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अजीत जोगी: गोल्ड मेडलिस्ट इंजीनियर, शिक्षक और अफसर से लेकर राजनीति के बुलंद सितारे तक

बिलासपुर जिले के पेंड्रा रोड के जोगी डोंगरी में काशी प्रकाश जोगी के घर 29 अप्रैल साल 1946 को अजीत जोगी का जन्म हुआ था. 8 अक्टूबर 1975 को रेणु जोगी से शादी हुई थी. उनके बेटे का नाम अमित जोगी है. उनकी एक बेटी अनुषा जोगी थी. अजीत जोगी हाईली क्वॉलीफाइड नेता रहे. उन्होंने बीई, एलएलबी, एमआईई की डिग्री हासिल की. राजनीति में आने से पहले बतौर शिक्षक और प्रशासनिक अधिकारी उन्होंने लंबी सेवा दी.

life of ajit jogi
अजीत जोगी का जीवन
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Published : May 29, 2020, 4:04 PM IST

Updated : May 29, 2020, 6:30 PM IST

रायपुर: अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री रहे. बोलने की कला में माहिर अजीत जोगी ने प्रदेश की कमान नवंबर 2000 से दिसंबर 2003 तक संभाली. जोगी राज्य विधानसभा के लिए चुने जाने के अलावा संसद के दोनों सदनों के सदस्य रहे. 2016 में अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी को पार्टी विरोधी गतिविधियों और छत्तीसगढ़ के अंतागढ़ में उप-चुनावों के लिए कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था.

अजीत जोगी का सफर

बिलासपुर जिले के पेंड्रा रोड के जोगी डोंगरी में काशी प्रकाश जोगी के घर 29 अप्रैल साल 1946 को अजीत जोगी का जन्म हुआ था. 8 अक्टूबर 1975 को रेणु जोगी से शादी हुई थी. उनके बेटे का नाम अमित जोगी है. उनकी एक बेटी अनुषा जोगी थी. अजीत जोगी हाईली क्वॉलीफाइड नेता रहे. उन्होंने बीई, एलएलबी, एमआईई की डिग्री हासिल की. राजनीति में आने से पहले बतौर शिक्षक और प्रशासनिक अधिकारी उन्होंने लंबी सेवा दी.

एक नजर जोगी के सफर पर

अजीत जोगी ने 1968 में अपनी मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री गोल्ड मेडल के साथ भोपाल के मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी से पूरी की. अपने स्नातक के दौरान उन्हें मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी स्टूडेंट्स यूनियन का अध्यक्ष चुना गया.

1974 में अजीत जोगी भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित हुए थे. वे 1974 से 1986 तक मध्यप्रदेश के सीधी, शहडोल, रायपुर और इंदौर जिलों में रिकॉर्ड 12 से ज्यादा सालों के लिए सबसे लंबे समय तक कलेक्टर रहे. खास बात ये भी है कि प्रशासनिक सेवा में आने से पहले जोगी ने बतौर शिक्षक कॉलेज में पढ़ाया भी.

