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रायपुर में गोंडवाना स्टूडेंटस यूनियन छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन

रायपुर में आरक्षण और छात्रावास की समस्याओं को लेकर गोंडवाना स्टूडेंटस यूनियन छत्तीसगढ़ के बैनर तले शनिवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया. Raipur latest news

रायपुर में गोंडवाना स्टूडेंटस यूनियन छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन
रायपुर में गोंडवाना स्टूडेंटस यूनियन छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन
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Published : Nov 26, 2022, 6:42 PM IST

रायपुर : गोंडवाना स्टूडेंटस यूनियन छत्तीसगढ़ ने धरना प्रदर्शन के बाद स्टूडेंट यूनियन रैली निकालकर शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह के निवास का घेराव करने की कोशिश की और अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा. गोंडवाना स्टूडेंटस यूनियन छत्तीसगढ़ प्रदेश स्तर पर 8 सूत्रीय मांग हैं. जिसमें आरक्षण सहित पूरे प्रदेश के छात्रावासों में कई तरह की समस्याओं का सामना गोंडवाना स्टूडेंटस यूनियन छत्तीसगढ़ के छात्र-छात्राओं को करना पड़ रहा है. जिसके विरोध में प्रदर्शन किया गया. (protest of Gondwana Students Union Chhattisgarh)

रायपुर में गोंडवाना स्टूडेंटस यूनियन छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन
क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन : गोंडवाना स्टूडेंटस यूनियन छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष मेरावी ने बताया कि "आरक्षण छात्रवृत्ति छात्रावास की समस्या और छात्रों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. आदिवासियों का आरक्षण 32% किया जाए. प्रदेश के कई छात्र छात्राओं को पिछले 3 साल से छात्रवृत्ति नहीं मिल मिल रहा है. इसके साथ ही प्रदेश के छात्रावासों में और भी कई समस्याएं हैं. जैसे छात्रावास के एक कमरे में 2 बच्चों को रखा जाना है लेकिन कई छात्रावासों में 25 से 30 छात्र छात्राओं को रखा जा रहा है." (Gondwana Students Union Chhattisgarh in Raipur)क्या है छात्रों की मांगें :गोंडवाना स्टूडेंटस यूनियन छत्तीसगढ़ ने स्कूल शिक्षा मंत्री के सामने अपनी आठ मांगें रखी हैं.01. विगत कई वर्षों से राज्य के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं किया गया है जिससे शिक्षा कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है ऐसे में छात्र छात्राओं को जल्द से जल्द छात्रवृत्ति दिया जाए02. प्रदेश के कई स्कूलों में विभाग के द्वारा जरूरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही है प्रदेश के कई प्राइमरी और मिडिल स्कूल स्कूलों में शिक्षकों की कमी है हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में विषयवार शिक्षकों की कमी है ऐसे जगहों पर भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति की जाए03. छात्रावासों में गैर आदिवासी वर्ग के अधीक्षक और अधीक्षिका के कारण आए दिन छात्र और छात्राएं शोषण व प्रताड़ना के शिकार हो रहे हैं. वर्तमान में बिलासपुर के छात्रावास की घटना सामने आई है. ऐसे में आदिवासी छात्रावासों में आदिवासी वर्ग के अधीक्षक और अधीक्षिका की नियुक्ति की जाए. कई छात्रावासों में अधीक्षक और अधीक्षिका छात्र छात्राओं को डरा धमका अपने पक्ष में समर्थन लिखवा कर अपना ट्रांसफर रुकवा रहे हैं. इस पर ठोस कार्यवाही की जाए.04. छात्रावास में रहने के लिए 25 वर्ष की आयु सीमा और प्रथम 5 वर्ष यूजी से पीजी तक रह पाने की समय बाध्यता को समाप्त किया जाए. जिससे छात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में किसी प्रकार की समस्या ना हो.05. पोस्ट मेट्रिक छात्रावासों में भोजन सहायता की राशि 3 हज़ार रुपए प्रतिमाह किया जाए.06. 32% आदिवासी आरक्षण को यथावत रखते हुए नवमी अनुसूची में शामिल हेतू प्रस्ताव पारित किया जाए.07. अनुसूचित क्षेत्रों में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 46 के तहत प्रस्ताव पारित कर अनुसूचित जनजातियों को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर 100% आरक्षण प्रदान किया जाए .1 जनवरी 1932 के रिकॉर्ड के आधार पर छत्तीसगढ़ राज्य के स्थाई डोमिसाइल नीति को कानून बनाया जाए.

