रायपुर : शिक्षा विभाग द्वारा पहली से 10वीं तक की किताबों में क्यूआर कोडिंग की गई है. कोड को स्कैन कर बच्चे सवालों का हल खोज सकते हैं. क्यू आर कोडिंग की गई ये किताबें स्कूलों को भिजवाई भी जा चुकी हैं, 24 जून से शिक्षा सत्र शुरू होने जा रहे है, लेकिन इन कोड्स को स्कैन करने पर पोर्टल पर कोई जानकारी नहीं दिख रही है.
दरअसल, विभाग ने पहली से लेकर 10वीं तक की किताबों में हर सवाल के पीछे एक क्यू आर कोड छापा है, जिसे दीक्षा नामक पोर्टल पर स्कैन करते ही सवाल का हल सामने आ जाएगा.
क्यूआर कोड से पढ़ाई में मिलेगी मदद
स्कूल शिक्षा विभाग ने किताबों में क्यू आर कोडिंग कर खूब वाहवाही बटौरी थी. साथ ही दावा किया था कि, अब बच्चों को ट्यूशन जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और माता-पिता अब बच्चों को घर पर ही क्यू आर कोडिंग के जरिए पढ़ा सकेंगे.
पोर्टल पर नहीं दिख रहा कुछ
3 महीने पहले लिए गए इस फैसले के बाद शिक्षा विभाग किताबों में क्यू आर कोडिंग करने में तो सफल रहा और किताबें स्कूलों को भेज भी दी गई है, लेकिन क्यूआर कोड स्कैन करने पर पोर्टल पर कुछ दिखाई नहीं दे रहा है.
'तय समय में हो जाएगा सब'
मामले में मिशन संचालक पी. दयानंद का कहना है कि, 'स्कूल का नया सत्र शुरू होने से पहले ही सारा मटेरियल तैयार कर लिया जाएगा और पोर्टल से लिंक कर दिया जाएगा. अब सवाल ये पैदा होता है कि भीषण गर्मी की वजह से शिक्षा सत्र शुरू होने का समय बढ़ा दिया गया है, लेकिन अगर ऐसा नहीं किया जाता तो 16 जून यानि कि सोमवार से स्कूल खुल जाते, ऐसे में शिक्षा विभाग की तैयारी कहीं न कहीं पूरी नहीं दिखाई दे रही है.