अजित जोगी का राजनीति सफर

  • अजीत जोगी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1986 में की जब वे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (AICC) के सदस्य बने. तब उन्हें कांग्रेस द्वारा राज्यसभा में मनोनीत किया गया था. उन्होंने 1998 तक लगातार दो कार्यकालों तक उच्च सदन में सेवा दी.
  • 1987 में उन्हें मध्य प्रदेश की राज्य कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया था. इसके साथ वे अध्यक्ष, राज्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग (मध्य प्रदेश) रहे.
  • 1989 में कांग्रेस ने उन्हें मणिपुर राज्य के निर्वाचन क्षेत्रों से लोकसभा के चुनाव के लिए उन्हें केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया था. उन्होंने मध्य प्रदेश के पूर्वी आदिवासी क्षेत्र में 1500 किलोमीटर की दूरी तय की और सामान्य जागरूकता फैलाने के लिए कांग्रेस पार्टी को समर्थन दिया.
  • 1995 में सिक्किम विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया.
  • 1996 में एआईसीसी कोर ग्रुप के सदस्य रहे. बाद में वह संसद में कांग्रेस पार्टी के कार्यकारी समिति के सदस्य बने थे.
  • 1997 में उन्हें पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी चुनाव सदस्य रहे. इसके साथ ही 1997 से 1999 तक मुख्य प्रवक्ता, कांग्रेस संसदीय दल और AICC के मुख्य प्रवक्ता के रूप में कार्य किया था.
  • 1998 में वह छत्तीसगढ़ में रायगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से 12 वीं लोकसभा के लिए चुने गए थे.
  • 1999 में उन्होंने दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी मंदिर से दंतेवाड़ा में महामाया मंदिर और अंबिकापुर में महामाया मंदिर से छत्तीसगढ़ के लिए अलग राज्य के लिए जागरूकता फैलाने के लिए जात्रा का नेतृत्व किया था.
  • उन्होंने 9 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. उन्होंने 2003 में पूरे छत्तीसगढ़ में विकास यात्रा का नेतृत्व किया था.
  • 2004 में उन्हें महासमुंद, छत्तीसगढ़ के लिए 14 वीं लोकसभा में सांसद के रूप में चुना गया था.
  • साल 2008 में मरवाही निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले, छत्तीसगढ़ विधान सभा के सदस्य के रूप में चुने गए थे.
  • 2009 के लोकसभा चुनावों में निर्वाचित होने के बाद जोगी ने लोकसभा सदस्य के रूप में छत्तीसगढ़ के महासमुंद निर्वाचन क्षेत्र में काम किया. हालांकि, जोगी 2014 के चुनाव में अपनी सीट बरकरार रखने में नाकाम रहे और भाजपा के चंदू लाल साहू से 133 मतों से हार गए थे.
  • 2018 में छत्तीसगढ़ के पहले सीएम अजीत जोगी ने बीएसपी और सीपीआई के साथ अपनी नई पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ बनाकर चुनाव लड़ा और सनसनी मचा दी. JCC (J) ने 55 सीटों पर चुनाव लड़ा जबकि BSP ने 35 सीटों पर चुनाव लड़ा था.

जोगी ने संभाले ये पद-

  • 1986-87 अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण पर सदस्य अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (A.I.C.C)
  • 1986-98 तक दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे.
  • 1987-89 तक मध्य प्रदेश प्रदेश कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी रहे.
  • 1989 में मणिपुर राज्य में निर्वाचन क्षेत्रों से लोकसभा के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक (कांग्रेस पार्टी)
  • 1995 में जोगी केंद्रीय पर्यवेक्षक कांग्रेस पार्टी, सिक्किम विधानसभा चुनाव
  • 1996 में सदस्य, कोर ग्रुप, ए.आई.सी. संसदीय चुनाव (लोकसभा)
  • 1996-99 तक संसद में कांग्रेस पार्टी की कार्यकारी समिति के सदस्य
  • 1997 में पर्यवेक्षक, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी चुनाव सदस्य, ए.आई.सी.
  • 1997-99 तक मुख्य प्रवक्ता, कांग्रेस संसदीय दल.
  • 1997-2000 तक मुख्य प्रवक्ता, एआईसीसी.
  • 1998 में 12 वीं लोकसभा के लिए चुने गए.
  • अक्टूबर 2000 अध्यक्ष, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग, AICC
  • 1998-2000 कार्यकारी अध्यक्ष, मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी छत्तीसगढ़ के प्रभारी
  • 2000-2001 अध्यक्ष (कार्यवाहक) छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी
  • 2000-2003 छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बने.
  • 2004- 14 वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित (दूसरा कार्यकाल)
  • अगस्त 2006 से अगस्त 2007- सदस्य, गृह मामलों की समिति.

