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War Of Words Chhattisgarh Assembly Elections 2023: छत्तीसगढ़ में चुनावी बिसात पर समीकरण साध रहे उम्मीदवार, बीजेपी कांग्रेस में 'वर्ड' वाॅर - धनंजय सिंह ठाकुर

Chhattisgarh Assembly Elections 2023 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने के मामले में बीजेपी कांग्रेस से 21 हो गई है. इसी को बेस बनाकर भाजपा ने चुनाव में बढ़त लेने का दावा भी किया है. हालांकि कांग्रेस ने उम्मीदवारों की फेहरिस्त पर ही सवाल उठाकर भाजपा के दावों की हवा निकालने की पूरी कोशिश की. इसे लेकर अब भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग भी तेज हो गई है.War Of Words

Chhattisgarh Assembly Elections 2023
भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग तेज
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Published : Aug 19, 2023, 8:41 PM IST

गुटबाजी और खेमेबाजी पर भी दोनों पार्टियां एक दूसरे को लेकर मुखर

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर बसपा के बाद भाजपा ही ऐसी दूसरी पार्टी है, जिसने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. कांग्रेस में अभी इसे लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं है तो वहीं चुनाव में उतरने से पहले आम आदमी पार्टी, जोगी कांग्रेस, सर्व आदिवासी समाज जैसी पार्टिंयां अपने कैडर की जांच परख में जुटी हैं. 21 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर भाजपा ने लीड लेने और इस बढ़त को चुनाव में भी बरकरार रखने का दावा किया है. कांग्रेस ने भाजपा के उम्मीदवारों को कमजोर बताकर खुद को आगे रखने का प्रयास किया है. उम्मीदवारों के साथ ही गुटबाजी और खेमेबाजी पर भी दोनों पार्टियां एक दूसरे को लेकर मुखर हैं.

अरुण साव बोले-भूपेश बघेल को पटखनी देंगे विजय बघेल: एकात्म परिसर भाजपा कार्यालय में शनिवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने प्रेस वार्ता ली. अरुण साव ने कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया. मंत्री अमरजीत भगत के सांड और बछड़े की लड़ाई वाले बयान पर कहा कि, "पाटन विधानसभा सीट पर इस बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को विजय बघेल पटखनी देंगे. साल 2008 के चुनाव में विजय बघेल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पटखनी दी थी. भूपेश बघेल को हार का सामना करना पड़ा था. इस बार भाजपा की सरकार बनेगी."

उस मंत्री को पता होना चाहिए कि साल 2008 में विजय बघेल ने भूपेश बघेल को हराया था और पटखनी दी थी. इसी बात को विधानसभा चुनाव 2023 में दोहराया जाएगा. -अरुण साव, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा

राजनीतिक गलियारों में शुरू हुई उथल-पुथल: विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर छत्तीसगढ़ में उथल पुथल शुरू हो गई है. इस बार भाजपा की ओर से कांग्रेस की एकता पर ही सवाल उठाया गया. भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने पिछले दिनों जगदलपुर में हुए संकल्प शिविर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से अनुरोध पर चुटकी ली और कांग्रेस की एकता पर सवाल उठाया.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी कांग्रेस के आपस में लड़ाई झगड़े के असली सूत्रधार और प्रेरणा पुरुष तो आप हैं. सबसे पहले ढाई ढाई साल के फार्मूले पर टीएस सिंह देव जी को धोखा दिया. अपने मोहन मरकाम जी को, आपने प्रेमसाय सिंह टेकाम जी को धोखा दिया. अति गुटबाजी की वजह से पद से हटवाया. इन सारे प्रपंचों के आप ही सूत्रधार हैं. कांग्रेस इसी आपसी लड़ाई और एक दूसरे की टांग खिंचाई की वजह से जैसे पूरे देश में समाप्त हुई है, वैसे ही छत्तीसगढ़ में भी समाप्त होने के लिए आगे बढ़ रही है. 2023 में कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार रहे. -ओपी चौधरी, महामंत्री, भाजपा

