ETV Bharat / state

LOCKDOWN में मंदिर बंद होने से परेशान पुजारी, उधार लेकर चला रहे घर

लॉकडाउन ने सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया. अब धार्मिक स्थल भी इससे अछूते नहीं हैं. कोरोना संक्रमण (corona virus) की वजह से लगे लॉकडाउन ने पंडितो और पुजारियों की रोजी-रोटी पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है. लॉकडाउन में मंदिर बंद होने की वजह से इनका घर नहीं चल पा रहा है.

closure of temple in lockdown
लॉकडाउन में मंदिर बंद
author img

By

Published : May 27, 2021, 10:16 PM IST

रायपुर: राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के दूसरे जिलों में बढ़ते कोरोना संक्रमण (corona virus) के चलते सभी रायपुर में 31 मई तक लॉकडाउन (Lockdown) बढ़ा दिया गया है. लॉकडाउन के दौरान धार्मिक स्थल बंद होने के साथ ही घरों में होने वाली पूजा पाठ, धार्मिक अनुष्ठान, प्रवचन सब बंद हैं. जिससे पंडित और पुजारियों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है. कुछ पंडित और पुजारियों को ट्रस्ट की ओर से मानदेय मिलता है. लेकिन इससे घर की जरूरतें और परिवार को नहीं चलाया जा सकता.

LOCKDOWN में मंदिर बंद होने से परेशान पुजारी, उधार लेकर चला रहे घर

राजधानी रायपुर में छोटे बड़े मिलाकर करीब 1 हजार मंदिर हैं. छोटे मंदिरों में पंडित और पुजारी अपने घरों से मंदिरों में जाकर पूजा पाठ करते हैं. भक्तों और श्रद्धालुओं से मंदिरों को दान दक्षिणा और चढ़ावा भी मिलता है. लेकिन रायपुर में लॉकडाउन (lockdown in raipur) की वजह से मंदिरों में ये सब अभी पूरी तरह से बंद हो गया है. जिससे अब पंडित पुजारियों को भी अब अपनी रोजी-रोटी के लिए सोचना पड़ रहा है.

सरगुजा के स्ट्रीट वेंडर्स परेशान: एक तरफ रोजगार का संकट दूसरी ओर कट रहा चालान

सूना पड़ा मंदिर

कुछ पंडित और पुजारियों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान मंदिर बंद हैं, जिससे भक्त और श्रद्धालु भी नहीं आ रहे. रोज की पूजा करने के लिए मंदिरों को कुछ घंटों के लिए खोला जाता है. पूजा के बाद मंदिर वापस बंद कर दिया जाता है. सामान्य दिनों में मंदिरों में भक्तों और श्रद्धालुओं की लाइन लगी रहती है. जिससे मंदिरों में अच्छा खासा चढ़वा चढ़ता है. पुजारी भी इसी चढ़ावे के भरोसे रहते हैं. जिससे उनका घर चलता है. लेकिन लॉकडाउन ने सब पर रोक लगा दी है. ऐसे में पंडित और पुजारी कर्ज या फिर उधार लेकर अपना परिवार चला रहे हैं.

छोटे मंदिरों के पुजारियों के सामने रोजी रोटी की समस्या

कुछ ऐसे बड़े मंदिर भी हैं जो ट्रस्ट के माध्यम से चलाए जा रहे हैं. वहां के पंडित और पुजारियों को सारी सुविधाएं ट्रस्ट की ओर से मिलती है. छोटे मंदिरों के कई पंडित और पुजारी मंदिरों के भरोसे न रहकर दूसरे के घरों में जाकर पूजा, पाठ, हवन, अनुष्ठान, कथा करके अपना परिवार चलाते हैं. लेकिन लॉकडाउन ने इनकी दशा और दिशा को ही बदल कर रख दिया है. कोरोना की दूसरी लहर के कारण कई यजमान इन पंडित और पुजारियों को अपने घरों में किसी भी अनुष्ठान के लिए घर नहीं बुला रहे हैं.

रायपुर: राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के दूसरे जिलों में बढ़ते कोरोना संक्रमण (corona virus) के चलते सभी रायपुर में 31 मई तक लॉकडाउन (Lockdown) बढ़ा दिया गया है. लॉकडाउन के दौरान धार्मिक स्थल बंद होने के साथ ही घरों में होने वाली पूजा पाठ, धार्मिक अनुष्ठान, प्रवचन सब बंद हैं. जिससे पंडित और पुजारियों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है. कुछ पंडित और पुजारियों को ट्रस्ट की ओर से मानदेय मिलता है. लेकिन इससे घर की जरूरतें और परिवार को नहीं चलाया जा सकता.

LOCKDOWN में मंदिर बंद होने से परेशान पुजारी, उधार लेकर चला रहे घर

राजधानी रायपुर में छोटे बड़े मिलाकर करीब 1 हजार मंदिर हैं. छोटे मंदिरों में पंडित और पुजारी अपने घरों से मंदिरों में जाकर पूजा पाठ करते हैं. भक्तों और श्रद्धालुओं से मंदिरों को दान दक्षिणा और चढ़ावा भी मिलता है. लेकिन रायपुर में लॉकडाउन (lockdown in raipur) की वजह से मंदिरों में ये सब अभी पूरी तरह से बंद हो गया है. जिससे अब पंडित पुजारियों को भी अब अपनी रोजी-रोटी के लिए सोचना पड़ रहा है.

सरगुजा के स्ट्रीट वेंडर्स परेशान: एक तरफ रोजगार का संकट दूसरी ओर कट रहा चालान

सूना पड़ा मंदिर

कुछ पंडित और पुजारियों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान मंदिर बंद हैं, जिससे भक्त और श्रद्धालु भी नहीं आ रहे. रोज की पूजा करने के लिए मंदिरों को कुछ घंटों के लिए खोला जाता है. पूजा के बाद मंदिर वापस बंद कर दिया जाता है. सामान्य दिनों में मंदिरों में भक्तों और श्रद्धालुओं की लाइन लगी रहती है. जिससे मंदिरों में अच्छा खासा चढ़वा चढ़ता है. पुजारी भी इसी चढ़ावे के भरोसे रहते हैं. जिससे उनका घर चलता है. लेकिन लॉकडाउन ने सब पर रोक लगा दी है. ऐसे में पंडित और पुजारी कर्ज या फिर उधार लेकर अपना परिवार चला रहे हैं.

छोटे मंदिरों के पुजारियों के सामने रोजी रोटी की समस्या

कुछ ऐसे बड़े मंदिर भी हैं जो ट्रस्ट के माध्यम से चलाए जा रहे हैं. वहां के पंडित और पुजारियों को सारी सुविधाएं ट्रस्ट की ओर से मिलती है. छोटे मंदिरों के कई पंडित और पुजारी मंदिरों के भरोसे न रहकर दूसरे के घरों में जाकर पूजा, पाठ, हवन, अनुष्ठान, कथा करके अपना परिवार चलाते हैं. लेकिन लॉकडाउन ने इनकी दशा और दिशा को ही बदल कर रख दिया है. कोरोना की दूसरी लहर के कारण कई यजमान इन पंडित और पुजारियों को अपने घरों में किसी भी अनुष्ठान के लिए घर नहीं बुला रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.