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बांसवाड़ा में कैदी ने जीने के लिए मांगी शराब, नहीं मिलने पर भूख हड़ताल पर बैठा...मौत

बांसवाड़ा जेल में बंद एक कैदी ने शराब के लिए अपनी जान दे दी. शराब नहीं मिलने पर वह भूख हड़ताल पर बैठ गया. जिसके बाद तबीयत बिगड़ने पर उसकी मौत हो गई.

death of a prisoner
कैदी की मौत
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Published : Oct 25, 2021, 7:32 PM IST

Updated : Oct 25, 2021, 9:33 PM IST

बांसवाड़ा/रायपुर: शराब की मांग कर रहे एक कैदी की मौत हो गई. कैदी जेल में मारपीट के केस में बंद था. उसने शराब की मांग में खाना पीना छोड़ दिया था. लगातार 11 दिन खाना नहीं खाने से उसकी तबीयत बिगड़ गई. उसे उदयपुर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. वहीं इस मामले की जांच की जा रही है.

कैदी नीरू निवासी ग्राम जाबूड़ी को पिता से मारपीट के मामले में गिरफ्तार किया गया था. उसे शराब पीने की लत थी. शराब की मांग को लेकर ही भूख हड़ताल पर बैठ गया था. जिसके बाद उदयपुर में उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई.

सदर थाना अधिकारी पुनाराम जाट (Sadar Police Station Officer Punaram Jatt) ने बताया कि साल 2011 में जांबूढ़ी निवासी नीरू ने अपने पिता के साथ मारपीट की. इस मामले में उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया था. इसके बाद फिर वह दोबारा कभी कोर्ट में हाजिर ही नहीं हुआ. ऐसे में कोर्ट ने उसका स्थाई वारंट जारी किया. इस पर सदर थाना पुलिस ने 6 अक्टूबर को उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने उसे फिर से जेल भेजने के आदेश दे दिए थे.

शराब की मांग पर छोड़ दिया था खाना

बांसवाड़ा जिला जेल जेलर मान सिंह ने बताया कि नीरू की तबीयत बिगड़ने पर उसे 17 अक्टूबर को एमजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उससे पहले जेल में ही इलाज चल रहा था. इधर जेल सूत्रों का कहना है कि उसने शराब नहीं मिलने के कारण खाना पीना छोड़ दिया था. तबीयत बिगड़ने पर 19 अक्टूबर को नीरू को बांसवाड़ा से उदयपुर के लिए रेफर कर दिया था.

यह भी पढ़ें. अलवर में विवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, पीहर पक्ष ने लगाया जहर देकर हत्या का आरोप

मामले की जांच शुरू

नीरू की उदयपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई. ऐसे में जेल नियमावली के अनुसार उदयपुर सीजेएम को इसकी लिखित में सूचना दी गई. नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन (National Human Rights Commission) के अनुसार जेल में किसी भी कैदी की मौत होती है तो उसकी जांच न्यायिक अधिकारी से कराई जाती है. इसी के चलते उदयपुर सीजेएम ने एक न्यायिक अधिकारी को मामले में जांच के आदेश दिए हैं. न्यायिक अधिकारी ने पोस्टमार्टम कराकर जांच शुरू कर दी है. इधर मृतक का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है.

जेलर मान सिंह ने कुछ और आशंका जताई

बांसवाड़ा जिला जिन्होंने कुछ ही दिन पहले बांसवाड़ा में कार्यभार ग्रहण किया है. उन्होंने बताया कि कई बार लोग कैदी की मौत होने पर जेल प्रशासन को आरोपी बना देते हैं. जिससे कि उन्हें मुआवजा मिल सके. इस केस में भी कुछ ऐसे ही लक्षण नजर आ रहे हैं. बाकी पूरे मामले की न्यायिक जांच हो रही है. इसलिए बहुत ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते हैं.

बांसवाड़ा/रायपुर: शराब की मांग कर रहे एक कैदी की मौत हो गई. कैदी जेल में मारपीट के केस में बंद था. उसने शराब की मांग में खाना पीना छोड़ दिया था. लगातार 11 दिन खाना नहीं खाने से उसकी तबीयत बिगड़ गई. उसे उदयपुर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. वहीं इस मामले की जांच की जा रही है.

कैदी नीरू निवासी ग्राम जाबूड़ी को पिता से मारपीट के मामले में गिरफ्तार किया गया था. उसे शराब पीने की लत थी. शराब की मांग को लेकर ही भूख हड़ताल पर बैठ गया था. जिसके बाद उदयपुर में उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई.

सदर थाना अधिकारी पुनाराम जाट (Sadar Police Station Officer Punaram Jatt) ने बताया कि साल 2011 में जांबूढ़ी निवासी नीरू ने अपने पिता के साथ मारपीट की. इस मामले में उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया था. इसके बाद फिर वह दोबारा कभी कोर्ट में हाजिर ही नहीं हुआ. ऐसे में कोर्ट ने उसका स्थाई वारंट जारी किया. इस पर सदर थाना पुलिस ने 6 अक्टूबर को उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने उसे फिर से जेल भेजने के आदेश दे दिए थे.

शराब की मांग पर छोड़ दिया था खाना

बांसवाड़ा जिला जेल जेलर मान सिंह ने बताया कि नीरू की तबीयत बिगड़ने पर उसे 17 अक्टूबर को एमजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उससे पहले जेल में ही इलाज चल रहा था. इधर जेल सूत्रों का कहना है कि उसने शराब नहीं मिलने के कारण खाना पीना छोड़ दिया था. तबीयत बिगड़ने पर 19 अक्टूबर को नीरू को बांसवाड़ा से उदयपुर के लिए रेफर कर दिया था.

यह भी पढ़ें. अलवर में विवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, पीहर पक्ष ने लगाया जहर देकर हत्या का आरोप

मामले की जांच शुरू

नीरू की उदयपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई. ऐसे में जेल नियमावली के अनुसार उदयपुर सीजेएम को इसकी लिखित में सूचना दी गई. नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन (National Human Rights Commission) के अनुसार जेल में किसी भी कैदी की मौत होती है तो उसकी जांच न्यायिक अधिकारी से कराई जाती है. इसी के चलते उदयपुर सीजेएम ने एक न्यायिक अधिकारी को मामले में जांच के आदेश दिए हैं. न्यायिक अधिकारी ने पोस्टमार्टम कराकर जांच शुरू कर दी है. इधर मृतक का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है.

जेलर मान सिंह ने कुछ और आशंका जताई

बांसवाड़ा जिला जिन्होंने कुछ ही दिन पहले बांसवाड़ा में कार्यभार ग्रहण किया है. उन्होंने बताया कि कई बार लोग कैदी की मौत होने पर जेल प्रशासन को आरोपी बना देते हैं. जिससे कि उन्हें मुआवजा मिल सके. इस केस में भी कुछ ऐसे ही लक्षण नजर आ रहे हैं. बाकी पूरे मामले की न्यायिक जांच हो रही है. इसलिए बहुत ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते हैं.

Last Updated : Oct 25, 2021, 9:33 PM IST
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