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गुटबाजी के आरोपों पर कांग्रेस का पलटवार: कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने गुटबाजी के आरोपों पर पलटवार किया. धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि, "बात करने से पहले भारतीय जनता पार्टी को आत्ममंथन और आत्म अवलोकन करना चाहिए. जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी में बड़ी गुटबाजी चल रही है, रमन सिंह जी का ग्रुप, सरोज पांडे जी का गुट, बृजमोहन अग्रवाल जी का गुट, ओम माथुर जी का गुट. वहीं भारतीय जनता पार्टी में दूसरी गुटबाजी आरएसएस वर्सेस भाजपा के लोगों के बीच चल रही है. तो भाजपा कांग्रेस की गुटबाजी पर बोलने से पहले अपनी पार्टी पर ध्यान दे.

जेपी नड्डा को तो अमित शाह धक्का मार देते हैं, फिर ये किस गुटबाजी की बात करते हैं. अजय चंद्राकर जी भाजपा के कार्यकर्ताओं को धमकाते हैं. सब कुछ सामने दिख रहा है. डॉक्टर रमन सिंह का चेहरा अरुण साहब नहीं देखना चाहते. अरुण साहब का चेहरा सरोज पांडे नहीं देखना चाहतीं. सरोज पांडे को विजय जी बर्दाश्त नहीं करते हैं. संतोष पांडे को कार्यकर्ता नहीं बर्दाश्त करते. ओम माथुर की कोई सुनता नहीं है और जो ओपी चौधरी हैं, पैराशूट लैंडिंग लेकर भाजपा के नेता बने हैं, उन्हें कार्यकर्ता देखना पसंद नहीं करते. -धनंजय सिंह ठाकुर, प्रवक्ता, कांग्रेस

जुबानी जंग के बीच कांग्रेस 75 प्लस सीटों के साथ दोबारा छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने का दावा कर रही है. वहीं भाजपा ने 21 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर चुनावी दंगल में बढ़त लेने की बात कही है. भाजपा नेता इस बढ़त का चुनाव परिणाम तक बरकरार रखने और छत्तीसगढ़ से कांग्रेस को बेदखल करने का दावा ठोंक रहें हैं. बहरहाल चुनाव परिणाम चाहे जो हो, लेकिन चुनावी दंगल में अभी से ही गरमाहट आनी शुरू हो गई है, जिसके दिनों दिन और बढ़ने का आसार हैं.

गुटबाजी और खेमेबाजी पर भी दोनों पार्टियां एक दूसरे को लेकर मुखर

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर बसपा के बाद भाजपा ही ऐसी दूसरी पार्टी है, जिसने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. कांग्रेस में अभी इसे लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं है तो वहीं चुनाव में उतरने से पहले आम आदमी पार्टी, जोगी कांग्रेस, सर्व आदिवासी समाज जैसी पार्टिंयां अपने कैडर की जांच परख में जुटी हैं. 21 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर भाजपा ने लीड लेने और इस बढ़त को चुनाव में भी बरकरार रखने का दावा किया है. कांग्रेस ने भाजपा के उम्मीदवारों को कमजोर बताकर खुद को आगे रखने का प्रयास किया है. उम्मीदवारों के साथ ही गुटबाजी और खेमेबाजी पर भी दोनों पार्टियां एक दूसरे को लेकर मुखर हैं.

अरुण साव बोले-भूपेश बघेल को पटखनी देंगे विजय बघेल: एकात्म परिसर भाजपा कार्यालय में शनिवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने प्रेस वार्ता ली. अरुण साव ने कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया. मंत्री अमरजीत भगत के सांड और बछड़े की लड़ाई वाले बयान पर कहा कि, "पाटन विधानसभा सीट पर इस बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को विजय बघेल पटखनी देंगे. साल 2008 के चुनाव में विजय बघेल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पटखनी दी थी. भूपेश बघेल को हार का सामना करना पड़ा था. इस बार भाजपा की सरकार बनेगी."

