रायपुर: केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानूनों को लेकर देशभर में किसानों का आंदोलन चल रहा है. शनिवार को देश भर में किसानों ने चक्काजाम किया. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के आह्वान पर आरंग के रसनी टोल प्लाजा में चक्काजाम किया गया. छत्तीसगढ़ में चक्काजाम को सफल बनाने के लिए 30 से ज्यादा संगठन विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. कांग्रेस, वामपंथी दलों सहित अनेक सामाजिक संगठनों ने किसानों को समर्थन दिया. चक्काजाम के दौरान शांतिपूर्ण तरीके से किसानों ने अपना विरोध जताया. किसानों ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है.
रसनी टोल प्लाजा के पास लगी गाड़ियों की कतार
रायपुर जिले में रसनी टोल प्लाजा आरंग के पास कई गांवों के किसानों और सामाजिक संगठनों ने धरना दिया. इस दौरान प्रशासन ने भारी वाहनों का रास्ता दोनों ओर से डायवर्ट कर दिया था. इसके बावजूद दोनों ओर से गाड़ियों की लंबी कतार लगी. यहां 3 घंटे तक धरना देकर किसानों ने विरोध जताया. किसान नेताओं ने एक बार फिर से दोहराया कि केंद्र सरकार तीनों कानून को जब तक वापस नहीं लेती तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा.
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छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक डॉ.संकेत ठाकुर ने कहा कि फसलों के एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर किसान लगातार आंदोलन पर हैं. अब पंजाब और हरियाणा से होते हुए आंदोलन देश भर में फैल गया है. किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को भाजपा द्वारा सुनियोजित ढंग से बदनाम किया जा रहा है. किसानों को आतंकवादी, नक्सली बताकर अन्नदाता को अपमानित किया जा रहा है. जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
जाम में फंसने वाले ड्राइवरों के लिए लगाया गया लंगर
आमतौर पर चक्काजाम में फंसने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन रायपुर के आरंग के पास ट्रांसपोर्ट यूनियन की ओर से लंगर की भी व्यवस्था की गई थी. ताकि जाम में फंसे लोगों को कोई दिक्कतों को सामना ना करना पड़े. ट्रांसपोर्ट यूनियन ने भी किसानों की मांगों का समर्थन किया है. परिवहन संघ के सदस्य सिद्धु सुखदेव ने कहा कि चक्काजाम में इमरजेंसी वाहनों को और पब्लिक सेक्टर की गाड़ियों को नहीं रोका जा रहा है. जाम में फंसे हुए ड्राइवरों को भी लंगर का प्रसादी दिया जा रहा है, ताकि वे परेशान ना हो बल्कि यहां भरपेट खाना खाकर रूकें. अपर कलेक्टर नम्रता गांधी ने कहा कि किसानों ने अपनी मांगें रखी हैं, आंदोलन शांतिपूर्ण रहा.