रायपुर : सिविल लाइन थाना पुलिस ने फूड इंस्पेक्टर की नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने वाले दो ठगों को गिरफ्तार किया है. इन दोनों आरोपियों ने पीड़ित की सरकारी नौकरी लगवाने का वादा किया था. लेकिन ना ही नौकरी लगी और ना ही पीड़ित को उसके पैसे वापस दिए गए. इसके बाद मामला थाने पहुंचा. थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा है.
कैसे की थी ठगी : इस मामले में पीड़ित सूरज कुमार बिलासपुर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है. साल 2022 में उसे अपने दोस्त के माध्यम से अनुराधा टंडन का नंबर मिला. दोस्त ने सूरज को बताया था कि अनुराधा की अच्छी सेटिंग है. इसलिए वो आसानी से सरकारी नौकरी लगवा सकती है. दोस्त पर भरोसा करके सूरज ने अनुराधा से बात की.अनुराधा ने सूरज से कहा कि वो उसकी नौकरी पटवारी पद में लगवा देगी. इसके लिए अनुराधा ने 9 लाख रुपए की डिमांड की, जिसमें से पीड़ित को 4 लाख रुपए एडवांस देने को कहा गया. इसके बाद महिला ने बिलासपुर से सूरज कुमार को सिविल लाइन सर्किट हाउस रायपुर बुलाया, जहां सूरज से किसी और व्यक्ति ने 4 लाख रुपए ले लिए.
नहीं बना पटवारी, फूड इंस्पेक्टर के नाम पर फिर लगाया चूना : सूरज ने पटवारी का एग्जाम दिया. लेकिन उसका सेलेक्शन नहीं हुआ. इसके बाद जब सूरज ने अनुराधा से संपर्क किया तो उसने फिर से फूड इंस्पेक्टर के पद पर नौकरी लगाने का वादा किया. इसके एवज में अनुराधा ने सूरज से दो लाख रुपए की और मांग की. सूरज को इसके लिए नोटरी कार्यालय रायपुर बुलाया. फिर अपने साथी प्रशांत सोनी की मदद से एक इकरारनामा लिखकर दिया, जिसमें लिखा था कि तीन महीने में नौकरी नहीं लगने पर पैसे वापस कर दिए जाएंगे. इकरारनामे के लिए 50 हजार रुपए पीड़ित से और लिए गए.
फूड इंस्पेक्टर बनने का सपना संजोए सूरज वापस अपने घर आ गया.इस दौरान उसने पेपर की तैयारी की और एग्जाम दिया,लेकिन जब रिजल्ट आया तो सूरज का नाम शुरु से आखिर तक नहीं था.सूरज ने जब अपने पैसे मांगे तो अनुराधा आनाकानी करने लगी.इसके बाद ठगी की आशंका को देखते हुए सूरज ने इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में की.जिसके बाद पुलिस ने जांच की और आरोपियों को गिरफ्तार किया. -विनय सिंह, थाना प्रभारी सिविल लाइन
ऐसे मामलों में अक्सर ठग बचकर निकल जाते हैं. क्योंकि उन्होंने लेन देन कैश के माध्यम से किया होता है. इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी तो हुई है, लेकिन क्या पुलिस आरोपियों से ठगी का पैसा निकलवा पाएगी. ये एक बड़ा सवाल है.