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रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने बनाया घाव को जल्द ठीक करने का फॉर्मूला - प्रोफेसर दीपेंद्र सिंह

formula to heal wounds quickly रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दीपेंद्र सिंह ने एक ऐसा फॉर्मूला बनाया है जिससे चोट आसानी से ठीक हो सकेंगे. इस फॉर्मूले से घरेलू स्तर से लेकर युद्ध के हालातों में लाभ मिलेगा. प्रोफेसर का दावा है कि 10 से 11 दिनों में घाव ठीक हो रहे हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि "ये अभी प्रारंभिक स्थिति में है. नेचुरल प्रोडक्ट्स से ये फॉर्मूला बनाया गया है. "Professor Dipendra Singh formula

Professor Dipendra Singh
घाव को जल्द ठीक करने का फॉर्मूला
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Published : Dec 2, 2022, 3:55 PM IST

Updated : Dec 2, 2022, 6:23 PM IST

रायपुर: आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है. समय समय पर वैज्ञानिक समाज में आवश्यकताओं के अनुरूप आविष्कार करते हैं. पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दीपेंद्र सिंह ने ऐसा मेडिसिन फॉर्मूला तैयार किया है जो गहरे से गहरे जख्म को जल्दी ठीक करने में कारगर है. प्राकृतिक तत्वों से इस फॉर्मूला को बनाया गया है. जिससे काफी मदद मिलेगी. ETV भारत ने रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर दीपेंद्र सिंह से खास बात की.

रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दीपेंद्र सिंह से खास बात

सवाल- आपने किस तरह के फॉर्मूले को बनाया है?

जवाब- हमारा ग्रुप घाव और चोट पर रिसर्च कर रहा है. हमने ऐसा फॉर्मूला बनाया है, जो घाव और चोट को जल्द ठीक करता है. कोई भी घाव और चोट जल्द तब ठीक होता है जब हिलींग को कम डिस्टर्ब किया जाए और उसे नेचुरल मैनेज किया जाए. इसी को ध्याने में रखकर हमने फॉर्मूला डिजाइन किया है. इसमें हमने नेचुरल प्रोडक्ट और पॉलिमर्स का इस्तेमाल किया था जो घाव को जल्द ठीक करने में मदद करता है.

सवाल- क्या आपने इसे पेटेंट करवाया है ?

जवाब- हमने जो काम किया था उसे पेटेंट करवाया है. यह काम हमारा पब्लिश भी हो चुका है, इसके साथ ही बहुत सारे लोगों ने इसे रेफर किया है. हमारे काम को मान्यता भी मिल रही है.

सीढ़ियों से गिरे सिंगर जुबिन नौटियाल, सिर में आई गंभीर चोट, अस्पताल में भर्ती

सवाल- आगे की और क्या प्रकिया होगी ?

जवाब- हमने अपने पहले पार्ट का काम पूरा कर लिया है. इसे लैब में टेस्ट किया. इसका रिजल्ट अच्छा आया तो हमने इसे पेटेंट किया था. हमारा काम लोगों ने काफी पसंद किया. इस वर्क में बहुत सारे कम्म्बिनेशन अभी भी है. जिस पर हम काम कर रहे हैं. पहला प्रिलिमनरी रिजल्ट अच्छा है. हम अपने काम को सेकेंड फेज में लेकर जा रहे हैं. आगे चलकर इसकी क्लिनिकल स्टडी की जाएगी.

सवाल - यह फॉर्मूला दवाई के लिए किस तरह काम आएगा?

जवाब- घाव और चोट घर से लेकर युद्ध मैदान तक देखने को मिलता है. युद्ध क्षेत्र के घाव और चोट में बेहद ब्लड लॉस होता है. ज्यादा ब्लड बहने और घाव पर इंफेक्शन होने पर कई बार बॉडी पार्ट भी काटने पड़ते है. हमने जो फॉर्मूला तैयार किया है इसमें ब्लड लॉस तुरंत बंद हो जात है. इसके साथ ही सेकंडरी इंफेक्शन भी ना हो, यह हमारे फॉर्मूले की अप्रोच है. खून बंद होने और घाव को भरने में यह मदद करता है.

सवाल - आपने इसे कहा ट्रायल किया है ?

जवाब- हमने इसे एनिमल में ट्राइ किया है. जिसका अच्छा रिजल्ट मिला है. जो बेस्ट रिजल्ट है वह 11 दिन है. 10 से 11 दिनों के हमे इसके परिणाम मिल रहे है.

न्यूरालिंक के ब्रेन चिप्स से इंसान बनेंगे हाइपर-इंटेलिजेंट, लकवाग्रस्त लोगों को मिलेगा चलने फिरने का मौका

सवाल- आपके फार्मूलेशन में कौन कौन से तत्व शामिल है ?

जवाब- इस फॉर्मूले को बनाने के लिए हमने ल्यूपोल प्लांट प्रोडक्ट के प्योर फार्म का इस्तेमाल किया है. ल्यूपोल हमारे फ़ूड में मौजूद रहता है. सब्जियों और फलों में भी यह तत्व होता है लेकिन उसमें यह कम मात्रा में होता है.


सवाल- आने वाले दिनों में यह बाजार में कब मिलेगा ?

जवाब- यह एक लंबी प्रकिया है. पहला चरण पार कर लिया है. सेकेंड फेज फॉर्मूलेशन का फेज है. हम उसे करेगे तो जल्द ही हम कह पाएंगे कि यह बाजार में कब आएगी .


