाते थे. आइए जानने की कोशिश करते हैं आखिर क्या वजह है कि राजधानी रायपुर में बंदूक के लिए लाइसेंस लेने वालों की अर्जियां बढ़ती जा रही है. Raipur crime news
सेल्फ डिफेंस के लिए लोग ले रहे हैं बंदूक लाइसेंस: एडीएम एनआर साहू बताते हैं कि "राजधानी में बंदूक लाइसेंस के लिए अर्जी लगाने वालो में सभी वर्ग के लोग शामिल हैं. इसमें वकील, डॉक्टर, बिल्डर, ठेकेदार, अधिकारी, सुरक्षा विभाग से संबंधित लोगों के द्वारा भी अर्जियां लगाई गई है. इसके अलावा स्पोर्ट्स शूटिंग के लिए भी खिलाड़ियों के द्वारा अर्जियां लगाई गई है. इतना ही नहीं बंदूक के लिए लाइसेंस अर्जियां लगाने वालों में नेता भी शामिल हैं. अधिकारियों की मानें तो ज्यादातर लोगों ने सेल्फ डिफेंस के लिए बंदूक लाइसेंस मांगा है.
ठेकेदार और बिल्डर ज्यादा लगा रहे बंदूक लाइसेंस की अर्जियां: जानकारी के मुताबिक बंदूक लाइसेंस के लिए ज्यादातर जमीन का कारोबार करने वाले और ठेकेदार अर्जियां लगाते थे. इनके द्वारा बंदूक लाइसेंस लेने के पीछे अपनी जान का खतरा बताया जाता था. उनकी जान को खतरा उनके कारोबार और मोटी रकम लाने ले जाने की वजह से होता था. साथ ही कई बार जमीन को लेकर विवाद की स्थिति भी होती है, उसमें भी इन लोगों को जान का खतरा होता है.
सुरक्षाकर्मियों मिला है सबसे ज्यादा बंदूक लाइसेंस: राज्य में सबसे ज्यादा सुरक्षा कर्मियों को लाइसेंस जारी किया गया है. इन सुरक्षाकर्मियों में पुलिस अधिकारी, कर्मचारी और जवानों सहित निजी सिक्योरिटी गार्ड भी शामिल हैं. लगभग 60 से 70 फीसदी सुरक्षा कर्मियों को लाइसेंस जारी किया गया है, जबकि 30 से 40 फीसदी में अन्य वर्ग के लोगों को बंदूक लाइसेंस दिया गया है.
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प्रदेश में कितने लोगों के पास है बंदूक लाइसेंस: राज्य में अभी लगभग 12242 लोगों के पास बंदूक लाइसेंस है. राज्य में सबसे ज्यादा बंदूक लाइसेंस रायपुर में जारी किया गया है. रायपुर में 1729 लोगों के पास लाइसेंस है. रायपुर में पिछले साल 100 से ज्यादा लोगों ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, उसमें से 35 लोगों को लाइसेंस जारी किया गया है. इस साल अब तक लगभग 84 लोगों ने अर्जी दी है, इसमें से 30 लोगों को लाइसेंस जारी किया है. साल 2020 में 35 लोगों लाइसेंस जारी किया गया था.
दूसरे राज्य के लोगों ने भी ले रखा है बंदूक लाइसेंस: हालांकि इसमें दूसरे राज्यों से आकर पंजीयन करने वाले भी शामिल हैं. जिन्होंने दूसरे राज्य में लाइसेंस लिया है, लेकिन वे अब रायपुर में रह रहे हैं. उन्होंने रायपुर में आकर पंजीयन कराया है. इनकी कलेक्टोरेट के अलावा थाना में सूचना देनी होती है.
बंदूक लेने की क्या है प्रक्रिया: हालांकि सिर्फ अर्जियां लगा देने से ही बंदूक का लाइसेंस नहीं मिल जाता है. इसके लिए एक जटिल प्रक्रिया है. उस प्रक्रिया को पार करने के बाद ही अर्जी लगाने वाले को बंदूक का लाइसेंस दिया जाता है. क्योंकि लाइसेंस जारी करने के पहले बंदूक रखने और चलाने की ट्रेनिंग जरूरी है. उस सर्टिफिकेट के बिना किसी को लाइसेंस नहीं दिया जा रहा. इतना ही नहीं बंदूक लाइसेंस के लिए अर्जी लगाने वाले को उसकी वजह बताना भी जरूरी है.कलेक्ट्रेट में अर्जी जमा करने के बाद संबंधित विभाग पूरे दस्तावेजों की जांच करता है. उसके बाद यह आगे की पड़ताल के लिए पुलिस विभाग को भेज देता है. पुलिस विभाग के द्वारा अर्जी की जांच पड़ताल कर वापस कलेक्ट्रेट को जानकारी दी जाती है. अंत में यदि अर्जी लगाने वाले के सारे दस्तावेज सही हैं और बंदूक लाइसेंस लेने की वजह उचित है, तो उसे लाइसेंस जारी कर दिया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में थोड़ा समय लगता है. यही वजह है प्रति महीने लगभग 15 से 18 अर्जियां बंदूक के लाइसेंस के लिए लग रही है, जबकि उसमें से महज तीन से चार लोगों को ही लाइसेंस जारी किया जा रहा है.
लाइसेंस के लिए बंदूक चलाने की ट्रेनिंग लेना है जरूरी: बंदूक लाइसेंस लेने के पहले रायपुर पुलिस लाइन में ट्रेनिंग करना जरूरी है. इसके लिए 4 हजार की फीस ली जाती है. 5-7 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है. पिछले 8 माह में 72 से ज्यादा लोगों को ट्रेनिंग दी गई है, जबकि 4 साल में 550 लोगों को ट्रेनिंग दी गई है. उन्हें ट्रेनिंग के बाद एक्सपर्ट सर्टिफिकेट भी जारी किया है.