ये भी पढ़ें- रायपुर में महिला का अनोखा स्टार्टअप बटोर रहा सुर्खियां



08. ट्रांसफर हो चुके शिक्षक शिक्षकों को रिलीव नहीं होने के कारण शिक्षक कहीं ड्यूटी नहीं कर पा रहा है. जिससे छात्र छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. जिसमें ट्राइबल एरिया सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है. ऐसे में ट्रांसफर हो चुके शिक्षक शिक्षिकाओं को तत्काल रिलीव किया जाए.Raipur latest news






रायपुर : गोंडवाना स्टूडेंटस यूनियन छत्तीसगढ़ ने धरना प्रदर्शन के बाद स्टूडेंट यूनियन रैली निकालकर शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह के निवास का घेराव करने की कोशिश की और अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा. गोंडवाना स्टूडेंटस यूनियन छत्तीसगढ़ प्रदेश स्तर पर 8 सूत्रीय मांग हैं. जिसमें आरक्षण सहित पूरे प्रदेश के छात्रावासों में कई तरह की समस्याओं का सामना गोंडवाना स्टूडेंटस यूनियन छत्तीसगढ़ के छात्र-छात्राओं को करना पड़ रहा है. जिसके विरोध में प्रदर्शन किया गया. (protest of Gondwana Students Union Chhattisgarh)

रायपुर में गोंडवाना स्टूडेंटस यूनियन छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन
क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन : गोंडवाना स्टूडेंटस यूनियन छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष मेरावी ने बताया कि "आरक्षण छात्रवृत्ति छात्रावास की समस्या और छात्रों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. आदिवासियों का आरक्षण 32% किया जाए. प्रदेश के कई छात्र छात्राओं को पिछले 3 साल से छात्रवृत्ति नहीं मिल मिल रहा है. इसके साथ ही प्रदेश के छात्रावासों में और भी कई समस्याएं हैं. जैसे छात्रावास के एक कमरे में 2 बच्चों को रखा जाना है लेकिन कई छात्रावासों में 25 से 30 छात्र छात्राओं को रखा जा रहा है." (Gondwana Students Union Chhattisgarh in Raipur)क्या है छात्रों की मांगें :गोंडवाना स्टूडेंटस यूनियन छत्तीसगढ़ ने स्कूल शिक्षा मंत्री के सामने अपनी आठ मांगें रखी हैं.01. विगत कई वर्षों से राज्य के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं किया गया है जिससे शिक्षा कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है ऐसे में छात्र छात्राओं को जल्द से जल्द छात्रवृत्ति दिया जाए02. प्रदेश के कई स्कूलों में विभाग के द्वारा जरूरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही है प्रदेश के कई प्राइमरी और मिडिल स्कूल स्कूलों में शिक्षकों की कमी है हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में विषयवार शिक्षकों की कमी है ऐसे जगहों पर भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति की जाए03. छात्रावासों में गैर आदिवासी वर्ग के अधीक्षक और अधीक्षिका के कारण आए दिन छात्र और छात्राएं शोषण व प्रताड़ना के शिकार हो रहे हैं. वर्तमान में बिलासपुर के छात्रावास की घटना सामने आई है. ऐसे में आदिवासी छात्रावासों में आदिवासी वर्ग के अधीक्षक और अधीक्षिका की नियुक्ति की जाए. कई छात्रावासों में अधीक्षक और अधीक्षिका छात्र छात्राओं को डरा धमका अपने पक्ष में समर्थन लिखवा कर अपना ट्रांसफर रुकवा रहे हैं. इस पर ठोस कार्यवाही की जाए.04. छात्रावास में रहने के लिए 25 वर्ष की आयु सीमा और प्रथम 5 वर्ष यूजी से पीजी तक रह पाने की समय बाध्यता को समाप्त किया जाए. जिससे छात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में किसी प्रकार की समस्या ना हो.05. पोस्ट मेट्रिक छात्रावासों में भोजन सहायता की राशि 3 हज़ार रुपए प्रतिमाह किया जाए.06. 32% आदिवासी आरक्षण को यथावत रखते हुए नवमी अनुसूची में शामिल हेतू प्रस्ताव पारित किया जाए.07. अनुसूचित क्षेत्रों में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 46 के तहत प्रस्ताव पारित कर अनुसूचित जनजातियों को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर 100% आरक्षण प्रदान किया जाए .1 जनवरी 1932 के रिकॉर्ड के आधार पर छत्तीसगढ़ राज्य के स्थाई डोमिसाइल नीति को कानून बनाया जाए.

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08. ट्रांसफर हो चुके शिक्षक शिक्षकों को रिलीव नहीं होने के कारण शिक्षक कहीं ड्यूटी नहीं कर पा रहा है. जिससे छात्र छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. जिसमें ट्राइबल एरिया सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है. ऐसे में ट्रांसफर हो चुके शिक्षक शिक्षिकाओं को तत्काल रिलीव किया जाए.Raipur latest news






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