रायपुर: प्रार्थी सनत कुमार साहू समेत कई निवेशकों ने चिटफंड कंपनी गोल्ड की इंफ्रावेंचर लिमिटेड में लोक लुभावनी स्कीम के माध्यम से रकम जमा किया था लेकिन 5 साल बाद भी रकम नहीं लौटाई गई. कंपनी के डायरेक्टर फरार हो गए थे. जिसके बाद कोर्ट में मामला पहुंचा और कंपनी के डायरेक्टर की संपत्ति को कुर्क करने का फैसला सुनाया गया.
एक करोड़ से अधिक की संपत्ति होगी कुर्क
चिटफंड कंपनी गोल्ड की इंफ्रावेंचर लिमिटेड के खिलाफ रायपुर के थानों में रकम दोगुनी करने का झांसा देकर ठगी के आरोप लगे थे. इसी के तहत रायपुर पुलिस ने कंपनी के संचालक संजयधर बड़गइया को गिरफ्तार किया था. उसके अन्य साथी फरार चल रहे हैं. इस मामले में रायपुर जिला सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार वर्मा ने कंपनी के संचालक की रायपुर में स्थित संपत्ति को कुर्क करने का फैसला सुनाया है. जिसमें आरोपी संजयधर बड़गइया की रायपुरा में स्थित 81 लाख 40 हजार और राजेंद्र नगर स्थित 37 लाख की संपत्ति को कुर्की के बाद नीलामी कर निवेशकों को उनके पैसे लौटने का फैसला सुनाया है.
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छत्तीसगढ़ में पहली बार चिटफंड कंपनी की संपत्ति कुर्क की जा रही
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. इतना ही नहीं बल्कि प्रदेशभर से चिटफंड कंपनी में डूबे निवेशकों से सरकार ने आवेदन भी मंगाए थे. उसके बाद से लगातार कार्रवाई की जा रही है. यह पहली मर्तबा है जब छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क की जा रही है. इससे पहले भी चिटफंड कंपनी की संपत्ति की कुर्की के आदेश दिए गए हैं. जिसमें से दिव्यानी कंपनी की तीन प्रॉपर्टी 6 जनवरी को नीलाम हुई है. प्रशासन को 4 करोड़ से अधिक रुपए मिले हैं. पीड़ितों के खाते में पैसे ट्रांसफर करने की प्रक्रिया भी प्रशासन की ओर से शुरू कर दी गई है.
11 करोड़ से अधिक की राशि लौटाई गई
छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों पर करोड़ों की ठगी का आरोप है. छत्तीसगढ़ के कई जिलों में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ ठगी के आरोप दर्ज हैं. जिन पर पुलिस और प्रशासन की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है. जानकारी के मुताबिक चिटफंड में डूबे 17,385 निवेशकों को लगभग 11 करोड़ 21 लाख रुपये लौटाए गए हैं. आगे भी चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क कर निवेशकों की रकम लौटाई जाएगी.
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रायपुर में दर्ज हैं 103 अपराध, 58 डायरेक्टर गिरफ्तार
चिटफंड मामले के राज्य नोडल अधिकारी एसपी कीर्तन राठौड़ ने बताया कि रायपुर जिले में सभी थानों को मिलाकर चिटफंड संबंधित कुल 103 अपराध पंजीबद्ध किए गए थे. राज्य में 15 जुलाई को छत्तीसगढ़ निवेशक अधिनियम बना. उसके बाद पंजीबद्ध 47 प्रकरण दर्ज हुए हैं. जिसमें करीब 28 कंपनियों की संपत्ति के संबंध में जानकारी लेकर उसकी कुर्की के संबंध में कलेक्टर कार्यालय को भेजा गया है. जिसमें 2 प्रकरण में न्यायालय द्वारा आदेश भी जारी हो गया है. इसमें दिव्यानी कंपनी की संपत्ति की कुर्की भी हो गई है. टोटल 58 ऐसे आरोपी हैं, जो डायरेक्टर हैं और जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. अभी 74 डायरेक्टर बचे हैं, जिसमें से लगभग 15 डायरेक्टर अलग-अलग प्रकरणों में दूसरे जेल में हैं. जिन्हें न्यायिक रिमांड के लिए प्रोडक्शन वारंट न्यायाल से जारी कर गिरफ्तार किया जाएगा. पिछले 2 महीने में लगातार एसएसपी प्रशांत अग्रवाल के दिशा-निर्देशों में विशेष अभियान चलाकर 10 डायरेक्टरों को गिरफ्तार किया गया है. बाकी जितने भी फरार डायरेक्टर हैं, उसके लिए अलग-अलग विशेष टीम बनाकर गिरफ्तारी की कार्रवाई की जा रही है.
इस तरह आए थे आवेदन
- रायपुर - 3,66,330
- बलौदा बाजार - 1,68,435
- जांजगीर चांपा -1,90,465
- गरियाबंद - 40,658
- कांकेर -1,80,000
- सूरजपुर - 49,270
- राजनांदगांव - 1,10,240
- बलरामपुर - 31,943
- धमतरी - 89,920
- अंबिकापुर - 47,265
- महासमुंद -1,22,343
- नारायणपुर - 6,452
- कोंडागांव - 31,279
- कोरबा - 77, 320
- सुकमा - 4,454
- बिलासपुर -1,50,000
- बस्तर - 3,000
- बीजापुर -18,324
- दंतेवाड़ा - 2,100
- जशपुर - 22,033
- दुर्ग -1,65,328