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रायपुर जेल में बंद महिला बंदियों के लिए कार्यक्रम, हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति ने की शिरकत - गौतम भादुड़ी

रायपुर के सेंट्रल जेल में महिला बंदी और उनके बच्चों के लिए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और खुशी फाउंडेशन ने खुशी पर सबका हक थीम पर कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया.ताकि महिला बंदियों के अंदर अवसाद की भावना ना पैदा हो.

Program for women prisoners lodged in Raipur jail
रायपुर जेल में बंद महिला बंदियों के लिए कार्यक्रम
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 19, 2023, 6:34 PM IST

रायपुर जेल में बंद महिला बंदियों के लिए कार्यक्रम

रायपुर: रायपुर सेंट्रल जेल में महिला बंदी प्रकोष्ठ में 2 दिवसीय आयोजन 17 और 18 दिसंबर को किया गया. इस कार्यक्रम के समापन अवसर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी भी शामिल हुए. उन्होंने बताया कि यह आयोजन खुशी फाउंडेशन की ओर से आयोजित किया गया था. जिसका मकसद जेल में बंद महिलाओं और उनके बच्चों को तनाव से मुक्त करने और समाज में एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए था.


महिला बंदियों के लिए कार्यक्रम : राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और बिलासपुर हाईकोर्ट के न्याय मूर्ति गौतम भादुड़ी ने बताया कि रायपुर के सेंट्रल जेल के महिला प्रकोष्ठ के महिला बंदी और उनके बच्चों को तनाव और अवसाद से मुक्त करने के लिए खुशी फाउंडेशन की ओर से दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया था.

''यहां रह रहे महिला बंदी और उनके बच्चों को मनोवैज्ञानिक तरीके से कैसे खुशी दी जा सकती है, ताकि वे तनाव और अवसाद से दूर रहें. खुशी फाउंडेशन के आयोजन को उन्होंने नए कांसेप्ट बताया. पहली बार यह आयोजन बिलासपुर में आयोजित कराया गया था जिसके बाद आज रायपुर के सेंट्रल जेल में आयोजित हुआ है." गौतम भादुड़ी,जज,बिलासपुर हाईकोर्ट

जेल में महिला बंदियों की तकलीफ बढ़ी : खुशी फाउंडेशन की फाउंडर हमीदा सिद्दीकी ने बताया कि जो लोग समाज से कटे हुए हैं और जेल में बंद है ऐसे लोगों के लिए दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. ऐसे लोगों को समाज से जोड़ने के साथ ही उनके आत्मविश्वास को कैसे बढ़ाया जाए. इसको ध्यान में रखकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.

''अगर कोई महिला है और जेल के अंदर है तो उसकी तकलीफ दोगुनी बढ़ जाती है. महिला बंदी के बच्चे या तो जेल के अंदर होते हैं या फिर जेल के बाहर होते हैं. इस स्थिति में एक मां को बहुत ज्यादा तनाव और अवसाद में ले आती है. ऐसे में एक मां अपने बच्चों को अच्छा परफॉर्म करते हुए देखें और वह अपने बच्चों के बारे में सोचे कि उनके बच्चों का भविष्य बहुत उज्ज्वल है." हमीदा सिद्दीकी, खुशी फाउंडेशन



रायपुर सेंट्रल जेल में खुशी फाउंडेशन द्वारा 17 और 18 दिसंबर को दो दिवसीय खुशी पर सबका हक इस थीम पर जेल में महिला बंदी और उनके साथ रहने वाले छोटे बच्चों के लिए कई तरह की प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. इस आयोजन में योग के साथ ही संगीत का कार्यक्रम हुआ. महिलाओं के लिए नृत्य, रंगोली, मेहंदी, कुर्सी दौड़ सहित दूसरी प्रतियोगिता आयोजित की गई. बच्चों के लिए ड्राइंग और फैंसी ड्रेस की प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया.


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महिला बंदियों के लिए कार्यक्रम : राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और बिलासपुर हाईकोर्ट के न्याय मूर्ति गौतम भादुड़ी ने बताया कि रायपुर के सेंट्रल जेल के महिला प्रकोष्ठ के महिला बंदी और उनके बच्चों को तनाव और अवसाद से मुक्त करने के लिए खुशी फाउंडेशन की ओर से दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया था.

''यहां रह रहे महिला बंदी और उनके बच्चों को मनोवैज्ञानिक तरीके से कैसे खुशी दी जा सकती है, ताकि वे तनाव और अवसाद से दूर रहें. खुशी फाउंडेशन के आयोजन को उन्होंने नए कांसेप्ट बताया. पहली बार यह आयोजन बिलासपुर में आयोजित कराया गया था जिसके बाद आज रायपुर के सेंट्रल जेल में आयोजित हुआ है." गौतम भादुड़ी,जज,बिलासपुर हाईकोर्ट

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''अगर कोई महिला है और जेल के अंदर है तो उसकी तकलीफ दोगुनी बढ़ जाती है. महिला बंदी के बच्चे या तो जेल के अंदर होते हैं या फिर जेल के बाहर होते हैं. इस स्थिति में एक मां को बहुत ज्यादा तनाव और अवसाद में ले आती है. ऐसे में एक मां अपने बच्चों को अच्छा परफॉर्म करते हुए देखें और वह अपने बच्चों के बारे में सोचे कि उनके बच्चों का भविष्य बहुत उज्ज्वल है." हमीदा सिद्दीकी, खुशी फाउंडेशन



रायपुर सेंट्रल जेल में खुशी फाउंडेशन द्वारा 17 और 18 दिसंबर को दो दिवसीय खुशी पर सबका हक इस थीम पर जेल में महिला बंदी और उनके साथ रहने वाले छोटे बच्चों के लिए कई तरह की प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. इस आयोजन में योग के साथ ही संगीत का कार्यक्रम हुआ. महिलाओं के लिए नृत्य, रंगोली, मेहंदी, कुर्सी दौड़ सहित दूसरी प्रतियोगिता आयोजित की गई. बच्चों के लिए ड्राइंग और फैंसी ड्रेस की प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया.


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