रायपुर: डीडी नगर थाना में साल 2019 में जिस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था. उसमें पीड़ित परिवार को इंसाफ मिला है. करीब 4 साल के लंबे इंतजार के बाद कोर्ट ने आरोपी को सजा दी है. सजा के ऐलान के बाद पीड़ित परिवार को इंसाफ तो मिल गया, लेकिन उस मर्डर केस की टीस अभी भी है.
क्या था पूरा मामला: 13 अगस्त 2019 की रात को केपीएस स्कूल सरोना के नजदीक आरोपी राहुल अहूजा और उसका दोस्त उमेश मरसकोले ने अपने साथी राजू गुप्ता को चाकू मार कर लहूलुहान कर दिया. इलाज के दौरान राजू गुप्ता की हो गई. डीडी नगर पुलिस ने हत्या की धारा 302 समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया. पुलिस ने हत्या के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया.
हत्याकांड के बाद फैल गई सनसनी: रायपुर में 13 अगस्त 2019 की रात को हुई इस खूनी खेल की घटना ने सबको सकते में डाल दिया. डीडीनगर पुलिस के होश उड़ गए. इलाज के दौरान राजू गुप्ता की मौत के बाद पुलिस एक्शन में आयी. हत्या का मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने आरोपियों तक पहुंचने की जोर आजमाइश शुरू की. पुलिस ने दो आरोपियों को कब्जे में लिया. 8 नवंबर 2021 को द्वितीय अपर सत्र के जज विजय कुमार मिंज की कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया. न्यायाधीश विजय कुमार मिंज ने पुलिस की ओर से पेश सबूत और गवाहों के बयान के आधार पर राहुल गुप्ता को हत्या का दोषी पाया.
आरोपी का दोस्त हो गया दोष मुक्त: राजू मर्डर केस में न्यायाधीश विजय कुमार मिंज की कोर्ट ने धारा 302 में उम्र कैद, धारा 25, 27 आर्म्स एक्ट के साथ ही तीन-तीन वर्ष की सश्रम कारावास और एक-एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. इस पूरे मामले में मुख्य आरोपी के साथी उमेश मरसकोले को घटनास्थल पर साक्ष्य साबित नहीं होने के कारण कोर्ट ने दोष मुक्त करार दे दिया.