रायपुर: छत्तीसगढ़ अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ के बैनर तले स्कूलों में काम करने वाले सफाई कर्मचारी सरकार की वादाखिलाफी का विरोध किया है. 1 सूत्रीय मांग नियमितीकरण को लेकर 7 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए. पूरे प्रदेश में स्कूलों में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों की संख्या लगभग 43 हजार है. प्रतिमाह 2300 रुपये मानदेय पर अपना गुजारा कर रहे हैं. सरकार की वादाखिलाफी के कारण सफाई कर्मचारियों में आक्रोश और नाराजगी भी देखने को मिला है.
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छत्तीसगढ़ के प्राइमरी स्कूल से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूल में साफ सफाई का काम करने वाले सफाई कर्मचारियों की संख्या लगभग 43 हजार है जो पिछले 11 सालों से स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इनसे 2 घंटे के बदले स्कूलों में साफ सफाई के अलावा दूसरे काम भी करवाए जाते हैं. मानदेय के रूप में प्रतिमाह 2300 रुपये दिया जाता है. इन सफाई कर्मचारियों का कहना है कि इन्हें अंशकालीन के बजाय पूर्णकालिक किया जाए ताकि ये लोग 8 घंटे का काम पूरा कर सकें. महीने में इन्हें लगभग 10 से 12 हजार रुपए कलेक्ट्रेट दर पर मजदूरी मिल सके, जिससे सफाई कर्मचारी अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें.
सफाई कर्मचारी स्कूलों में सफाई करने के साथ ही बर्तन झाड़ू पोछा और टॉयलेट की साफ सफाई का काम भी इन लोगों से करवाया जाता है. जबकि कई स्कूलों में भृत्य के पद रिक्त पड़े हुए हैं. ऐसे में इन सफाई कर्मचारियों से भृत्य का काम भी पूरा करवाया जाता है. सफाई कर्मचारियों का कहना है कांग्रेस ने चुनाव के पूर्व गंगाजल की कसम खाकर कहा था कि सरकार बनते ही 10 दिनों के अंदर इन सफाई कर्मचारियों को पूर्णकालिक सफाई कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा. लेकिन सरकार को बने 3 साल पूरे होने के बाद भी सरकार ने इन्हें अब तक नियमित नहीं किया गया है.