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रायपुर : 'संभल कर करें गणपति विर्सजन, कहीं भोपाल जैसा हाल न हो जाए' - विसर्जन कुंड

रायपुर की लाइफ लाइन कहीं जाने वाली खारून नदी में लोग भोपाल की तरह ही बिना लाइफ जैकेट पहने अपनी जान जोखिम में डालकर विसर्जन कर रहे हैं. आलम यह है कि सुरक्षा के इंतजाम देखने के लिए मौके पर पुलिस का एक भी जवान मौजूद नहीं था.

अब राजधानी में श्रद्धालु हादसे को दे रहे बुलावा.
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Published : Sep 15, 2019, 12:10 AM IST

Updated : Sep 15, 2019, 4:16 PM IST

रायपुर : भक्ति और आस्था के कार्यों में श्रद्धालु अक्सर इतना खो जाते हैं कि बड़े-बड़े खतरे भी बिना सोचे समझे ही मोल ले लेते हैं. हाल ही में भोपाल में हुए एक दुखद हादसे में 11 श्रद्धालुओं ने अपनी जान गंवा दी. गणपति की आस्था में डूबे श्रद्धालु भोपाल में गणपति का विसर्जन करने के लिए बिना लाइफ जैकेट पहने नाव में सवार हुए थे.

अब राजधानी में श्रद्धालु हादसे को दे रहे बुलावा.

इस घटना का जिक्र करना इसलिए जरूरी था ताकि इससे सीख लेकर अन्य घटनाओं को रोका जा सके, लेकिन छत्तीसगढ़ में न तो प्रशासन के जिम्मेदार और न ही आम लोगों हादसे से कोई सीख ली, तभी तो रायपुर की लाइफ लाइन कहीं जाने वाली खारून नदी में लोग भोपाल की तरह ही बिना लाइफ जैकेट पहने अपनी जान जोखिम में डालकर विसर्जन कर रहे हैं. आलम यह है कि सुरक्षा के इंतजाम देखने के लिए मौके पर पुलिस का एक भी जवान मौजूद नहीं था.

पढ़ें : केंद्र के नए ट्रैफिक नियमों पर बोले मंत्री अमरजीत भगत, 'सावन के अंधे को सब हरा-हरा दिखता है'

प्रशासन ने नदी से हटाकर अस्थाई कुंड बनाया है, जिसमें लोग गणपति का विसर्जन कर रहे थे. विसर्जन के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो. इसके लिए विसर्जन कुंड पर पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ नगर निगम के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन नदी के तट पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है. भक्ति और आस्था में खो चुके लोग नदी में जाकर विसर्जन कर रहे हैं और इन्हें रोकने वाला यहां कोई नहीं है.

ऐसा नहीं है की लोगों को खतरे का अंदाजा नहीं है. इसके साथ ही नाव चलाने वाले प्रोफेशनल भी नहीं है. यहां के हालात ये हैं की न तो लोग और न ही नाविक खतरे को नहीं समझ पा रहे हैं. लोगों की तो छोड़िए नाविक तक लाइफ जैकेट नहीं पहन रहे हैं. ऐसे में सिस्टम और गणपति विसर्जन करने वाले दोनों को चाहिए कि वो विसर्जन के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखे ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके.

रायपुर : भक्ति और आस्था के कार्यों में श्रद्धालु अक्सर इतना खो जाते हैं कि बड़े-बड़े खतरे भी बिना सोचे समझे ही मोल ले लेते हैं. हाल ही में भोपाल में हुए एक दुखद हादसे में 11 श्रद्धालुओं ने अपनी जान गंवा दी. गणपति की आस्था में डूबे श्रद्धालु भोपाल में गणपति का विसर्जन करने के लिए बिना लाइफ जैकेट पहने नाव में सवार हुए थे.

अब राजधानी में श्रद्धालु हादसे को दे रहे बुलावा.

इस घटना का जिक्र करना इसलिए जरूरी था ताकि इससे सीख लेकर अन्य घटनाओं को रोका जा सके, लेकिन छत्तीसगढ़ में न तो प्रशासन के जिम्मेदार और न ही आम लोगों हादसे से कोई सीख ली, तभी तो रायपुर की लाइफ लाइन कहीं जाने वाली खारून नदी में लोग भोपाल की तरह ही बिना लाइफ जैकेट पहने अपनी जान जोखिम में डालकर विसर्जन कर रहे हैं. आलम यह है कि सुरक्षा के इंतजाम देखने के लिए मौके पर पुलिस का एक भी जवान मौजूद नहीं था.

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प्रशासन ने नदी से हटाकर अस्थाई कुंड बनाया है, जिसमें लोग गणपति का विसर्जन कर रहे थे. विसर्जन के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो. इसके लिए विसर्जन कुंड पर पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ नगर निगम के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन नदी के तट पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है. भक्ति और आस्था में खो चुके लोग नदी में जाकर विसर्जन कर रहे हैं और इन्हें रोकने वाला यहां कोई नहीं है.

