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Security Of Former BJP MLAs Reduced: बीजेपी के पूर्व विधायकों की सुरक्षा घटी, जनप्रतिनिधियों ने बताया सरकार की साजिश

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Published : Jul 28, 2023, 9:58 PM IST

Updated : Jul 29, 2023, 1:12 PM IST

Security Of Former BJP MLAs Reduced छत्तीसगढ़ सरकार ने पूर्व विधायक और जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा घटाने का फैसला किया है.जिसके बाद इस पर सियासत गर्माने लगी है.पूर्व विधायकों ने सरकार के इस कदम को टारगेट करने वाला बताया है.पहले की ही तरह सुरक्षा देने की मांग को लेकर पूर्व विधायकों ने राज्यपाल से इस मामले में दखल देने की सिफारिश की.

Security Of Former BJP MLAs Reduced
बीजेपी के पूर्व विधायकों की सुरक्षा घटी
बीजेपी के पूर्व विधायकों की सुरक्षा घटी

रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में रिव्यू कमेटी मीटिंग के बाद पूर्व विधायकों की सुरक्षा घटा दी है.जिसके बाद शुक्रवार को बीजेपी के पूर्व विधायक और जनप्रतिनिधियों ने राज्यपाल से मुलाकात की.इस मुलाकात में राज्यपाल से पूर्व विधायकों ने मौजूदा सरकार की शिकायत की.पूर्व विधायकों के मुताबिक जानबूझकर मौजूदा सरकार ने सुरक्षा घटाई है.

जानबूझकर सिक्योरिटी कम करने का आरोप : बीजेपी के पूर्व नेताओं का कहना है कि छत्तीसगढ़ में आने वाले समय में चुनाव होने हैं.बस्तर जैसे रिमोट एरिया के अंदरूनी इलाकों में जनप्रतिनिधि सुरक्षा के साथ ग्रामीणों से मिलते हैं. कई क्षेत्रों का दौरा करते हैं.लेकिन अब सुरक्षा घटने से जनप्रतिनिधि ऐसे स्थानों में नहीं जा पाएंगे.सरकार ऐसा करके विपक्षी दलों को जनता के बीच जाने से रोकना चाहती है.


''चित्रकूट विधानसभा अति संवेदनशील क्षेत्र है. अंदरूनी इलाकों में दौरा करने के नाम से ही हमें प्रोटेक्शन दिया गया था. उसे हटाया गया है. प्रदेश की कांग्रेस सरकार भाजपा के नेताओं से राजनीतिक षड्यंत्र कर रही है. आज कांग्रेस के जिला अध्यक्ष के पास जेड प्लस सिक्योरिटी है, चित्रकोट विधायक को जेड प्लस सिक्योरिटी दी गई है. बस्तर जिला कांग्रेस ग्रामीण के अध्यक्ष को जेड सिक्योरिटी दी गई है. उनकी सिक्योरिटी में कोई बदलाव नहीं किया गया.''लच्छूराम कश्यप,पूर्व विधायक

लच्छूराम कश्यप की माने तो चुनाव को 3 महीने बचे हैं .इस बीच अंदरूनी क्षेत्र में जाकर हमारी टीम दौरा कर रही है.जनता भाजपा के पक्ष में है.इसी डर को देखकर कांग्रेस ने अंदरूनी इलाकों में जनसंपर्क ना कर पाने के नीयत से सुरक्षा घटाई है.


