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Arvind Netam: अरविंद नेताम ने छोड़ा कांग्रेस का साथ, नहीं लड़ेंगे विधानसभा चुनाव, छत्तीसगढ़ में अब इस्तीफे पर सियासी घमासान

Arvind Netam छत्तीसगढ़ के फायर ब्रांड आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. उन्होंने कांग्रेस से भी इस्तीफा दे दिया है. नेताम ने पहले ही कांग्रेस छोड़ने का मन बना लिया था. ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि वो आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. लेकिन ईटीवी भारत से नेताम ने चुनाव नहीं लड़ने की पुष्टि की है. ETV Bharat Exclusive

Chhattisgarh Assembly Election 2023
आदिवासी नेता अरविंद नेताम नहीं लड़ेंगे विधानसभा चुनाव
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Published : Aug 10, 2023, 2:07 PM IST

Updated : Aug 10, 2023, 11:39 PM IST

अरविंद नेताम ने छोड़ा कांग्रेस का साथ

रायपुर : सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष अरविंद नेताम ने ऐलान किया है कि वो आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. ईटीवी भारत ने अरविंद नेताम से कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर सर्व आदिवासी समाज की बागडोर संभालने को लेकर सवाल किया था. नेताम से पूछा गया था कि वो आगामी विधानसभा चुनाव में किस सीट से पर्चा दाखिल करेंगे. इस सवाल के जवाब में नेताम ने कहा कि अब वो इस उम्र में चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि चुनाव लड़वाएंगे. 9 अगस्त की रात ही अरविंद नेताम में कांग्रेस अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया.

आदिवासी सम्मेलन में किया था पार्टी छोड़ने का ऐलान : आपको बता दें कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर अरविंद नेताम ने रायपुर के इंडोर स्टेडियम में जनसभा को संबोधित किया था. इस दौरान आदिवासी सम्मेलन के दौरान अरविंद नेताम ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने का ऐलान किया. इसके बाद से ही नेताम के इस्तीफे की चर्चा राजनीतिक गलियारों में होने लगी.

अरविंद नेताम ने इस्तीफे में लिखी पार्टी छोड़ने की ये वजह: "मैं कांग्रेस पार्टी का क्रियाशील सदस्य हूं. 5 वर्ष पूर्व तत्कालीन अध्यक्ष माननीय राहुल गांधी के आह्वान पर कांग्रेस में वापस आकर अपने अनुभव से पार्टी को मजबूती प्रदान करने का हमेशा प्रयास किया. परन्तु प्रदेश नेतृत्व के असहयोग रवैये के कारण मुझे निराशा हुई. प्रदेश नेतृत्व राज्य में आदिवासी समाज के लिए बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर के द्वारा प्रदान संवैधानिक अधिकारों के विपरीत काम करने तथा पेसा कानून 1996 में आदिवासी समाज को जल, जंगल, जमीन में ग्रामसभा के अधिकारों को समाप्त कर दिया गया है. इस प्रकार से आदिवासी विरोधी सरकार है. अतः मैं आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रहा हूं. केंद्रीय नेतृत्व से मुझे हमेशा मार्गदर्शन एवं आर्शीवाद मिलता रहा है, उसके लिए पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं."

इस्तीफे पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस पर बोला हमला : दिग्गज आदिवासी नेता अरविंद नेताम के कांग्रेस पार्टी छोड़ने के फैसले ने राजनीतिक गलियारों की सरगर्मी बढ़ा दी है. बीजेपी नेता और प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस को आदिवासियों का अपमान करने वाला बताया.

कांग्रेस पार्टी ने हमेशा से आदिवासियों का अपमान किया है, कांग्रेस पार्टी की नीतियां आदिवासियों के खिलाफ में रही है, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम ने आज कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है. इससे यह साफ झलकता है कि कांग्रेस पार्टी किस तरह आदिवासियों को धोखा दे रही है. चाहे वह शिक्षा का मामला हो, स्वास्थ्य का मामला हो या रोजगार का मामला हो. सभी मामलों में कांग्रेस ने आदिवासियों को छला है.इतने बड़े आदिवासी नेता का जाना कांग्रेस के आदिवासी विरोधी चेहरे का पर्दाफाश करता है. -केदार कश्यप, महामंत्री, बीजेपी

वहीं नेताम के इस्तीफे को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कांग्रेस समेत बीजेपी पर हमला बोला है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम के त्यागपत्र से यह बात स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी आदिवासी के हितों की बात तो करती है लेकिन उनका शोषण भी कर रही है. चाहे हसदेव की बात करें या सिलगेर की या ताड़मेटला की, इसके अलावा कई घटनाएं हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी ने कभी भी आदिवासियों के हित में काम नहीं किया. केवल शोषण करने का काम किया है. वन अधिकार कानून की बात करें या पेसा कानून की बात की जाए, किसी भी कानून को इन्होंने धरातल पर नहीं पहुंचाया है. -कोमल हुपेंडी, प्रदेशाध्यक्ष, आप

भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस का पलटवार: भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के सवालों पर कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने पलटवार किया. धनंजय ठाकुर ने कहा कि भाजपा नेताओं को बताना चाहिए कि अरविंद नेताम ने जब भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली तो फिर भाजपा छोड़कर वापस क्यों कांग्रेस में चले आए. क्योंकि भाजपा में आदिवासियों का कोई सम्मान नही है. नंद कुमार साय भारतीय जनता पार्टी त्याग देते है, विष्णू देव साय को विश्व आदिवासी दिवस के दिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया जाता है. अमित शाह जब बैठक लेते हैं तब वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकी राम कंवर को भाजपा कार्यालय में घुसने नहीं दिया गया. भाजपा में आदिवासी नेताओं को तिरस्कार सहना पड़ता है.

कांग्रेस पार्टी में आदिवासी नेताओं का महत्वपूर्ण स्थान है, उनका सम्मान है. कांग्रेस पार्टी की सरकार लगातार प्रदेश में आदिवासियों के हित में काम कर रही है. अरविंद नेताम अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बीते एक दशक में कई सारे दलों के साथ जुड़े. कई सारे दलों में रहे और उन्हें छोड़े हैं. अगर वह आदिवासियों के हित की चिंता करते तो कांग्रेस में रहते कांग्रेस के साथ मिलकर आदिवासियों के हित में काम करते. अरविंद नेताम का चरित्र पूरा आदिवासी समाज देख रहा है. -धनंजय सिंह ठाकुर, प्रवक्ता, कांग्रेस

कौन हैं अरविंद नेताम : अरविंद नेताम कांग्रेस से पांच बार कांकेर से सांसद रहे. अविभाजित मध्य प्रदेश के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में अरविंद नेताम को कृषि राज्यमंत्री बनाया गया था. इसके बाद ही बस्तर में कांग्रेस की पकड़ मजबूत हुई.तब से नेताम कांग्रेस के लिए काम कर रहे थे.लेकिन साल 2012 में अरविंद नेताम को कांग्रेस ने निलंबित कर दिया था.क्योंकि नेताम ने राष्ट्रपति चुनाव में यूपीए की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी की जगह पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और आदिवासी लीडर पीए संगमा को समर्थन दिया था.

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जनवरी 2017 में अरविंद नेताम ने बीजेपी से निष्कासित पूर्व सांसद सोहन पोटाई के साथ जय छत्तीसगढ़ पार्टी का गठन किया था.लेकिन 2018 के चुनाव में पार्टी कुछ खास नहीं कर सकी.इसके बाद राहुल गांधी ने जन स्वराज सम्मेलन में नेताम की एक बार फिर कांग्रेस में वापसी कराई थी.लेकिन अब नेताम ने फिर से कांग्रेस से दूरी बनाने का मन बना लिया है.नेताम आदिवासियों के हक की आवाज उठाने के लिए जाने जाते हैं.

अरविंद नेताम ने छोड़ा कांग्रेस का साथ

रायपुर : सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष अरविंद नेताम ने ऐलान किया है कि वो आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. ईटीवी भारत ने अरविंद नेताम से कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर सर्व आदिवासी समाज की बागडोर संभालने को लेकर सवाल किया था. नेताम से पूछा गया था कि वो आगामी विधानसभा चुनाव में किस सीट से पर्चा दाखिल करेंगे. इस सवाल के जवाब में नेताम ने कहा कि अब वो इस उम्र में चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि चुनाव लड़वाएंगे. 9 अगस्त की रात ही अरविंद नेताम में कांग्रेस अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया.

आदिवासी सम्मेलन में किया था पार्टी छोड़ने का ऐलान : आपको बता दें कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर अरविंद नेताम ने रायपुर के इंडोर स्टेडियम में जनसभा को संबोधित किया था. इस दौरान आदिवासी सम्मेलन के दौरान अरविंद नेताम ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने का ऐलान किया. इसके बाद से ही नेताम के इस्तीफे की चर्चा राजनीतिक गलियारों में होने लगी.

अरविंद नेताम ने इस्तीफे में लिखी पार्टी छोड़ने की ये वजह: "मैं कांग्रेस पार्टी का क्रियाशील सदस्य हूं. 5 वर्ष पूर्व तत्कालीन अध्यक्ष माननीय राहुल गांधी के आह्वान पर कांग्रेस में वापस आकर अपने अनुभव से पार्टी को मजबूती प्रदान करने का हमेशा प्रयास किया. परन्तु प्रदेश नेतृत्व के असहयोग रवैये के कारण मुझे निराशा हुई. प्रदेश नेतृत्व राज्य में आदिवासी समाज के लिए बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर के द्वारा प्रदान संवैधानिक अधिकारों के विपरीत काम करने तथा पेसा कानून 1996 में आदिवासी समाज को जल, जंगल, जमीन में ग्रामसभा के अधिकारों को समाप्त कर दिया गया है. इस प्रकार से आदिवासी विरोधी सरकार है. अतः मैं आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रहा हूं. केंद्रीय नेतृत्व से मुझे हमेशा मार्गदर्शन एवं आर्शीवाद मिलता रहा है, उसके लिए पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं."

