रायपुर: शुक्रवार को शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का जन्मोत्सव मनाया गया. यह उनका 81वां जन्मदिवस उत्सव था. इसे प्राकट्य महोत्सव के रूप में मनाया गया. राजधानी के रावांभाठा स्थित शंकराचार्य आश्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. सुबह बंजारी मंदिर से कलश शोभायात्रा भी निकाली गई, जो शंकराचार्य आश्रम पहुंची. जिसमें 11 हजार महिलाओं ने हिस्सा लिया. 5100 शिव भक्तों ने भगवान शंकर का रुद्राभिषेक भी किया.
11 हजार महिलाओं ने निकाली कलश यात्रा: छत्तीसगढ़ में पहली बार 11 हजार महिलाओं के द्वारा सिर पर कलश लेकर बाजे गाजे के साथ झांकी निकाली गई. शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी के जन्म दिवस के अवसर पर राजधानी सहित आसपास के लोग भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. मंच पर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद जी का लोगों ने आशीर्वाद लिया. जिसके बाद शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद की सभा की शुरुआत हुई. शंकराचार्य के जन्म दिवस के मौके पर कांग्रेस विधायक अनीता योगेंद्र शर्मा ने कहा कि "हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित होना पड़ेगा."
शंकराचार्य के मंच से लोगों ने की घर वापसी: समाज सेवक बसंत अग्रवाल ने कहा कि "शंकराचार्य के जन्मोत्सव के अवसर पर जितने भी सनातनी हैं, उनको शंकराचार्य का आशीर्वाद मिले. चार से पांच ऐसे परिवार, जो हिंदू धर्म से भटक गए थे. उन्होंने घर वापसी की है. पहली बार शंकराचार्य के जन्मोत्सव के अवसर पर उनके मंच पर लोगों ने घर वापसी की है. जितने भी परिवार हिंदू धर्म से भटक गए हैं. वह वापस अपने घर लौट आएं. इसलिए आज यहां पर धर्म सभा आयोजित की गई है. सुबह कलश यात्रा निकाली गई थी और रुद्राभिषेक का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था."
हिंदू राष्ट्र बनाने पर हुई चर्चा: समाज सेवक राजकुमार राठी ने कहा कि "देश में पहली बार कलश यात्रा निकाली गई. जिसमें लगभग 11 हजार महिलाओं ने हिस्सा लिया. सिर पर कलश रखकर वरुण देव को धारण करके बंजारी माता मंदिर से निकलकर शंकराचार्य के आश्रम पहुंची. किस प्रकार से हिंदू धर्म को आगे बढ़ाया जाए. जिससे हिंदू राष्ट्र बनाया जा सके, इस पर चर्चा हुई."
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के जन्मदिवस पर लोगों की घर वापसी की चर्चा जोरों पर है. इस दौरान कई तरह के आयोजन भी किए गए. जिसमें रायपुर वासियों ने हिस्सा लिया.