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छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने सांसद सुनील सोनी का किया घेराव - सांसद सुनील सोनी का घेराव

नए कृषि कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है.छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने रायपुर में सांसद सुनील सोनी का घेराव किया.

protest of Chhattisgarh Kisan Mazdoor Federation
नए कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन
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Published : Oct 13, 2020, 10:14 PM IST

Updated : Oct 14, 2020, 6:09 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने सांसद सुनील सोनी का घेराव किया है. महासंघ के प्रतिनिधियों ने किसानों के एमएसपी को कानून बनाने की मांग पर सांसद सुनील सोनी पर मौन रहने का आरोप लगाया है. केंद्र सरकार के हाल ही में पारित किए गए कृषि कानून के खिलाफ छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने विरोध प्रदर्शन किया है. महासंघ से जुड़े 25 संगठनों के प्रतिनिधि इस प्रदर्शन में शामिल हुए.

छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ का विरोध प्रदर्शन
घेराव के पहले तेलीबांधा तालाब के सामने नए कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. महासंघ ने सांसद सोनी को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदी को अनिवार्य कानून बनवाने की मांग करते हुए संकल्प पत्र सौंपा. महासंघ की ओर से महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य और अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष तेजराम विद्रोही ने किसान विरोधी तीनों कानूनों की चर्चा करते हुए सांसद से कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री गलत जानकारी देकर देश को गुमराह ना करें कि इन कानूनों को वापस लें.

पढ़ें-एमएसपी को कानूनी अधिनियम में लाने की जरूरत : भारतीय किसान संघ

नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण संघर्ष समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने सांसद सोनी से कहा कि यह कानून किसानों को कृषि उपज मंडी से दूर कर देगा और किसानों की जमीन कॉरपोरेट को बिकवा देगा.

नए कृषि कानून में बदलाव किया जाए

अखिल भारतीय किसान समन्वय संघर्ष समिति सदस्य पारसनाथ साहू ने मांग की सरकार लिखित में दें कि किसानों को इस नए कानून से कोई घाटा नहीं होगा. जबकि भाजपा के नेता ही बयान दे रहे हैं कि धान मंडी में 666 प्रति क्विंटल बिक रहा है. पूर्व जिला पंचायत सदस्य द्वारिका साहू ने सांसद सोनी से कहा कि जब केंद्र सरकार नोटबंदी, जीएसटी आदि को लेकर संशोधन कर चुकी है तो इस नए कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की अनिवार्यता को लेकर एक संशोधन करने के लिए प्रधानमंत्री क्यों तैयार नहीं है ?

कांग्रेस फैला रही है भ्रम

सांसद सुनील सोनी ने किसान नेताओं के तर्क सुनने के बाद उन्हीं तथ्यों को दोहराया जिसे सभी भाजपा नेता और मंत्री बोल रहे हैं. सांसद सोनी का कहना था कि इस कानून को लेकर कांग्रेस भ्रम फैला रही है.

पढ़ें-'विधानसभा के विंटर सेशन से पहले कृषि पर नया कानून लाएंगे, जरूरत पड़ी तो विशेष सत्र बुलाएंगे'

कृषि वैज्ञानिक डॉ. संकेत ठाकुर ने कहा कि किसानों को भाजपा-कांग्रेस की राजनीति से दूर रखा जाए. किसानों ने कभी इन तीनों कानून को लेकर कोई मांग नहीं की और ना ही कोई आंदोलन किया. तो फिर यह आजादी कैसे हो गई ? किसान अब इसमें चौथे कानून को जोड़ने की मांग कर रह रहे हैं कि एमएसपी को फसल खरीदी में अनिवार्य करें.

11 सांसदों से मिलेंगे किसान नेता

लेकिन किसानों की इस प्रमुख मांग पर सांसद सोनी मौन रहे और पत्र को पढूंगा कहकर हस्ताक्षर करना टाल गए. घेराव के बाद महासंघ के नेताओं ने बैठक की और तय किया कि अपनी मांगों को लेकर सभी 11 सांसदों से मिलेंगे.