जोगी के बारे में रोचक जानकारियां-

  • अजीत जोगी ने 'The Role of District Collector' और 'Administration of Peripheral Areas', दृष्टिकोण, मोर मांदर के थाप, स्वर्ण कण जन (मेरे प्रेरणा स्त्रोत), सदी के मोड़ पर नाम की किताबें लिखी हैं.
  • अजीत जोगी वह मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियर में स्वर्ण पदक विजेता हैं.
  • जोगी 1981-85 तक इंदौर के कलेक्टर रहे.
  • वे मशहूर क्रिकेटर रहे मंसूर अली खान पटौदी के सहपाठी थे.
  • साल 2004 में एक कार दुर्घटना में उन्होंने अपने दोनों पैर खो दिए थे.

रायपुर: अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री रहे. बोलने की कला में माहिर अजीत जोगी ने प्रदेश की कमान नवंबर 2000 से दिसंबर 2003 तक संभाली. जोगी राज्य विधानसभा के लिए चुने जाने के अलावा संसद के दोनों सदनों के सदस्य रहे. 2016 में अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी को पार्टी विरोधी गतिविधियों और छत्तीसगढ़ के अंतागढ़ में उप-चुनावों के लिए कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था.

अजीत जोगी का सफर

बिलासपुर जिले के पेंड्रा रोड के जोगी डोंगरी में काशी प्रकाश जोगी के घर 29 अप्रैल साल 1946 को अजीत जोगी का जन्म हुआ था. 8 अक्टूबर 1975 को रेणु जोगी से शादी हुई थी. उनके बेटे का नाम अमित जोगी है. उनकी एक बेटी अनुषा जोगी थी. अजीत जोगी हाईली क्वॉलीफाइड नेता रहे. उन्होंने बीई, एलएलबी, एमआईई की डिग्री हासिल की. राजनीति में आने से पहले बतौर शिक्षक और प्रशासनिक अधिकारी उन्होंने लंबी सेवा दी.

एक नजर जोगी के सफर पर

अजीत जोगी ने 1968 में अपनी मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री गोल्ड मेडल के साथ भोपाल के मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी से पूरी की. अपने स्नातक के दौरान उन्हें मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी स्टूडेंट्स यूनियन का अध्यक्ष चुना गया.

1974 में अजीत जोगी भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित हुए थे. वे 1974 से 1986 तक मध्यप्रदेश के सीधी, शहडोल, रायपुर और इंदौर जिलों में रिकॉर्ड 12 से ज्यादा सालों के लिए सबसे लंबे समय तक कलेक्टर रहे. खास बात ये भी है कि प्रशासनिक सेवा में आने से पहले जोगी ने बतौर शिक्षक कॉलेज में पढ़ाया भी.

