रायपुर: भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश संगठन में बदलाव कर दिया है. पार्टी ने एक बार फिर कद्दावर आदिवासी चेहरा विष्णुदेव साय को प्रदेश संगठन की कमान सौंपी है. विष्णुदेव साय बेहद संयमित और कुशल संगठनकर्ता के तौर पर जाने जाते हैं.
विष्णुदेव साय के राजनीतिक सफर पर एक नजर-
- विष्णुदेव साय का जन्म जशपुर जिले के कुनकुरी इलाके के बैगा गांव में 21 फरवरी 1964 को हुआ था.
- कुनकुरी के लोयला स्कूल से उन्होंने पढ़ाई की है.
- महज 26 साल की उम्र में यानी 1990 में वे चुनाव जीतकर मध्यप्रदेश विधानसभा पहुंचे.
- इसके बाद वे 1999 में हुए चुनाव में जीतकर लोकसभा पहुंचते हैं.
- लगातार चार बार 1999, 2004, 2009, 2014 में वे चुनाव जीतकर लोकसभा में रायगढ़ का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं.
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प्रमुखता से लिया जाता रहा है नाम
इस दौरान वे कई समितियों के अध्यक्ष भी रहे हैं. इसके अलावा नरेन्द्र मोदी की सरकार में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी भी उन्हें मिली. 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा आलाकमान ने जिस फार्मुले का इस्तेमाल किया था, उसके तहत विष्णुदेव साय का टिकट कट गया था. तब से ही पार्टी का ये अनुभवी चेहरा हासिए पर चल रहा था. हालांकि जब-जब प्रदेश अध्यक्ष को लेकर दावेदारों का नाम चलता था तब तब उनका नाम प्रमुखता से लिया जाता था.
प्रदेश में बड़े आदिवासी नेता के रूप में पहचान
विष्णुदेव साय प्रदेश की राजनीति में बड़े आदिवासी नेता के तौर पर जाने जाते हैं. इसके अलावा उनका सौम्य व्यवहार भी पार्टी में उन्हें लोकप्रिय बनाता है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जब प्रदेश के प्रभारी थे तब वे उनके भी करीबी रहे हैं. ऐसे में नड्डा ने प्रदेश संगठन में बदलाव के दौरान भी तमाम नामों के बीच विष्णुदेव साय के नाम को तरजीह दी है.
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