रायपुर: छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने सांसद सुनील सोनी का घेराव किया है. महासंघ के प्रतिनिधियों ने किसानों के एमएसपी को कानून बनाने की मांग पर सांसद सुनील सोनी पर मौन रहने का आरोप लगाया है. केंद्र सरकार के हाल ही में पारित किए गए कृषि कानून के खिलाफ छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने विरोध प्रदर्शन किया है. महासंघ से जुड़े 25 संगठनों के प्रतिनिधि इस प्रदर्शन में शामिल हुए.

छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ का विरोध प्रदर्शन
घेराव के पहले तेलीबांधा तालाब के सामने नए कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. महासंघ ने सांसद सोनी को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदी को अनिवार्य कानून बनवाने की मांग करते हुए संकल्प पत्र सौंपा. महासंघ की ओर से महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य और अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष तेजराम विद्रोही ने किसान विरोधी तीनों कानूनों की चर्चा करते हुए सांसद से कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री गलत जानकारी देकर देश को गुमराह ना करें कि इन कानूनों को वापस लें.

पढ़ें-एमएसपी को कानूनी अधिनियम में लाने की जरूरत : भारतीय किसान संघ

नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण संघर्ष समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने सांसद सोनी से कहा कि यह कानून किसानों को कृषि उपज मंडी से दूर कर देगा और किसानों की जमीन कॉरपोरेट को बिकवा देगा.

नए कृषि कानून में बदलाव किया जाए

अखिल भारतीय किसान समन्वय संघर्ष समिति सदस्य पारसनाथ साहू ने मांग की सरकार लिखित में दें कि किसानों को इस नए कानून से कोई घाटा नहीं होगा. जबकि भाजपा के नेता ही बयान दे रहे हैं कि धान मंडी में 666 प्रति क्विंटल बिक रहा है. पूर्व जिला पंचायत सदस्य द्वारिका साहू ने सांसद सोनी से कहा कि जब केंद्र सरकार नोटबंदी, जीएसटी आदि को लेकर संशोधन कर चुकी है तो इस नए कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की अनिवार्यता को लेकर एक संशोधन करने के लिए प्रधानमंत्री क्यों तैयार नहीं है ?

कांग्रेस फैला रही है भ्रम

सांसद सुनील सोनी ने किसान नेताओं के तर्क सुनने के बाद उन्हीं तथ्यों को दोहराया जिसे सभी भाजपा नेता और मंत्री बोल रहे हैं. सांसद सोनी का कहना था कि इस कानून को लेकर कांग्रेस भ्रम फैला रही है.

पढ़ें-'विधानसभा के विंटर सेशन से पहले कृषि पर नया कानून लाएंगे, जरूरत पड़ी तो विशेष सत्र बुलाएंगे'

कृषि वैज्ञानिक डॉ. संकेत ठाकुर ने कहा कि किसानों को भाजपा-कांग्रेस की राजनीति से दूर रखा जाए. किसानों ने कभी इन तीनों कानून को लेकर कोई मांग नहीं की और ना ही कोई आंदोलन किया. तो फिर यह आजादी कैसे हो गई ? किसान अब इसमें चौथे कानून को जोड़ने की मांग कर रह रहे हैं कि एमएसपी को फसल खरीदी में अनिवार्य करें.

11 सांसदों से मिलेंगे किसान नेता

लेकिन किसानों की इस प्रमुख मांग पर सांसद सोनी मौन रहे और पत्र को पढूंगा कहकर हस्ताक्षर करना टाल गए. घेराव के बाद महासंघ के नेताओं ने बैठक की और तय किया कि अपनी मांगों को लेकर सभी 11 सांसदों से मिलेंगे.

Last Updated : Oct 14, 2020, 6:09 AM IST
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