उस मंत्री को पता होना चाहिए कि साल 2008 में विजय बघेल ने भूपेश बघेल को हराया था और पटखनी दी थी. इसी बात को विधानसभा चुनाव 2023 में दोहराया जाएगा. -अरुण साव, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा

राजनीतिक गलियारों में शुरू हुई उथल-पुथल: विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर छत्तीसगढ़ में उथल पुथल शुरू हो गई है. इस बार भाजपा की ओर से कांग्रेस की एकता पर ही सवाल उठाया गया. भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने पिछले दिनों जगदलपुर में हुए संकल्प शिविर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से अनुरोध पर चुटकी ली और कांग्रेस की एकता पर सवाल उठाया.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी कांग्रेस के आपस में लड़ाई झगड़े के असली सूत्रधार और प्रेरणा पुरुष तो आप हैं. सबसे पहले ढाई ढाई साल के फार्मूले पर टीएस सिंह देव जी को धोखा दिया. अपने मोहन मरकाम जी को, आपने प्रेमसाय सिंह टेकाम जी को धोखा दिया. अति गुटबाजी की वजह से पद से हटवाया. इन सारे प्रपंचों के आप ही सूत्रधार हैं. कांग्रेस इसी आपसी लड़ाई और एक दूसरे की टांग खिंचाई की वजह से जैसे पूरे देश में समाप्त हुई है, वैसे ही छत्तीसगढ़ में भी समाप्त होने के लिए आगे बढ़ रही है. 2023 में कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार रहे. -ओपी चौधरी, महामंत्री, भाजपा

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गुटबाजी के आरोपों पर कांग्रेस का पलटवार: कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने गुटबाजी के आरोपों पर पलटवार किया. धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि, "बात करने से पहले भारतीय जनता पार्टी को आत्ममंथन और आत्म अवलोकन करना चाहिए. जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी में बड़ी गुटबाजी चल रही है, रमन सिंह जी का ग्रुप, सरोज पांडे जी का गुट, बृजमोहन अग्रवाल जी का गुट, ओम माथुर जी का गुट. वहीं भारतीय जनता पार्टी में दूसरी गुटबाजी आरएसएस वर्सेस भाजपा के लोगों के बीच चल रही है. तो भाजपा कांग्रेस की गुटबाजी पर बोलने से पहले अपनी पार्टी पर ध्यान दे.

जेपी नड्डा को तो अमित शाह धक्का मार देते हैं, फिर ये किस गुटबाजी की बात करते हैं. अजय चंद्राकर जी भाजपा के कार्यकर्ताओं को धमकाते हैं. सब कुछ सामने दिख रहा है. डॉक्टर रमन सिंह का चेहरा अरुण साहब नहीं देखना चाहते. अरुण साहब का चेहरा सरोज पांडे नहीं देखना चाहतीं. सरोज पांडे को विजय जी बर्दाश्त नहीं करते हैं. संतोष पांडे को कार्यकर्ता नहीं बर्दाश्त करते. ओम माथुर की कोई सुनता नहीं है और जो ओपी चौधरी हैं, पैराशूट लैंडिंग लेकर भाजपा के नेता बने हैं, उन्हें कार्यकर्ता देखना पसंद नहीं करते. -धनंजय सिंह ठाकुर, प्रवक्ता, कांग्रेस

जुबानी जंग के बीच कांग्रेस 75 प्लस सीटों के साथ दोबारा छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने का दावा कर रही है. वहीं भाजपा ने 21 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर चुनावी दंगल में बढ़त लेने की बात कही है. भाजपा नेता इस बढ़त का चुनाव परिणाम तक बरकरार रखने और छत्तीसगढ़ से कांग्रेस को बेदखल करने का दावा ठोंक रहें हैं. बहरहाल चुनाव परिणाम चाहे जो हो, लेकिन चुनावी दंगल में अभी से ही गरमाहट आनी शुरू हो गई है, जिसके दिनों दिन और बढ़ने का आसार हैं.

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