रायपुर: राजधानी रायपुर में पिछले 8 दिनों से विद्या मितान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन अब तक सरकार ने इनकी मांगों पर कोई फैसला नहीं लिया है. छत्तीसगढ़ सरकार से चुनावी वादा पूरा करने की मांग, नियमित किए जाने की बात पर आंदोलनकारी अड़े हुए हैं. बता दें कि विद्या मितान अनियमित शिक्षक हैं, जो छत्तीसगढ़ के ग्रामीण हिस्सों में शिक्षा पहुंचाने का काम कर रहे थे.
राजधानी के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर विद्या मितान (अनियमित शिक्षक) धरना दे रहे हैं. मंगलवार को शिक्षकों ने हाथ में रोटी लेकर विरोध जताया. विद्या मितानों ने कहा कि हमारे घर पर अब रोटी का संकट मंडरा रहा है. काम नहीं है, हमें सरकार रोजगार दें. हमें चुनावी वादे के मुताबिक नियमित किया जाए. विद्या मितान संघ के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र दास ने बताया कि वे 8 दिनों से धरना दे रहे हैं. अब इस रोटी के लिए वे मैदान में डटे हुए हैं. छत्तीसगढ़ सरकार हमें भूल गई है.
पढ़ें-रायपुर: नियमितीकरण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे विद्या मितान
'हमारे बच्चे भूखे मर रहे हैं'
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि कोरोना काल में हमारा परिवार भूखा बैठा है. हमारे बच्चे भूखे मर रहे हैं, हमारे साथी इसी रोटी के लिए जान दे चुके हैं. सरकार से हम यही कह रहे हैं कि हमें रोटी का सहारा दिजिए, जीने का सहारा दीजिए. ताकि आपके परिवार की तरह हमारा परिवार भी जी सके. विद्या मितान प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में काम कर रहे थे. विशेषकर ऐसी जगहों पर जहां टीचर नहीं होते या कम होते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त प्रदेश के सभी विद्या मितानों ने उन्हें नियमित किए जाने की मांग रखी थी. कांग्रेस ने सरकार बनते ही सभी को नियमित करने का वादा किया था. लेकिन आज भूपेश सरकार अपने वादे भूल चुकी है.