ऐसा नहीं है की लोगों को खतरे का अंदाजा नहीं है. इसके साथ ही नाव चलाने वाले प्रोफेशनल भी नहीं है. यहां के हालात ये हैं की न तो लोग और न ही नाविक खतरे को नहीं समझ पा रहे हैं. लोगों की तो छोड़िए नाविक तक लाइफ जैकेट नहीं पहन रहे हैं. ऐसे में सिस्टम और गणपति विसर्जन करने वाले दोनों को चाहिए कि वो विसर्जन के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखे ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके.

Intro:कल भोपाल में हुए गणपति विसर्जन के हादसे में तालाब में डूबने से 11 लोगों की मौत हो गई ।।वहीं रायपुर के महादेव में गणपति विसर्जन का मुआयना करने जब ईटीवी भारत की टीम खारून नदी पर बने लक्ष्मण झूले के पास पहुंची तो वहां का मंजर हैरान करने वाला था।। ना ही पुलिस और प्रशासन का कोई जवान वहां तैनात था और लोग बेखौफ होकर नाव में बैठकर नदी के बीच जाकर गणपति का विसर्जन कर रहे थे।


भोपाल की घटना से नही ली सीख

रायपुर के खारुन नदी पर बने महादेव घाट में लोग बेखौफ होकर नावों में बैठकर गणपति का विसर्जन कर रहे हैं, ।।
प्रशासन द्वारा गणपति विसर्जन के लिए अस्थाई कुंड बनाया गया है लेकिन लोग फिर भी अस्थाई कुंड में ना जाकर नदी में आकर गणपति का विसर्जन कर रहे हैं ।।


महादेव घाट में नाविक द्वारा किसी को लाइफ जैकेट दी जा रही है ना ही कोई सेफ्टी के इंतजाम बाद किए गए हैं।।
नहीं नदी किनारे लोगों को जाने के लिए भी शासन-प्रशासन की ओर से कोई जिमेदार तैनात नही किया गया है।। जिसके चलते लोग बेखौफ होकर नाव में बैठकर गणपति का विसर्जन कर रहे हैं।।।
बता दें कि बरसात के चलते खारून नदी का तेज बहाव है वहीं ऐसे में नाव में बैठकर गणपति का विसर्जन करना खतरे से खाली नहीं है।।


Body:गणपति विसर्जन करा रहे नाविकों से बात की गई तो उनका कहना था की उन्हें किसी प्रकार का कोई लाइफ जैकेट नही मिला है । वहीं उन्हें भोपाल की घटना की बात पूछी गई तो उनका कहना था कि घटना भोपाल में हुई है भोपाल वाले जाने यहां तो घटना नहीं हुई ।।


वही नदी में लोगो गणपति विसर्जन करा रहे प नाविक से बात की गई तो उसका कहना था हमें स्वयं के लिए लाईफ जैकेट दी गई है लोगों के लिए नहीं दी गई है ।।
वहीं हम लोगो का सहयोग कर रहे गणपति का विसर्जन करने के लिए और रहे हैं ,लोग हमें अपनी इक्छा से पैसे दे रहे ।


Conclusion: वहीं नदी में जाकर मूर्ति का विसर्जन कर रहे लोगों से बात की गई तो उनका कहना था कि जो होना है वह होकर रहता है।। अपनी जान अपने हाथ मे होती है।।


वही लोगों द्वारा भी लापरवाही की जा रही है वहीं शासन प्रशासन का कोई सुरक्षाकर्मी वहां तैनात नहीं है जिसके चलते प्राइवेट नाविक और लोग बेखौफ होकर नदी के पास जा रहे हैं और नाव में बैठकर नदी के बीच जाकर गणपति का विसर्जन कर रहे हैं कहीं ना कहीं एक बड़ी लापरवाही सामने आ रही है वहीं लोगों की भी एक बड़ी लापरवाही देखी जा रही है कि लोग इतने बड़े हादसे के बावजूद भी कोई सीख नहीं ले रहे हैं और बेखौफ होकर बिना लाइफ जैकेट के नाव में बैठ कर नदी में जा रहे हैं।।



वही प्रशासन द्वारा नदी से हटकर अस्थाई कुंड बनाया गया है जिसमें पराया लोग गणपति का विसर्जन कर रहे हैं सारे कर्मचारी पुलिस अधिकारी और निगम के कर्मचारी की ड्यूटी वहां लगाई गई है जिसके चलते नदी के तट पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है और लोग इसका फायदा उठाते हुए नदी के पास जाकर विसर्जन कर रहे


नोट कुछ इस वजह से भेजे गए हैं।।
Last Updated : Sep 15, 2019, 4:16 PM IST
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