अजित जोगी का राजनीति सफर

  • अजीत जोगी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1986 में की जब वे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (AICC) के सदस्य बने. तब उन्हें कांग्रेस द्वारा राज्यसभा में मनोनीत किया गया था. उन्होंने 1998 तक लगातार दो कार्यकालों तक उच्च सदन में सेवा दी.
  • 1987 में उन्हें मध्य प्रदेश की राज्य कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया था. इसके साथ वे अध्यक्ष, राज्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग (मध्य प्रदेश) रहे.
  • 1989 में कांग्रेस ने उन्हें मणिपुर राज्य के निर्वाचन क्षेत्रों से लोकसभा के चुनाव के लिए उन्हें केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया था. उन्होंने मध्य प्रदेश के पूर्वी आदिवासी क्षेत्र में 1500 किलोमीटर की दूरी तय की और सामान्य जागरूकता फैलाने के लिए कांग्रेस पार्टी को समर्थन दिया.
  • 1995 में सिक्किम विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया.
  • 1996 में एआईसीसी कोर ग्रुप के सदस्य रहे. बाद में वह संसद में कांग्रेस पार्टी के कार्यकारी समिति के सदस्य बने थे.
  • 1997 में उन्हें पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी चुनाव सदस्य रहे. इसके साथ ही 1997 से 1999 तक मुख्य प्रवक्ता, कांग्रेस संसदीय दल और AICC के मुख्य प्रवक्ता के रूप में कार्य किया था.
  • 1998 में वह छत्तीसगढ़ में रायगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से 12 वीं लोकसभा के लिए चुने गए थे.
  • 1999 में उन्होंने दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी मंदिर से दंतेवाड़ा में महामाया मंदिर और अंबिकापुर में महामाया मंदिर से छत्तीसगढ़ के लिए अलग राज्य के लिए जागरूकता फैलाने के लिए जात्रा का नेतृत्व किया था.
  • उन्होंने 9 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. उन्होंने 2003 में पूरे छत्तीसगढ़ में विकास यात्रा का नेतृत्व किया था.
  • 2004 में उन्हें महासमुंद, छत्तीसगढ़ के लिए 14 वीं लोकसभा में सांसद के रूप में चुना गया था.
  • साल 2008 में मरवाही निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले, छत्तीसगढ़ विधान सभा के सदस्य के रूप में चुने गए थे.
  • 2009 के लोकसभा चुनावों में निर्वाचित होने के बाद जोगी ने लोकसभा सदस्य के रूप में छत्तीसगढ़ के महासमुंद निर्वाचन क्षेत्र में काम किया. हालांकि, जोगी 2014 के चुनाव में अपनी सीट बरकरार रखने में नाकाम रहे और भाजपा के चंदू लाल साहू से 133 मतों से हार गए थे.
  • 2018 में छत्तीसगढ़ के पहले सीएम अजीत जोगी ने बीएसपी और सीपीआई के साथ अपनी नई पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ बनाकर चुनाव लड़ा और सनसनी मचा दी. JCC (J) ने 55 सीटों पर चुनाव लड़ा जबकि BSP ने 35 सीटों पर चुनाव लड़ा था.

जोगी ने संभाले ये पद-

  • 1986-87 अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण पर सदस्य अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (A.I.C.C)
  • 1986-98 तक दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे.
  • 1987-89 तक मध्य प्रदेश प्रदेश कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी रहे.
  • 1989 में मणिपुर राज्य में निर्वाचन क्षेत्रों से लोकसभा के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक (कांग्रेस पार्टी)
  • 1995 में जोगी केंद्रीय पर्यवेक्षक कांग्रेस पार्टी, सिक्किम विधानसभा चुनाव
  • 1996 में सदस्य, कोर ग्रुप, ए.आई.सी. संसदीय चुनाव (लोकसभा)
  • 1996-99 तक संसद में कांग्रेस पार्टी की कार्यकारी समिति के सदस्य
  • 1997 में पर्यवेक्षक, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी चुनाव सदस्य, ए.आई.सी.
  • 1997-99 तक मुख्य प्रवक्ता, कांग्रेस संसदीय दल.
  • 1997-2000 तक मुख्य प्रवक्ता, एआईसीसी.
  • 1998 में 12 वीं लोकसभा के लिए चुने गए.
  • अक्टूबर 2000 अध्यक्ष, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग, AICC
  • 1998-2000 कार्यकारी अध्यक्ष, मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी छत्तीसगढ़ के प्रभारी
  • 2000-2001 अध्यक्ष (कार्यवाहक) छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी
  • 2000-2003 छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बने.
  • 2004- 14 वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित (दूसरा कार्यकाल)
  • अगस्त 2006 से अगस्त 2007- सदस्य, गृह मामलों की समिति.

जोगी के बारे में रोचक जानकारियां-

  • अजीत जोगी ने 'The Role of District Collector' और 'Administration of Peripheral Areas', दृष्टिकोण, मोर मांदर के थाप, स्वर्ण कण जन (मेरे प्रेरणा स्त्रोत), सदी के मोड़ पर नाम की किताबें लिखी हैं.
  • अजीत जोगी वह मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियर में स्वर्ण पदक विजेता हैं.
  • जोगी 1981-85 तक इंदौर के कलेक्टर रहे.
  • वे मशहूर क्रिकेटर रहे मंसूर अली खान पटौदी के सहपाठी थे.
  • साल 2004 में एक कार दुर्घटना में उन्होंने अपने दोनों पैर खो दिए थे.
Last Updated : May 29, 2020, 6:30 PM IST
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