" हम लोग जब घर से निकलते है तो यह सोचकर निकलते हैं कि हम वापस जिंदा लौट पाएंगे कि नहीं. अंदरूनी क्षेत्रों में जब हम जाते हैं तो ऐसे हालात हमारे रहते हैं. एक साल के अंदर बस्तर में भाजपा के चार प्रमुख नेताओं की टारगेट किलिंग की गई है.ऐसे समय में हमारी सुरक्षा कम करना सरकार की बदनीयती को दर्शाता है." सुभाऊ कश्यप,पूर्व विधायक

मुझे y+ सिक्योरिटी दी गई थी जिसे हटाकर के y कर दिया गया है, क्योंकि सिहावा क्षेत्र नक्सल प्रभावित है, लगातार आम जनता के संपर्क में रहते हैं और लगातार अंदरूनी क्षेत्रों में हमारे दौरा रहता है.लेकिन हमेशा हमें भय बना रहता है. -श्रवण मरकाम,पूर्व विधायक सिहावा

चित्रकोट के पूर्व विधायक बैदूराम कश्यप के नाम पर नक्सलियों ने पर्चा फेंका था.जिसके बाद बैदूराम की सुरक्षा बढ़ाई गई थी.लेकिन अब बैदूराम की सुरक्षा घटा दी गई है. वहीं कांग्रेस नेताओं की सुरक्षा नहीं घटी है. जिसे बैदूराम ने साजिश करार दिया है.

जेड सुरक्षा में हमें पायलेटिंग और फॉलो गाड़ियां मिलती थी. चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र का आधा मंडल नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. जिसमें झीरम घाटी के नीचे का हिस्सा भी आता है. लगातार हम संपर्क में जाते हैं .पूर्व में भी मेरे नाम से नक्सलियों का पर्चा मिला था.बावजूद इसके सुरक्षा हटा दी गई. -बैदूराम कश्यप,पूर्व विधायक


सरकार पर टारगेट करने का आरोप : अंतागढ़ के पूर्व विधायक भोजराज नाग ने सरकार पर जानबूझकर टारगेट करने का आरोप लगाया है.भोजराज नाग ने आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव के ठीक पहले नेताओं की सिक्योरिटी कम करना नेक इरादा नहीं है. आपको बता दें कि भोजराग को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली थी.जिसे हटाकर वाई कैटेगिरी की सुरक्षा दी गई है.

आदिवासी अंचल में कांग्रेस की हालत पतली है. सरकार निश्चित रूप से चुनाव हारने वाली है. इसलिए आदिवासी जनप्रतिनिधि अंदरूनी क्षेत्र में ना जाए, इसलिए सिक्योरिटी हटाई गई है. मैं पूर्व विधायक के साथ-साथ जनजातीय सुरक्षा मंच का प्रांत संयोजक हूं . मैं लगातार धर्मांतरण को लेकर अंदरुनी क्षेत्र में जाता हूं, देवी देवता वहां की सामाजिक रीति-रिवाजों और परंपराओं में मैं भाग भी लेता हूं. इसलिए सरकार हम लोगों को टारगेट कर रही है. -भोजराज नाग,पूर्व विधायक अंतागढ़


कांग्रेस शासन में कितने लोगों की हत्या : छत्तीसगढ़ में पिछले 4 सालों में नक्सलियों ने कई जनप्रतिनिधियों की हत्या की है. पूर्व विधायकों के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2019 से लेकर मार्च 2023 तक छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने कई वारदातों को अंजाम दिया.नक्सली वारदात में 33 जनप्रतिनिधि और राजनीति में सक्रिय लोगों की हत्या हुई है. पूर्व विधायकों ने राज्यपाल से मिलकर संवेदनशील क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा पहले की ही तरह करने की गुजारिश की है.


कब हटाई गई सुरक्षा : छत्तीसगढ़ सरकार ने 16 जून 2023 को एक पत्र जारी करते हुए पूर्व विधायकों की सुरक्षा कम करने का निर्देश निकाला. आपको बता दें कि 22 मई 2023 को प्रोटेक्शन रिव्यू ग्रुप की बैठक की गई थी. जिसके बाद प्रोटेक्शन रिव्यू ग्रुप की अनुशंसा पर भाजपा के पूर्व विधायकों की सुरक्षा कम की गई है.प्रोटेक्शन रिव्यु ग्रुप की बैठक होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के 20 पूर्व विधायक और जनप्रतिनिधियों के सुरक्षा घटाई गई है.

