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रायपुर कोर्ट ने एएसआई को सुनाई तीन साल की सजा, जानिए क्यों ? - रायपुर की अदालत

रायपुर की अदालत ने एएसआई बीआर वर्मा (Raipur court sentenced ASI BR Verma ) को रिश्वतखोरी (Raipur Court News) के केस में सजा सुनाई है. पूरा मामला लैपटॉप चोरी के केस से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है. जिसमें आरोपी ने पीड़ित से एफआईआर वापस लेने के एवज में घूस की मांग की थी.

ASI of Raipur Police accused of bribery
एएसआई बीआर वर्मा दोषी करार
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Published : May 24, 2022, 6:45 PM IST

रायपुर: रायपुर कोर्ट ने एक एएसआई को रिश्वतखोरी के आरोप में 3 साल की सजा सुनाई है. यह फैसला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष कोर्ट ने सुनाया है. इसके साथ ही एएसआई पर 6 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. सरस्वती नगर थाने में पदस्थ एएसआई ने प्रार्थी से लैपटॉप चोरी होने की रिपोर्ट वापस लेने के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था. जिसकी सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायधीश अजय सिंह की कोर्ट में हुई. कोर्ट ने यह भी फैसला सुनाया की यदि जुर्माने की राशि अदा नहीं कि गई तो अतिरिक्त डेढ़ साल की सजा एएसआई को काटनी होगी.


क्या था पूरा मामला?: दरअसल एएसआई को एसीबी की टीम ने 2013 में रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. लोक अभियोजक मिथिलेश कुमार के मुताबिक सरस्वती नगर थाने के तत्कालीन एएसआई बीआर वर्मा उर्फ बीरजू राम वर्मा को कोर्ट ने कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है.

लैपटॉप चोरी केस में रिश्वत मांगने का आरोप: एएसआई ने 12 अप्रैल 2013 और उसके पहले पंकज वर्मा से लैपटॉप चोरी होने की एफआईआर वापस लेने की एवज में 20 हजार रुपये की मांग की थी. पंकज के 20 हजार रुपये देने में असमर्थता जताने पर एसआई ने उससे 5 हजार रुपये में एफआईआर वापस करने की बात कही. पंकज ने पहली किस्त के रूप में एएसआई को डेढ़ हजार रुपये दिए. शेष रकम देने के बजाय पंकज ने इसकी शिकायत एसीबी से कर दी. इसके बाद एएसआई को एसीबी ने रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था.

ये भी पढे़ं: स्वास्थ्य विभाग में ड्यूटी के लिए रिश्वत : नजदीकी वैक्सीनेशन सेंटर में पोस्टिंग के लिए 5 हजार, नहीं तो शहर से दूर भेजने की धमकी



पीड़ित को चोरी के आरोप में फंसाने की दी थी धमकी: पंकज ने कोर्ट को बताया कि उसके घर में पढ़ाई करने वाला एक छात्र किराए पर रहता था. उस छात्र ने सुरक्षा के लिहाज से लैपटॉप उसके पास छोड़ दिया था. जिसे कोई अज्ञात चोर चोरी कर ले गया. तब उसने चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उसके बाद छात्र के साथ जब वह थाने में रिपोर्ट वापस लेने पहुंचा तो एएसआई ने पंकज को चोरी के आरोप में फंसाने की धमकी और उससे 20 हजार रुपये रिश्वत की मांग की

रायपुर: रायपुर कोर्ट ने एक एएसआई को रिश्वतखोरी के आरोप में 3 साल की सजा सुनाई है. यह फैसला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष कोर्ट ने सुनाया है. इसके साथ ही एएसआई पर 6 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. सरस्वती नगर थाने में पदस्थ एएसआई ने प्रार्थी से लैपटॉप चोरी होने की रिपोर्ट वापस लेने के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था. जिसकी सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायधीश अजय सिंह की कोर्ट में हुई. कोर्ट ने यह भी फैसला सुनाया की यदि जुर्माने की राशि अदा नहीं कि गई तो अतिरिक्त डेढ़ साल की सजा एएसआई को काटनी होगी.


क्या था पूरा मामला?: दरअसल एएसआई को एसीबी की टीम ने 2013 में रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. लोक अभियोजक मिथिलेश कुमार के मुताबिक सरस्वती नगर थाने के तत्कालीन एएसआई बीआर वर्मा उर्फ बीरजू राम वर्मा को कोर्ट ने कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है.

लैपटॉप चोरी केस में रिश्वत मांगने का आरोप: एएसआई ने 12 अप्रैल 2013 और उसके पहले पंकज वर्मा से लैपटॉप चोरी होने की एफआईआर वापस लेने की एवज में 20 हजार रुपये की मांग की थी. पंकज के 20 हजार रुपये देने में असमर्थता जताने पर एसआई ने उससे 5 हजार रुपये में एफआईआर वापस करने की बात कही. पंकज ने पहली किस्त के रूप में एएसआई को डेढ़ हजार रुपये दिए. शेष रकम देने के बजाय पंकज ने इसकी शिकायत एसीबी से कर दी. इसके बाद एएसआई को एसीबी ने रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था.

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पीड़ित को चोरी के आरोप में फंसाने की दी थी धमकी: पंकज ने कोर्ट को बताया कि उसके घर में पढ़ाई करने वाला एक छात्र किराए पर रहता था. उस छात्र ने सुरक्षा के लिहाज से लैपटॉप उसके पास छोड़ दिया था. जिसे कोई अज्ञात चोर चोरी कर ले गया. तब उसने चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उसके बाद छात्र के साथ जब वह थाने में रिपोर्ट वापस लेने पहुंचा तो एएसआई ने पंकज को चोरी के आरोप में फंसाने की धमकी और उससे 20 हजार रुपये रिश्वत की मांग की

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