रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज राजनांदगांव दौरे पर हैं. इसके पहले उन्होंने रायपुर हेलीपैड पर पत्रकारों से चर्चा कर उनके सवालों का जवाब दिया है. उन्होंने अमित जोगी को मिले जेड प्लस सुरक्षा को लेकर भी भाजपा पर पलटवार किया. उन्होंने जेड प्लस सुरक्षा के क्रोनोलॉजी को समझने की जरूरत बताई है. साथ ही चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा छत्तीसगढ़िया बात पर भी तंज कसा है.
सीएम भूपेश बघेल ने रमन पर साधा निशाना: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, "भाजपा में भले ही चेहरा रमन सिंह को ना बनाया गया हो, कोई कुछ कहे, लेकिन चली तो रमन सिंह की ही है. रमन सिंह की इसलिए चली, क्योंकि 15 साल अमन सिंह ने यहां सत्ता चलाया है और अब अमन सिंह जुड़ गया है अडानी से और अडानी को हमारा विश्व गुरु मना नहीं कर सकता है."
जोगी को जेड प्लस सुरक्षा मिलने पर बोले सीएम: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, "अभी जो 30 से अधिक कैंडिडेट हैं, जिन्हें जेड प्लस की सुरक्षा दी गई है. अच्छी बात है, पूरे देश को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है और लोगों को भी दिया जाना चाहिए. लेकिन एक बात और समझ लीजिए. जो क्रोनोलॉजी है, इसमें अमित जोगी को जेड प्लस सुरक्षा दी गई है. दूसरी बात यह है कि कल ही उन्होंने एप्लीकेशन लगाया है हाई कोर्ट में कि उन्हें चुनाव लड़ने दिया जाए और कल उसकी सुनवाई है. उसको जेड प्लस सुरक्षा दी गई है.
"जोगी और रमन सिंह की दोस्ती तो आप लोग जानते ही हैं. यह पूरे क्रोनोलॉजी को आपको समझने की आवश्यकता है." - भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री, छ्त्तीसगढ़
बीजेपी को बताया मानसिक दिवालियापन का शिकार: कांग्रेस संकल्प शिविर के नारे की तरह भाजपा द्वारा नारा तैयार करने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, छत्तीसगढ़ महतारी का 15 साल तक फोटो यह लोग लगाए नहीं. अब यह लोग लगाने लगे हैं. कभी छत्तीसगढ़ी में नारा नहीं बनाते थे, अब नारा बनाने लगे हैं. अब हमारा नारा भी चुराने लगे. परिवर्तन यात्रा भी हम लोग किए थे. अब मानसिक दिवालियापन की यह निशानी है.
"भाजपा कैडर की सुनती कहां है": मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, भारतीय जनता पार्टी एक कैडर बेस पार्टी है, लेकिन कैडर की सुनते कहां है? यदि कैडर की सुनते, तो इतने लोग विरोध में नहीं आते, जो लगातार भारतीय जनता पार्टी के डिसीजन के बाद विरोध के स्वर सुनाई दे रहे थे, यदि कैडर की सुन लिए होते, तो विरोध होता नहीं. उन्हें पूछे नहीं, तो क्या कैडर बेस पार्टी? भारतीय जनता पार्टी के पास संसाधन की कोई कमी नहीं है, तो रमन सिंह जी ने बड़ी होशियारी और चालाकी से आरएसएस के कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के लिए कुछ कार्यकर्ताओं को टिकट दे दिया है. वह जीतने वाले नहीं हैं, लेकिन अब उसको (आरएसएस) सक्रिय करने के लिए रमन सिंह के पीछे जो ब्रेन है, वह अमन सिंह का है."
तेजस्वी सूर्या पर सीएम भूपेश का तंज: भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या का कहना है कि पहले मैं जब आया हुआ था, तब सीएम हाउस का घेराव किया था. अब उसके अंदर भाजपा को स्थापित करने का संकल्प लेने आया हूं. इस पर बघेल ने कहा, "कर्नाटक में तो कर लिए. वह जहां से भी आते हैं, क्या दुर्गति हुई है तेजस्वी सूर्या की."
धान पर बोनस को लेकर रमन को घेरा: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, रमन सिंह कह रहे हैं कि बोनस नहीं दे पाए, इसलिए हम लोगों को हार का सामना करना पड़ा था. इस पर बघेल ने कहा कि मैं बोल रहा हूं कि बोनस पर प्रतिबंध क्यों लगाया है. यह बात रमन सिंह जी अपने केंद्रीय नेतृत्व को क्यों नहीं बताते. अब तो उनका बढ़िया चैनल हो गया है. अमन सिंह अडानी के थ्रू. तो उन्हें उस माध्यम का उपयोग करना चाहिए. देश का भला होगा. देश के किसानों का भला होगा.
"जो केंद्र सरकार ने बोनस पर प्रतिबंध लगाया है, जो राज्य सरकार देती थी. पहले तो मनमोहन सिंह के समय में केंद्र सरकार भी देती थी. जैसे ही मोदी जी सरकार में आए 2014 में, वैसे ही उन्होंने बोनस पर प्रतिबंध लगाया. इस कारण से हमें राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू करना पड़ा." - भूपेश बघेल, सीएम, छत्तीसगढ़
टिकट बंटवारे को लेकर बीजेपी पर साधा निशाना: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, टिकट बंटने के साथ ही बीजेपी में अभी से सीएम पद की दावेदारी शुरू हो गई है. इस पर बघेल ने भाजपा में गुटबाजी होने की बात कही है. पूरे 5 साल लोगों ने देखा बीजेपी में हंटर चला कर पुरंदेश्वरी चली गई. मेघवाल जी असफल हो गए. अब माथुर जी आए, तो लगा था सब कुछ बदल डालेंगे. लेकिन 15 साल छत्तीसगढ़ को जिन लोगों ने लूटा, वह लोग ऐसा माहौल बनाए कि जब-जब बड़े नेता आते थे, भीड़ कम होती थी. यह लोग कार्यकर्ताओं को नहीं जाने देते थे. तो हुआ यह कि माथुर साहब भी असफल हो गए.
मंगलवार सोमवार को आचार संहिता लगने के बाद छत्तीसगढ़ में राजनीतिक पारा हाई है. बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं. वहीं आम आदमी पार्टी और जेसीसीजे समेत अन्य दल भी कांग्रेस सरकार पर हमलावर है. बीजेपी की ओर से 85 सीटों पर प्रत्याशियों के ऐलान के बाद कांग्रेस भी अपने उम्मीदवारों को लेकर मंथन कर रही है.