रायपुर: आर्थिक तंगी से उबरने के लिए रायपुर नगर निगम (raipur nagar nigam) द्वारा शहर के अन्य दुकानों को भी बेचने की तैयारी में है. शुक्रवार को रायपुर नगर निगम (Raipur Municipal Corporation) कार्यालय में संपन्न हुई मेयर इन काउंसिल की बैठक (Mayor-in-Council meeting) में कई दुकानों और जमीन को बेचने का प्रस्ताव पारित किया गया है. आर्थिक तंगी से जूझ रहे रायपुर नगर निगम की गरीबी को दूर करने के लिए मोनेटाइजेशन ऑफ ऐसेट्स स्कीम (Monetization of Assets Scheme) के तहत लाइसेंसी दुकानों को लीज पर धारकों को ही बेचने का प्रस्ताव पास किया गया है.
प्रस्ताव के अनुसार, गंज पड़ाव, शास्त्री बाजार, चप्पल लाइन, आरडी तिवारी स्कूल परिसर, विवेकानंद नगर, गौतम नगर, लाखे नगर, कटोरा तालाब, रविग्राम तेलीबांधा और गांधी बाजार दर्जी लाइन को मिलाकर निगम की कुल 899 दुकानों को लीज धारकों को ही बेचा जाएगा. ऐसे में नगर निगम को सबसे मोटी कमाई होगी.
जमीनों को भी लीज में देने की तैयारी
राजस्व बढ़ाने के लिए नगर निगम की स्वामित्व वाली जमीनों को भी लीज पर देने की तैयारी चल रही है. जैसे जय स्तंभ चौक पर पुराना नगर निगम मुख्यालय की जमीन, डूमरतराई और गंज इलाके की जमीन को नगर निगम लीज पर देगा. इन जमीन को लीज पर लेने वाले को ही निर्माण करना होगा. नगर निगम के इस निर्णय को लेकर भाजपा पार्षद दलों में नाराजगी देखी जा रही है.
नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे (Leader of Opposition Minal Choubey) का कहना है कि नगर निगम द्वारा पूरे रायपुर को बेचने का काम महापौर के द्वारा किया जा रहा है. ये शहर की जनता के साथ छलावा कर रहे हैं. रायपुर नगर निगम के महापौर क्या पूरे शहर के मालिक हो गए हैं जो बिना पूछे ही इन सभी चीजों को बेच रहे हैं. शहर की जनता से बिना रायशुमारी किए और जनप्रतिनिधियों से चर्चा किए बगैर नगर निगम की संपत्तियों को बेचने का काम चल रहा है.
मीनल चौबे (Minal Choubey) ने कहा कि शहर के 70 वार्डों में नजूल की जमीनें हैं. उनका डेवलपमेंट कर मार्केट बनाकर डेवलप किया जा सकता है. महापौर के किस्से दिल्ली तक पहुंच चुकी है.जो शहर की संपत्तियों को बेच रहे हैं. अगर इस तरह का काम जारी रहा तो हम जमीनी स्तर पर आकर विरोध करेंगे.
रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर (Mayor Ejaz Dhebar) का कहना है कि वर्षों से किराए के दुकान संचालित किए जा रहे हैं. गोल बाजार के लोगों को मालिकाना हक देने की कवायद चल रही है. उसी तरह से अन्य जगह पर भी लोगों को मालिकाना हक दिया जाएगा. महापौर ने कहा कि, जिस तरह से गोल बाजार के सभी व्यापारियों से बातचीत की गई. उसी तरह से गंज पड़ाव के सभी व्यापारियों से बात की जाएगी और उन्हें सोमवार को चर्चा के लिए बुलाया गया है.
26 एकड़ जमीन पर प्रोजेक्ट
महापौर ने बताया कि, गंज पड़ाव में 26 एकड़ जमीन पर प्रोजेक्ट तैयार करने की तैयारी है. वहां पहले से ही कई लोगों के पास स्थाई लीज है और कई लोगों के पास अस्थाई. वहां जमीन पर कुछ लोगों ने अतिक्रमण भी किया है. कुछ लोगों का कब्जा भी है. लोगों से पहले चर्चा की जाएगी उसके बाद आगे की चीजें स्पष्ट होंगी. उन्होंने कहा कि लगातार हम शहर के विकास के लिए कार्य कर रहे हैं लेकिन विपक्ष का काम सिर्फ विरोध करना है वह अपना काम कर रहे हैं.
कांग्रेस शासित राज्य में भी निजीकरण को मिल रहा बढ़ावा
एक और जहां कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार के विनिवेश और निजीकरण को लेकर विरोध कर रही है. वहीं प्रदेश में कांग्रेस शासित राज्य होने के बावजूद रायपुर नगर निगम में भी प्राइवेटाइजेशन को बढ़ावा देने का सिलसिला जारी है. रायपुर नगर निगम द्वारा जहां कई संपत्तियों को बेचने की तैयारी चल रही है. वहीं शहर के गार्डन को भी प्राइवेट एजेंसियों को देने की तैयारी में है.
नगर निगम का दावा है कि ऐसा करने से लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही गार्डन मेंटेन होंगे. वहीं विपक्ष का कहना है नगर निगम की कथनी और करनी में बहुत फर्क है.