जनप्रतिनिधिपहले की सुरक्षा अभी दी गई सुरक्षा
डॉ सुभाऊ कश्यप
पूर्व विधायक बस्तर
Y+ Y

लच्छूराम कश्यप

पूर्व विधायक चित्रकोट

Z Y

श्रवण मरकाम

पूर्व विधायक सिहावा

Y+ Y

बैदूराम कश्यप

पूर्व विधायक चित्रकोट

Z Y

पिंकी शिवराज शाह

पूर्व विधायक सिहावा

Y स्थानीय स्तर सुरक्षा

भोजराज नाथ

पूर्व विधायक अंतागढ़

Z Y

कांग्रेस ने किया पलटवार : इधर कांग्रेस ने बीजेपी नेताओं की सिक्योरिटी को लेकर बयान दिया है.कांग्रेस नेता धनंजय सिंह ठाकुर के मुताबिक सिक्योरिटी हटाने का काम बीजेपी का है. पूर्व प्रधानमंत्री की सिक्योरिटी केंद्र की मोदी सरकार ने हटाकर अपना द्वेश सामने लाया है.

कांग्रेस ने नहीं हटाई किसी की सुरक्षा

"सिक्योरिटी के संबंध में केंद्र सरकार के जो दिशानिर्देश होते हैं ,उनका पालन किया जाता है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सारे सिक्योरिटी की जिम्मेदारी और किसे किस तरह की सुरक्षा मिलनी है यह इंटेलिजेंस के माध्यम से होता है. उसी के आधार पर सिक्योरिटी दी जाती है .छत्तीसगढ़ में किसी की सिक्योरिटी नहीं हटाई गई है .पूरा देश ने देखा है कि किस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक भावना के चलते पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार के लोगों की सिक्योरिटी हटाने का काम किया है. इस प्रकार का काम भारतीय जनता पार्टी करती है. कांग्रेस पार्टी इस तरह की भावना के साथ काम नहीं करती है. हर लोगों की सुरक्षा का इंतजाम कांग्रेस पार्टी करती है" धनंजय सिंह ठाकुर, कांग्रेस नेता

आपको बता दें कि हाल ही में बस्तर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों की सिक्योरिटी प्रदेश सरकार ने कम की है.जिसकी शिकायत बीजेपी के जनप्रतिनिधियों ने राज्यपाल से की थी.लेकिन कांग्रेस का कहना है कि किसी भी नेता की सिक्योरिटी कम नहीं हुई है.कांग्रेस के शासन में हर किसी की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है.

बीजेपी के पूर्व विधायकों की सुरक्षा घटी

रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में रिव्यू कमेटी मीटिंग के बाद पूर्व विधायकों की सुरक्षा घटा दी है.जिसके बाद शुक्रवार को बीजेपी के पूर्व विधायक और जनप्रतिनिधियों ने राज्यपाल से मुलाकात की.इस मुलाकात में राज्यपाल से पूर्व विधायकों ने मौजूदा सरकार की शिकायत की.पूर्व विधायकों के मुताबिक जानबूझकर मौजूदा सरकार ने सुरक्षा घटाई है.

जानबूझकर सिक्योरिटी कम करने का आरोप : बीजेपी के पूर्व नेताओं का कहना है कि छत्तीसगढ़ में आने वाले समय में चुनाव होने हैं.बस्तर जैसे रिमोट एरिया के अंदरूनी इलाकों में जनप्रतिनिधि सुरक्षा के साथ ग्रामीणों से मिलते हैं. कई क्षेत्रों का दौरा करते हैं.लेकिन अब सुरक्षा घटने से जनप्रतिनिधि ऐसे स्थानों में नहीं जा पाएंगे.सरकार ऐसा करके विपक्षी दलों को जनता के बीच जाने से रोकना चाहती है.


