रायपुर : कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर भुरे ने आज ग्रामीण इलाकों में प्रवास के दौरान दो अवसरों पर शिक्षक की भूमिका भी निभाई. उन्होंने बरौदा के आंगन बाड़ी केंद्र में छोटे बच्चों को सिखाये जा रहे शब्द ज्ञान और सामान्य ज्ञान को (Raipur Collector Dr Sarveshwar Bhure became a teacher ) परखा . वहीं बरबंदा के हाई स्कूल में दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों की क्लास लगा (Raipur Collector Visit ) दी.वहीं बरौदा के गौठान में पहुंचकर वहां काम कर रही महिला स्वसहायता समूहों के सदस्यों से उनकी आमदनी के बारे में जानकारी (Raipur Collector Dr Sarveshwar Bhure visited the villages) ली. इस दौरान जिला पंचायत के सीईओ डॉ. रवि मित्तल, जिला कार्यक्रम अधिकारी शैल ठाकुर सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहें.
आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूल में बच्चों को पढ़ाया : बरौदा आंगनबाड़ी केंद्र में कलेक्टर ने छोटी बच्ची दीपाली को जंगलों में मिलने वाले जानवरों की फोटो दिखाकर पहचानने को कहा. दीपाली ने शेर, मगरमच्छ, बंदर आदि सभी जानवरों को फोटो देखकर झट से पहचान लिया. डॉ भुरे ने इस पर खुशी जाहिर की और सभी बच्चों से ताली बजवाकर सभी की प्रशंसा की. कलेक्टर ने बरबंदा के हाई स्कूल में कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों से अंग्रेजी विषय के बारे में पूछा. उन्होंने हिंदी वाक्यों का इंग्लिश में ट्रांसलेशन, टेन्स की जानकारी विद्यार्थियों से ली.
छात्र -छात्राओं को दिया इंग्लिश का ज्ञान : छात्रा कुमारी रत्ना यादव से कलेक्टर ने अपने रहने के स्थान को इंग्लिश भाषा में बोर्ड पर लिखने को कहा. रत्ना ने आई लिव इन नेवरडिह लिखा. जिस पर कलेक्टर ने गलती सुधार के लिये विद्यार्थियों से प्रश्न किए और सही वाक्य रचना बताई. उन्होंने छात्र नागेश वर्मा से “मैं दसवीं कक्षा में पढ़ता हूँ“ वाक्य को इंग्लिश में अनुवाद के लिए कहा. छात्र ने “आई रीड इन टेन्थ क्लास“ लिखा. कलेक्टर ने इस पर समझाइश दी कि रीड किताब पढ़ने जैसी क्रिया के लिए उपयोग होता है, ऐसी जगहों पर स्टडी शब्द का प्रयोग किया जाना चाहिए.
गौठान का किया औचक निरीक्षण : कलेक्टर ने बरबंदा गांव के गौठान का औचक निरीक्षण (Surprise inspection of Raipur Collector Dr Sarveshwar Bhure) किया. उन्होंने गौठान में चल रही आजीविका गतिविधियों की जानकारी संचालक समिति से ली. कलेक्टर ने मुर्गीपालन, बकरीपालन सहित अन्य गतिविधियों को लगातार जारी रखने के निर्देश दिए, ताकि महिला समूहों को लगातार रोजगार मिले और उन्हें लगातार आय भी होती रहे.उन्होंने बरबंदा गौठान में गोबर खरीदी और वर्मी खाद उत्पादन की जानकारी भी ली. कलेक्टर ने गौठान में वर्मी टैंकों का निरीक्षण किया.
महिला समूहों ने बताई अपनी आमदनी : कलेक्टर ने महिला समूहों की सदस्यों को खाद बनाने की निर्धारित प्रक्रिया का पालन करने को कहा. समूह की सदस्यों ने बताया कि ''इस बार अभी तक मुर्गीपालन से लगभग 15 हजार रुपए की आमदनी हो गई है. आठ -दस दिनों में वर्मी खाद भी तैयार हो जाएगा.गोबर से बायो गैस भी बनाई जा रही है और गांव के 8-10 घरों को कनेक्शन भी दिया गया है. इन घरों के लोग गोबर गैस का उपयोग ईंधन के रूप में भोजन बनाने में कर रहे है.'' डॉ भुरे इस पर खुशी जताई और नियमित गोबर खरीदी करने और गोबर को सुरक्षित रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए.