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प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन गांव-गांव जाकर कर रहा सर्वे, पालकों ने की स्कूल खोलने की मांग

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Published : Jul 4, 2021, 10:13 PM IST

Updated : Jul 4, 2021, 10:54 PM IST

लंबे समय से स्कूल बंद होने के कारण अब बच्चों की शिक्षा (childrens education) पर भी इसका असर पड़ रहा है. अब स्कूल खोलने को लेकर छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन (Chhattisgarh Private School Management Association) गांव-गांव जाकर सर्वे कर रहा है.

survey for opening of schools
गांव में किया जा रहा सर्वे

रायपुर: कोरोना संक्रमण (corona virus) और लॉकडाउन के चलते एजुकेशन सेक्टर (education sector) बुरी तरह प्रभावित हुआ है. ऐसे में लंबे समय से स्कूल बंद होने के कारण अब बच्चों की शिक्षा (childrens education) पर भी इसका असर पड़ा है. पिछले 2 सालों से स्कूल नहीं खुलने के कारण आर्थिक तंगी की वजह से कई निजी स्कूलों पर ताला है. वहीं अब स्कूल खोलने को लेकर छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन (Chhattisgarh Private School Management Association) गांव-गांव जाकर सर्वे कर रहा है. जानकारी जुटा रहा है कि अगर सरकार स्कूल खोलती है तो क्या वे अपने बच्चों को स्कूल भेजेंगे. इन सभी तमाम प्रश्नों को लेकर प्राइवेट एसोसिएशन संघ पदाधिकारी राजधानी से नरदहा गांव पहुंचे और वहां के लोगों की राय जानी.

गांव में किया जा रहा सर्वे

ETV भारत की टीम भी ग्रामीणों की राय जानने गांव पहुंची और उनकी राय को समझने की कोशिश की. ज्यादातर लोगों ने बताया कि जो सरकारी स्कूलों में बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें ऑनलाइन क्लासेस और बाकी अन्य चीजों को लेकर दिक्कतें हो रही हैं. जो छात्र प्राइवेट स्कूल में आरटीई (RTE) के तहत पढ़ाई कर रहे हैं, उनकी ऑनलाइन क्लास लगातार चल रही है. उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हो रही है.

ऑनलाइन क्लास से नहीं मिल रहा फायदा

ग्रामीणों का कहना है कि ऑनलाइन क्लास (online class) में बच्चों को ज्यादा फायदा नहीं मिल पा रहा है. जिस तरह से बच्चे स्कूल में जाकर पढ़ाई करते थे वे मन लगाकर पढ़ते थे. लेकिन अब ऑनलाइन क्लास करने वाला बच्चा ज्यादातर समय वीडियो गेम में बीता रहा है. जबकि पढ़ाई में कम समय दे रहा है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हुई है.

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बच्चों के रूटीन में बदलाव

कोरोना संक्रमण काल (corona pedamic) में 2 साल से स्कूल बंद होने के कारण बच्चे अब घर पर ही रह रहे हैं. ऐसे में उनके माता-पिता का कहना है कि बच्चे जब स्कूल जाया करते थे तब उनका रूटीन सही था. लेकिन जब से ऑनलाइन क्लास हो रही है तब से बच्चों का रूटीन बिगड़ गया है. सुबह उठने से लेकर सोने तक का समय बिगड़ गया है. जिससे उनका नुकसान हो रहा है.

बच्चों के व्यवहार में भी बदलाव

पालकों ने बताया कि पिछले 2 सालों से बच्चा घर में ही है. ऐसे में ज्यादा बाहर नहीं जाने के कारण उसके व्यवहार में भी बदलाव आया है. जब बच्चे स्कूल जाते थे, तो शिक्षकों और स्कूल के वातावरण से बहुत सारी अच्छी चीजें सीखते थे. लेकिन अब बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में उनका व्यवहार बदल गया है. ज्यादातर समय बच्चे अपने मोबाइल में ही बिताते हैं. ऐसे में उसका बुरा असर भी पड़ रहा है.

सरकारी स्कूलों में नहीं हो रही ऑनलाइन क्लास

गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि सरकारी स्कूल में ऑनलाइन क्लास नहीं लेते. न ही मोहल्ला क्लास (mohalla class) लगाते हैं. हालांकि सरकारी स्कूलों में बच्चों को राशन तो मिल रहा है. लेकिन पढ़ाई को लेकर कोई बेहतर व्यवस्था नहीं हो पा रही है.