''चित्रकूट विधानसभा अति संवेदनशील क्षेत्र है. अंदरूनी इलाकों में दौरा करने के नाम से ही हमें प्रोटेक्शन दिया गया था. उसे हटाया गया है. प्रदेश की कांग्रेस सरकार भाजपा के नेताओं से राजनीतिक षड्यंत्र कर रही है. आज कांग्रेस के जिला अध्यक्ष के पास जेड प्लस सिक्योरिटी है, चित्रकोट विधायक को जेड प्लस सिक्योरिटी दी गई है. बस्तर जिला कांग्रेस ग्रामीण के अध्यक्ष को जेड सिक्योरिटी दी गई है. उनकी सिक्योरिटी में कोई बदलाव नहीं किया गया.''लच्छूराम कश्यप,पूर्व विधायक

लच्छूराम कश्यप की माने तो चुनाव को 3 महीने बचे हैं .इस बीच अंदरूनी क्षेत्र में जाकर हमारी टीम दौरा कर रही है.जनता भाजपा के पक्ष में है.इसी डर को देखकर कांग्रेस ने अंदरूनी इलाकों में जनसंपर्क ना कर पाने के नीयत से सुरक्षा घटाई है.


" हम लोग जब घर से निकलते है तो यह सोचकर निकलते हैं कि हम वापस जिंदा लौट पाएंगे कि नहीं. अंदरूनी क्षेत्रों में जब हम जाते हैं तो ऐसे हालात हमारे रहते हैं. एक साल के अंदर बस्तर में भाजपा के चार प्रमुख नेताओं की टारगेट किलिंग की गई है.ऐसे समय में हमारी सुरक्षा कम करना सरकार की बदनीयती को दर्शाता है." सुभाऊ कश्यप,पूर्व विधायक

मुझे y+ सिक्योरिटी दी गई थी जिसे हटाकर के y कर दिया गया है, क्योंकि सिहावा क्षेत्र नक्सल प्रभावित है, लगातार आम जनता के संपर्क में रहते हैं और लगातार अंदरूनी क्षेत्रों में हमारे दौरा रहता है.लेकिन हमेशा हमें भय बना रहता है. -श्रवण मरकाम,पूर्व विधायक सिहावा

चित्रकोट के पूर्व विधायक बैदूराम कश्यप के नाम पर नक्सलियों ने पर्चा फेंका था.जिसके बाद बैदूराम की सुरक्षा बढ़ाई गई थी.लेकिन अब बैदूराम की सुरक्षा घटा दी गई है. वहीं कांग्रेस नेताओं की सुरक्षा नहीं घटी है. जिसे बैदूराम ने साजिश करार दिया है.

जेड सुरक्षा में हमें पायलेटिंग और फॉलो गाड़ियां मिलती थी. चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र का आधा मंडल नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. जिसमें झीरम घाटी के नीचे का हिस्सा भी आता है. लगातार हम संपर्क में जाते हैं .पूर्व में भी मेरे नाम से नक्सलियों का पर्चा मिला था.बावजूद इसके सुरक्षा हटा दी गई. -बैदूराम कश्यप,पूर्व विधायक


सरकार पर टारगेट करने का आरोप : अंतागढ़ के पूर्व विधायक भोजराज नाग ने सरकार पर जानबूझकर टारगेट करने का आरोप लगाया है.भोजराज नाग ने आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव के ठीक पहले नेताओं की सिक्योरिटी कम करना नेक इरादा नहीं है. आपको बता दें कि भोजराग को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली थी.जिसे हटाकर वाई कैटेगिरी की सुरक्षा दी गई है.

आदिवासी अंचल में कांग्रेस की हालत पतली है. सरकार निश्चित रूप से चुनाव हारने वाली है. इसलिए आदिवासी जनप्रतिनिधि अंदरूनी क्षेत्र में ना जाए, इसलिए सिक्योरिटी हटाई गई है. मैं पूर्व विधायक के साथ-साथ जनजातीय सुरक्षा मंच का प्रांत संयोजक हूं . मैं लगातार धर्मांतरण को लेकर अंदरुनी क्षेत्र में जाता हूं, देवी देवता वहां की सामाजिक रीति-रिवाजों और परंपराओं में मैं भाग भी लेता हूं. इसलिए सरकार हम लोगों को टारगेट कर रही है. -भोजराज नाग,पूर्व विधायक अंतागढ़


