रायपुर : आदिवासी नेता सुरजू टेकाम के आपत्तिजनक बयान के वायरल होने के बाद बीजेपी के नेताओं में आक्रोश है. बीजेपी के नेता इस बयान का पूरे प्रदेश में विरोध कर रहे हैं.बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव ने बयान की घोर निंदा की है. क्योंकि जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया गया है वो वास्तव में चिंता करने योग्य है. चुनाव के ठीक पहले इस तरह के बयानों को बीजेपी ने एक बड़ी साजिश करार दिया है.अरुण साव ने इस बयान को लेकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है.
कानून व्यवस्था पर बीजेपी ने उठाए सवाल : बीजेपी की माने तो राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से चौपट है. राज्य सरकार के संरक्षण में आपराधिक घटनाएं हो रही हैं. बस्तर में बीजेपी नेताओं की टारगेट किलिंग हो रही है.अब खुलेआम सभा में काटने की धमकी दी जा रही है.जिस सभा में सुरजू टेकाम ने आपत्तिजनक बयान दिया था.वहां पर कांग्रेस विधायक इंद्र शाह मंडावी भी मौजूद थे. अरुण साव की माने तो इस बयान पर तात्कालिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई.जो ये बताने के लिए काफी है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का स्तर क्या है.
आज भूपेश बघेल डरे हुए हैं इसलिए डरकर हिंसा की राजनीति करने पर उतारू हैं. छत्तीसगढ़ की शांति व्यवस्था में खलल डालने का काम है. जो राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संरक्षण में हो रहा है. उनके विधायक की उपस्थिति में ऐसा हो रहा है. यह दुर्भाग्यजनक है. एक प्रकार इस तरह की धमकियां मिल रही है. दूसरी ओर राज्य सरकार हमारे नेताओं की सुरक्षा में कटौती कर रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ में करना क्या चाहते हैं. लोकतंत्र की हत्या हो रही है. -अरुण साव, प्रदेशाध्यक्ष बीजेपी
केंद्र की उपलब्धि को भूपेश बघेल बता रहे अपना : 12 अनुसूचित जनजातियों को एससी कैटेगरी में शामिल होने के श्रेय को लेकर भी साव ने सीएम भूपेश बघेल पर निशाना साधा है. साव के मुताबिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल झूठ बोलने में माहिर हैं.जब की केंद्र छत्तीसगढ़ को कोई उपलब्धि देता है तो कांग्रेस उस पर स्टे लेने के लिए दौड़ने लगती है. साव ने सवाल किया कि जब केंद्र में 10 साल यूपीए की सरकार थी तब ये काम क्यों नहीं हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के 12 अनुसूचित जनजाति को बरसों पुराना संवैधानिक अधिकार मिला है. जिस दिन राज्यसभा में यह विधेयक पारित हुआ, तब राज्यसभा में छत्तीसगढ़ का कोई भी सांसद नहीं था. जो ये बताने के लिए काफी है कौन झूठा श्रेय ले रहा है.
अरुण साव के मुताबिक छत्तीसगढ़ के 12 आदिवासी समूह आजादी के बाद से अब तक अनुसूचित जाति में शामिल होने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे थे. मात्राओं की त्रुटि को बहाना बनाकर कांग्रेस की सरकारों ने आदिवासियों को अधिकारों से वंचित रखा था. 2011 की जनगणना अनुसार छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति की कुल जनसंख्या 78 लाख 22 हजार 902 है. प्रदेश की कुल जनसंख्या का लगभग एक-तिहाई जनसंख्या यानी 30.62 प्रतिशत अनुसूचित जनजातियों की है. इनमें सर्वाधिक 72 लाख 31 हजार 82 ग्रामीण इलाकों में रहते हैं. संसद के दोनों सदनों में इसे पारित कराकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें उनका अधिकार लौटाया है. तब प्रदेश की कांग्रेस सरकार इस बात का श्रेय लेने की बेशर्म कोशिश कर रही है. इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान न केवल सफेद झूठ है बल्कि शर्मनाक भी है.
STSC मोर्चा बैठक से बीजेपी को होगा फायदा : रायपुर में आयोजित भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक को अरुण साव पार्टी के लिए अच्छा बताया है.इस बैठक में 2024 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनाने के लिए योजनाएं बनेंगी.साथ ही साथ छत्तीसगढ़ समेत जिन पांच राज्यों में चुनाव होने हैं उसे लेकर चर्चा की जाएगी.