स्कूल खोलने की मांग

ज्यादातर पालकों ने बताया कि आज के समय में सभी चीजें खुल गई है. एक ओर जहां शराब दुकानें खुल रही है, मॉल, स्विमिंग पूल, बड़े-बड़े आयोजन भी हो रहे हैं. लेकिन स्कूल खोलने की अनुमति अभी तक नहीं मिली है. अगर सरकार स्कूल नहीं खोलेगी तो ऐसे में बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा. सरकार को इस ओर सोचने की जरुरत है.

रायपुर: कोरोना संक्रमण (corona virus) और लॉकडाउन के चलते एजुकेशन सेक्टर (education sector) बुरी तरह प्रभावित हुआ है. ऐसे में लंबे समय से स्कूल बंद होने के कारण अब बच्चों की शिक्षा (childrens education) पर भी इसका असर पड़ा है. पिछले 2 सालों से स्कूल नहीं खुलने के कारण आर्थिक तंगी की वजह से कई निजी स्कूलों पर ताला है. वहीं अब स्कूल खोलने को लेकर छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन (Chhattisgarh Private School Management Association) गांव-गांव जाकर सर्वे कर रहा है. जानकारी जुटा रहा है कि अगर सरकार स्कूल खोलती है तो क्या वे अपने बच्चों को स्कूल भेजेंगे. इन सभी तमाम प्रश्नों को लेकर प्राइवेट एसोसिएशन संघ पदाधिकारी राजधानी से नरदहा गांव पहुंचे और वहां के लोगों की राय जानी.

गांव में किया जा रहा सर्वे

ETV भारत की टीम भी ग्रामीणों की राय जानने गांव पहुंची और उनकी राय को समझने की कोशिश की. ज्यादातर लोगों ने बताया कि जो सरकारी स्कूलों में बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें ऑनलाइन क्लासेस और बाकी अन्य चीजों को लेकर दिक्कतें हो रही हैं. जो छात्र प्राइवेट स्कूल में आरटीई (RTE) के तहत पढ़ाई कर रहे हैं, उनकी ऑनलाइन क्लास लगातार चल रही है. उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हो रही है.

ऑनलाइन क्लास से नहीं मिल रहा फायदा

ग्रामीणों का कहना है कि ऑनलाइन क्लास (online class) में बच्चों को ज्यादा फायदा नहीं मिल पा रहा है. जिस तरह से बच्चे स्कूल में जाकर पढ़ाई करते थे वे मन लगाकर पढ़ते थे. लेकिन अब ऑनलाइन क्लास करने वाला बच्चा ज्यादातर समय वीडियो गेम में बीता रहा है. जबकि पढ़ाई में कम समय दे रहा है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हुई है.

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बच्चों के रूटीन में बदलाव

कोरोना संक्रमण काल (corona pedamic) में 2 साल से स्कूल बंद होने के कारण बच्चे अब घर पर ही रह रहे हैं. ऐसे में उनके माता-पिता का कहना है कि बच्चे जब स्कूल जाया करते थे तब उनका रूटीन सही था. लेकिन जब से ऑनलाइन क्लास हो रही है तब से बच्चों का रूटीन बिगड़ गया है. सुबह उठने से लेकर सोने तक का समय बिगड़ गया है. जिससे उनका नुकसान हो रहा है.

बच्चों के व्यवहार में भी बदलाव

पालकों ने बताया कि पिछले 2 सालों से बच्चा घर में ही है. ऐसे में ज्यादा बाहर नहीं जाने के कारण उसके व्यवहार में भी बदलाव आया है. जब बच्चे स्कूल जाते थे, तो शिक्षकों और स्कूल के वातावरण से बहुत सारी अच्छी चीजें सीखते थे. लेकिन अब बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में उनका व्यवहार बदल गया है. ज्यादातर समय बच्चे अपने मोबाइल में ही बिताते हैं. ऐसे में उसका बुरा असर भी पड़ रहा है.

सरकारी स्कूलों में नहीं हो रही ऑनलाइन क्लास

गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि सरकारी स्कूल में ऑनलाइन क्लास नहीं लेते. न ही मोहल्ला क्लास (mohalla class) लगाते हैं. हालांकि सरकारी स्कूलों में बच्चों को राशन तो मिल रहा है. लेकिन पढ़ाई को लेकर कोई बेहतर व्यवस्था नहीं हो पा रही है.

स्कूल खोलने की मांग

ज्यादातर पालकों ने बताया कि आज के समय में सभी चीजें खुल गई है. एक ओर जहां शराब दुकानें खुल रही है, मॉल, स्विमिंग पूल, बड़े-बड़े आयोजन भी हो रहे हैं. लेकिन स्कूल खोलने की अनुमति अभी तक नहीं मिली है. अगर सरकार स्कूल नहीं खोलेगी तो ऐसे में बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा. सरकार को इस ओर सोचने की जरुरत है.

Last Updated : Jul 4, 2021, 10:54 PM IST
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