इस्तीफे पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस पर बोला हमला : दिग्गज आदिवासी नेता अरविंद नेताम के कांग्रेस पार्टी छोड़ने के फैसले ने राजनीतिक गलियारों की सरगर्मी बढ़ा दी है. बीजेपी नेता और प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस को आदिवासियों का अपमान करने वाला बताया.

कांग्रेस पार्टी ने हमेशा से आदिवासियों का अपमान किया है, कांग्रेस पार्टी की नीतियां आदिवासियों के खिलाफ में रही है, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम ने आज कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है. इससे यह साफ झलकता है कि कांग्रेस पार्टी किस तरह आदिवासियों को धोखा दे रही है. चाहे वह शिक्षा का मामला हो, स्वास्थ्य का मामला हो या रोजगार का मामला हो. सभी मामलों में कांग्रेस ने आदिवासियों को छला है.इतने बड़े आदिवासी नेता का जाना कांग्रेस के आदिवासी विरोधी चेहरे का पर्दाफाश करता है. -केदार कश्यप, महामंत्री, बीजेपी

वहीं नेताम के इस्तीफे को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कांग्रेस समेत बीजेपी पर हमला बोला है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम के त्यागपत्र से यह बात स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी आदिवासी के हितों की बात तो करती है लेकिन उनका शोषण भी कर रही है. चाहे हसदेव की बात करें या सिलगेर की या ताड़मेटला की, इसके अलावा कई घटनाएं हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी ने कभी भी आदिवासियों के हित में काम नहीं किया. केवल शोषण करने का काम किया है. वन अधिकार कानून की बात करें या पेसा कानून की बात की जाए, किसी भी कानून को इन्होंने धरातल पर नहीं पहुंचाया है. -कोमल हुपेंडी, प्रदेशाध्यक्ष, आप

भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस का पलटवार: भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के सवालों पर कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने पलटवार किया. धनंजय ठाकुर ने कहा कि भाजपा नेताओं को बताना चाहिए कि अरविंद नेताम ने जब भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली तो फिर भाजपा छोड़कर वापस क्यों कांग्रेस में चले आए. क्योंकि भाजपा में आदिवासियों का कोई सम्मान नही है. नंद कुमार साय भारतीय जनता पार्टी त्याग देते है, विष्णू देव साय को विश्व आदिवासी दिवस के दिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया जाता है. अमित शाह जब बैठक लेते हैं तब वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकी राम कंवर को भाजपा कार्यालय में घुसने नहीं दिया गया. भाजपा में आदिवासी नेताओं को तिरस्कार सहना पड़ता है.

कांग्रेस पार्टी में आदिवासी नेताओं का महत्वपूर्ण स्थान है, उनका सम्मान है. कांग्रेस पार्टी की सरकार लगातार प्रदेश में आदिवासियों के हित में काम कर रही है. अरविंद नेताम अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बीते एक दशक में कई सारे दलों के साथ जुड़े. कई सारे दलों में रहे और उन्हें छोड़े हैं. अगर वह आदिवासियों के हित की चिंता करते तो कांग्रेस में रहते कांग्रेस के साथ मिलकर आदिवासियों के हित में काम करते. अरविंद नेताम का चरित्र पूरा आदिवासी समाज देख रहा है. -धनंजय सिंह ठाकुर, प्रवक्ता, कांग्रेस

कौन हैं अरविंद नेताम : अरविंद नेताम कांग्रेस से पांच बार कांकेर से सांसद रहे. अविभाजित मध्य प्रदेश के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में अरविंद नेताम को कृषि राज्यमंत्री बनाया गया था. इसके बाद ही बस्तर में कांग्रेस की पकड़ मजबूत हुई.तब से नेताम कांग्रेस के लिए काम कर रहे थे.लेकिन साल 2012 में अरविंद नेताम को कांग्रेस ने निलंबित कर दिया था.क्योंकि नेताम ने राष्ट्रपति चुनाव में यूपीए की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी की जगह पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और आदिवासी लीडर पीए संगमा को समर्थन दिया था.

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जनवरी 2017 में अरविंद नेताम ने बीजेपी से निष्कासित पूर्व सांसद सोहन पोटाई के साथ जय छत्तीसगढ़ पार्टी का गठन किया था.लेकिन 2018 के चुनाव में पार्टी कुछ खास नहीं कर सकी.इसके बाद राहुल गांधी ने जन स्वराज सम्मेलन में नेताम की एक बार फिर कांग्रेस में वापसी कराई थी.लेकिन अब नेताम ने फिर से कांग्रेस से दूरी बनाने का मन बना लिया है.नेताम आदिवासियों के हक की आवाज उठाने के लिए जाने जाते हैं.

Last Updated : Aug 10, 2023, 11:39 PM IST
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