ल्यूपोल एक पेंटासाइक्लिक ट्राइटरपेनॉइड है जो ल्यूपेन है. जिसमें 3बीटा स्थिति में हाइड्रोजन को हाइड्रॉक्सी समूह द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है. यह ल्यूपिन के बीजों की त्वचा में होता है, साथ ही अंजीर के पेड़ों और रबर के पौधों के लेटेक्स में भी होता है. यह कई खाद्य, फलों और सब्जियों में भी पाया जाता है.

रायपुर: आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है. समय समय पर वैज्ञानिक समाज में आवश्यकताओं के अनुरूप आविष्कार करते हैं. पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दीपेंद्र सिंह ने ऐसा मेडिसिन फॉर्मूला तैयार किया है जो गहरे से गहरे जख्म को जल्दी ठीक करने में कारगर है. प्राकृतिक तत्वों से इस फॉर्मूला को बनाया गया है. जिससे काफी मदद मिलेगी. ETV भारत ने रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर दीपेंद्र सिंह से खास बात की.

रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दीपेंद्र सिंह से खास बात

सवाल- आपने किस तरह के फॉर्मूले को बनाया है?

जवाब- हमारा ग्रुप घाव और चोट पर रिसर्च कर रहा है. हमने ऐसा फॉर्मूला बनाया है, जो घाव और चोट को जल्द ठीक करता है. कोई भी घाव और चोट जल्द तब ठीक होता है जब हिलींग को कम डिस्टर्ब किया जाए और उसे नेचुरल मैनेज किया जाए. इसी को ध्याने में रखकर हमने फॉर्मूला डिजाइन किया है. इसमें हमने नेचुरल प्रोडक्ट और पॉलिमर्स का इस्तेमाल किया था जो घाव को जल्द ठीक करने में मदद करता है.

सवाल- क्या आपने इसे पेटेंट करवाया है ?

जवाब- हमने जो काम किया था उसे पेटेंट करवाया है. यह काम हमारा पब्लिश भी हो चुका है, इसके साथ ही बहुत सारे लोगों ने इसे रेफर किया है. हमारे काम को मान्यता भी मिल रही है.

सीढ़ियों से गिरे सिंगर जुबिन नौटियाल, सिर में आई गंभीर चोट, अस्पताल में भर्ती

सवाल- आगे की और क्या प्रकिया होगी ?

जवाब- हमने अपने पहले पार्ट का काम पूरा कर लिया है. इसे लैब में टेस्ट किया. इसका रिजल्ट अच्छा आया तो हमने इसे पेटेंट किया था. हमारा काम लोगों ने काफी पसंद किया. इस वर्क में बहुत सारे कम्म्बिनेशन अभी भी है. जिस पर हम काम कर रहे हैं. पहला प्रिलिमनरी रिजल्ट अच्छा है. हम अपने काम को सेकेंड फेज में लेकर जा रहे हैं. आगे चलकर इसकी क्लिनिकल स्टडी की जाएगी.

सवाल - यह फॉर्मूला दवाई के लिए किस तरह काम आएगा?

जवाब- घाव और चोट घर से लेकर युद्ध मैदान तक देखने को मिलता है. युद्ध क्षेत्र के घाव और चोट में बेहद ब्लड लॉस होता है. ज्यादा ब्लड बहने और घाव पर इंफेक्शन होने पर कई बार बॉडी पार्ट भी काटने पड़ते है. हमने जो फॉर्मूला तैयार किया है इसमें ब्लड लॉस तुरंत बंद हो जात है. इसके साथ ही सेकंडरी इंफेक्शन भी ना हो, यह हमारे फॉर्मूले की अप्रोच है. खून बंद होने और घाव को भरने में यह मदद करता है.

सवाल - आपने इसे कहा ट्रायल किया है ?

जवाब- हमने इसे एनिमल में ट्राइ किया है. जिसका अच्छा रिजल्ट मिला है. जो बेस्ट रिजल्ट है वह 11 दिन है. 10 से 11 दिनों के हमे इसके परिणाम मिल रहे है.

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सवाल- आपके फार्मूलेशन में कौन कौन से तत्व शामिल है ?

जवाब- इस फॉर्मूले को बनाने के लिए हमने ल्यूपोल प्लांट प्रोडक्ट के प्योर फार्म का इस्तेमाल किया है. ल्यूपोल हमारे फ़ूड में मौजूद रहता है. सब्जियों और फलों में भी यह तत्व होता है लेकिन उसमें यह कम मात्रा में होता है.


सवाल- आने वाले दिनों में यह बाजार में कब मिलेगा ?

जवाब- यह एक लंबी प्रकिया है. पहला चरण पार कर लिया है. सेकेंड फेज फॉर्मूलेशन का फेज है. हम उसे करेगे तो जल्द ही हम कह पाएंगे कि यह बाजार में कब आएगी .


ल्यूपोल एक पेंटासाइक्लिक ट्राइटरपेनॉइड है जो ल्यूपेन है. जिसमें 3बीटा स्थिति में हाइड्रोजन को हाइड्रॉक्सी समूह द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है. यह ल्यूपिन के बीजों की त्वचा में होता है, साथ ही अंजीर के पेड़ों और रबर के पौधों के लेटेक्स में भी होता है. यह कई खाद्य, फलों और सब्जियों में भी पाया जाता है.

Last Updated : Dec 2, 2022, 6:23 PM IST
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