रायपुर: National Energy Conservation Day 2023: राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस को ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2001 के बाद हर साल 14 दिसंबर को मनाया जाता है. ऊर्जा संरक्षण से तात्पर्य ऊर्जा का विवेकपूर्ण उपयोग है. इसका अर्थ है ऊर्जा का अनावश्यक उपयोग ना करना . कम से कम ऊर्जा का उपयोग करते हुए कार्य को करना. अनावश्यक बिजली का बल्ब ना जलाना, लाइट, पंखे, एसी समेत विद्युत के उपकरणों का इस्तेमाल ना होने पर बंद करना, छोटी दूरियों के लिए पैदल दूरी तय करना या निजी वाहन की जगह सार्वजनिक वाहन का उपयोग इसी प्रकार के अन्य कार्यो के माध्यम से ऊर्जा का दुरूपयोग एवं अनावश्यक प्रयोग रोकना ही ऊर्जा संरक्षण के अंतर्गत आता है.
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस और इतिहास : देश में ऊर्जा की बढ़ती जरूरतों एवं भविष्य की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2001 में भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) द्वारा ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2001 को लागू किया गया.इस अधिनियम के अंतर्गत देश में ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रमों के माध्यम से ऊर्जा संरक्षण को सुनिश्चित किया गया था. इस अधिनियम के पश्चात ही प्रतिवर्ष ऊर्जा संरक्षण हेतु 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का आयोजन किया जाता है. Purpose of National Energy Conservation day
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस अधिनियम 2001 के अंतर्गत देश में ऊर्जा संरक्षण के लिए निम्न प्रमुख बिदुओं को तय किया गया है.
- उपकरणों की लेबलिंग एवं मानक निर्धारण- इसके तहत विभिन ऊर्जा उपकरणों की दक्षता को सुनिश्चित करने के लिए मानक निर्धारित किए गए.
- ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता (ECBC)–वाणिज्यिक भवनों में ऊर्जा संरक्षण हेतु नियम भी बनाए गए .
ऊर्जा संरक्षण का उद्देश्य : ऊर्जा संरक्षण दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य ऊर्जा का विवेकपूर्ण उपयोग एवं भविष्य की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए ऊर्जा का उपयोग करना है. ऊर्जा संरक्षण दिवस के माध्यम से नागरिकों को ऊर्जा संरक्षण के बारे में जागरूक किया जाता है एवं ऊर्जा की भविष्य की आवश्यकता के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है. साथ ही इस दिवस के माध्यम से ऊर्जा संरक्षण हेतु नागरिकों को उपायों की जानकारी के माध्यम से सहभागिता द्वारा ऊर्जा संरक्षण में वृहद् लक्ष्य प्राप्त करने का प्रयास भी किया जाता है.importance of National Energy Conservation Day