कांग्रेस शासन में कितने लोगों की हत्या : छत्तीसगढ़ में पिछले 4 सालों में नक्सलियों ने कई जनप्रतिनिधियों की हत्या की है. पूर्व विधायकों के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2019 से लेकर मार्च 2023 तक छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने कई वारदातों को अंजाम दिया.नक्सली वारदात में 33 जनप्रतिनिधि और राजनीति में सक्रिय लोगों की हत्या हुई है. पूर्व विधायकों ने राज्यपाल से मिलकर संवेदनशील क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा पहले की ही तरह करने की गुजारिश की है.


कब हटाई गई सुरक्षा : छत्तीसगढ़ सरकार ने 16 जून 2023 को एक पत्र जारी करते हुए पूर्व विधायकों की सुरक्षा कम करने का निर्देश निकाला. आपको बता दें कि 22 मई 2023 को प्रोटेक्शन रिव्यू ग्रुप की बैठक की गई थी. जिसके बाद प्रोटेक्शन रिव्यू ग्रुप की अनुशंसा पर भाजपा के पूर्व विधायकों की सुरक्षा कम की गई है.प्रोटेक्शन रिव्यु ग्रुप की बैठक होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के 20 पूर्व विधायक और जनप्रतिनिधियों के सुरक्षा घटाई गई है.

जनप्रतिनिधिपहले की सुरक्षा अभी दी गई सुरक्षा
डॉ सुभाऊ कश्यप
पूर्व विधायक बस्तर
Y+ Y

लच्छूराम कश्यप

पूर्व विधायक चित्रकोट

Z Y

श्रवण मरकाम

पूर्व विधायक सिहावा

Y+ Y

बैदूराम कश्यप

पूर्व विधायक चित्रकोट

Z Y

पिंकी शिवराज शाह

पूर्व विधायक सिहावा

Y स्थानीय स्तर सुरक्षा

भोजराज नाथ

पूर्व विधायक अंतागढ़

Z Y

कांग्रेस ने किया पलटवार : इधर कांग्रेस ने बीजेपी नेताओं की सिक्योरिटी को लेकर बयान दिया है.कांग्रेस नेता धनंजय सिंह ठाकुर के मुताबिक सिक्योरिटी हटाने का काम बीजेपी का है. पूर्व प्रधानमंत्री की सिक्योरिटी केंद्र की मोदी सरकार ने हटाकर अपना द्वेश सामने लाया है.

कांग्रेस ने नहीं हटाई किसी की सुरक्षा

"सिक्योरिटी के संबंध में केंद्र सरकार के जो दिशानिर्देश होते हैं ,उनका पालन किया जाता है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सारे सिक्योरिटी की जिम्मेदारी और किसे किस तरह की सुरक्षा मिलनी है यह इंटेलिजेंस के माध्यम से होता है. उसी के आधार पर सिक्योरिटी दी जाती है .छत्तीसगढ़ में किसी की सिक्योरिटी नहीं हटाई गई है .पूरा देश ने देखा है कि किस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक भावना के चलते पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार के लोगों की सिक्योरिटी हटाने का काम किया है. इस प्रकार का काम भारतीय जनता पार्टी करती है. कांग्रेस पार्टी इस तरह की भावना के साथ काम नहीं करती है. हर लोगों की सुरक्षा का इंतजाम कांग्रेस पार्टी करती है" धनंजय सिंह ठाकुर, कांग्रेस नेता

आपको बता दें कि हाल ही में बस्तर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों की सिक्योरिटी प्रदेश सरकार ने कम की है.जिसकी शिकायत बीजेपी के जनप्रतिनिधियों ने राज्यपाल से की थी.लेकिन कांग्रेस का कहना है कि किसी भी नेता की सिक्योरिटी कम नहीं हुई है.कांग्रेस के शासन में हर किसी की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है.

Last Updated : Jul 29, 2023, 1:12 PM IST
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