रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में शराबबंदी को लेकर जोरदार हंगामा हुआ.विपक्षी दल ने शराबबंदी को लेकर बनाई गई समिति के कार्यकाल की जानकारी सरकार से मांगी है.इसके साथ ही विपक्ष ने सवाल पूछा है कि शराब बंदी को लेकर जिस समिति का गठन किया गया है.उसके कार्यकाल को कितने बार बढ़ाया गया है.साथ ही साथ गंगाजल हाथ में लेकर शराबबंदी करने का भी सवाल सदन में उठा.
मंत्री के जवाब के बाद हंगामा : विपक्ष के सवालों पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा के जवाब के बाद सदन में हंगामा हो गया.मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि शराबबंदी समिति के गठन के समय बीजेपी से दो विधायकों के नाम मांगे गए थे.जो उन्होंने नहीं दिए. इस पर विपक्ष ने कहा कि क्या सत्ता पक्ष ने घोषणा पत्र बीजेपी से पूछकर तैयार किया था.जिसके बाद सदन में हंगामा होने लगा.
शराबबंदी के मुद्दे पर घिरी सरकार: छत्तीसगढ़ में 2018 के विधानसभा चुनाव में शराबबंदी बड़ा मुद्दा रहा है. अब 2023 विधानसभा चुनाव करीब आते ही विपक्ष इस मुद्दे को लेकर हमलावर हो गया है. बीजेपी शराबबंदी के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को लगातार घेरने में जुटी है. दरअसल 2018 विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने शराबबंदी करने का वादा किया और अपने घोषणा पत्र भी इस मुद्दे को शामिल किया था. लेकिन सरकार बनने के साढ़े 4 साल से ज्यादा बीतने के बाद भी प्रदेश में शराबबंदी नहीं हुई है. हालांकि कांग्रेस सरकार ने एक कमिटी बनाई है. यह कमेटी लगातार जिन राज्यों में शराबबंदी हुई है, वहां जाकर उनकी नीति समझ रही है. इसी कमेटी को लेकर सदन में सवाल जवाब हुआ.