रायपुर: लॉकडाउन का असर अब खाने की थाली पर दिखने लगा है. करोना संक्रमण को लेकर लगे लॉकडाउन से जहां एक और पूरे देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है तो वहीं खाने की थाली में भी इसका खासा असर देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन की वजह से दाल की कीमतें आसमान छूने लगी है.
दाल के आसमान छूते दामों ने घरों का बजट बिगाड़ दिया है. खासकर राहर दाल की कीमत तेजी से बढ़ रही हैं. ग्राहकों ने बताया कि जो राहर दाल सामान्य दिनों में 80 - 90 रुपये किलो थी वही दाल अब 110 से 120 रुपए प्रति किलो बिक रही है. व्यापारी भी मानते हैं कि लॉकडाउन के बाद राहर दाल के दाम बढ़े हैं. आम दिनों में जो दाल थोक में 7200 रुपए प्रति क्विंटल थी अब वह बढ़कर 8700 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है. ऐसे में फुटकर दुकानों में राहर दाल की कीमतें बढ़ना स्वभाविक है.
ट्रांसपोर्टेशन हैं कीमत बढ़ने की वजह: जितेंद्र
चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से व्यापार पर काफी प्रभाव पड़ा है. लेकिन इस परिस्थिति में व्यापारी शासन-प्रशासन का सहयोग करने तैयार है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से दाल सहित दूसरे जरुरी सामानों के दाम बढ़े हैं. जिसकी वजह ट्रांसपोर्टेशन में आ रही दिक्कत है.
मंत्री ने दिए निर्देश
लॉकडाउन की वजह से जरुररी सामानों की बढ़ती कीमतों पर सरकार की पैनी नजर है और यही वजह है कि सरकार ने जमाखोरों और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि प्रदेश में राशन या दूसरे जरुरी सामानों की जमाखोरी और कालाबाजारी ना होने दें. ऐसा कोई करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी मंत्री ने दिए हैं.
क्या होगा सरकार का अगला कदम?
बता दें कि सब्जी न होने की स्थिति में लोग दाल रोटी खाकर भी गुजारा कर सकते हैं. लेकिन अब दाल की बढ़ती कीमतों ने लोगों के थाली की दाल पतली कर दी है. लॉकडाउन ने दाल का स्वाद ही फीका कर दिया है. अब देखने वाली बात है कि राज्य सरकार इन बढ़ती हुई दालो की कीमतों को रोकने के लिए क्या कदम उठाती है.