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Pravesh Shaala Utsav in Chhattisgarh: शाला प्रवेशोत्सव पर तिलक लगाकर बच्चों का किया स्वागत, किताब और ड्रेस भी बांटे

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Published : Jun 25, 2023, 5:36 PM IST

Updated : Jun 26, 2023, 12:01 PM IST

Pravesh Shaala Utsav in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में आज से स्कूल खुल गए हैं. भीषण गर्मी से 10 दिन बढ़ी गर्मियों की छुट्टियां रविवार को समाप्त हो गई हैं. सूबे के 33 जिलों के स्कूलों में नए सत्र में दाखिले के लिए 26 जून से 15 जुलाई तक शाला प्रवेशोत्सव मनाया जा रहा है. पहले दिन बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत करने के साथ ही काॅपी किताब, ड्रेस और साइकिल भी बांटी जा रही है.

Pravesh Shaala Utsav in Chhattisgarh
तिलक लगाकर बच्चों का होगा स्वागत

रायपुर: गर्मी की लंबी छुट्टियां मनाने के बाद बच्चों का उनके स्कूलों में शाला प्रवेशोत्सव मनाते हुए भव्य स्वागत किया जा रहा है. ड्रेस और किताब के साथ ही साइकिल भी बांटी जा रही है. समर वोकेशन के बाद 26 जून यानि आज से नया शिक्षा सत्र शुरू हो गया है. सूबे के 33 जिलों के सभी सरकारी स्कूलों में 26 जून से लेकर 15 जुलाई तक शाला प्रवोशोत्शव मनाया जाएगा. इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाएंगे. जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अफसर स्कूलों में पहुंचकर छात्र छात्राओं का हौसला भी बढ़ाएंगे.

जिला शिक्षा अधिकारी कर रहे माॅनिटरिंग: स्कूल शिक्षा विभाग ने शाला प्रवेशोत्सव के लिए गाइडलाइन भी जारी की है. स्कूल खुलने से पहले और स्कूल खुलने के बाद किए जाने वाले कामों का ब्योरा देते हुए इन्हें पूरा करने का निर्देश स्कूल प्रबंधन को दिया है. शाला उत्सव में विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के अलावा छात्रों के माता पिता को भी आमंत्रित करने को कहा है. स्कूलों को छात्रों की संख्या बढ़ाने के उपायों पर भी अमल करने का निर्देश मिला है. आयोजन की सफलता के लिए जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मिशन समन्वयक को कार्यक्रम की मॉनिटरिंग करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

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इस साल क्या है खास? : पिछले साल राज्य में शाला प्रवेशोत्सव के साथ 5173 बालवाड़ियां शुरू की गई थी. इस साल 4318 बालवाड़ियां और खोली जा रही हैं. जिसके बाद इनकी संख्या बढ़कर 9491 हो गई. इन जगहों पर स्थानीय बोली में बच्चे पढ़ेंगे. प्रदेश में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना के तहत अंग्रेजी माध्यम के 377 और हिन्दी माध्यम के 350 स्कूल शुरू किए गए हैं. इन विद्यालयों की लोकप्रियता निजी स्कूलों से भी कहीं बेहतर है. 20 भाषा-बोलियों में द्वि-भाषीय पुस्तकें तैयार की गई हैं. जिससे छत्तीसगढ़ में रहने वाले बच्चों को अपनी मातृभाषा में पढ़ाई की शुरुआत करने का मौका मिल सके.

ड्रेस और साइकिल भी बांटी जा रही: शाला प्रवेशोत्सव के पहले दिन अनिवार्य रूप से ड्रेस, किताब और साइकल बांटी जा रही है. साथ ही नया दाखिला लेने वाले बच्चों को तिलक, रोली लगाकर स्वागत किया गया है. शाला प्रवेशोत्सव में पालकों, माताओं, शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, शिक्षाविदों को भी आमंत्रित किया गया है.

शाला प्रवेशोत्शव पर स्कूलों में इस तरह होगा बच्चों का स्वागत:

  1. नवप्रवेशी बच्चों के हाथों की निशानी दीवार या ड्राइंग शीट में उकेर कर प्रदर्शित करते हुए यादगार पल के रूप में सुरक्षित रखा जाएगा.
  2. फूलों के आकर्षक कटआउट बनाकर उनके बीच नवप्रवेशी बच्चों का स्वागत हमारी बगिया के नए फूल की तर्ज पर किया जाएगा.
  3. छत्तीसगढ़ी परंपरा के मुताबिक नए प्रवेश लेने वाले बच्चों को पगड़ी पहनाई जाएगी.
  4. नए छात्रों के पैरों की निशानी लेकर उनके दाखिले की प्रक्रिया को यादगार बनाया जाएगा.
  5. बड़ी कक्षा के छात्र नए दाखिला लेने वाले बच्चों को उपहार देंगे.

रायपुर: गर्मी की लंबी छुट्टियां मनाने के बाद बच्चों का उनके स्कूलों में शाला प्रवेशोत्सव मनाते हुए भव्य स्वागत किया जा रहा है. ड्रेस और किताब के साथ ही साइकिल भी बांटी जा रही है. समर वोकेशन के बाद 26 जून यानि आज से नया शिक्षा सत्र शुरू हो गया है. सूबे के 33 जिलों के सभी सरकारी स्कूलों में 26 जून से लेकर 15 जुलाई तक शाला प्रवोशोत्शव मनाया जाएगा. इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाएंगे. जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अफसर स्कूलों में पहुंचकर छात्र छात्राओं का हौसला भी बढ़ाएंगे.

जिला शिक्षा अधिकारी कर रहे माॅनिटरिंग: स्कूल शिक्षा विभाग ने शाला प्रवेशोत्सव के लिए गाइडलाइन भी जारी की है. स्कूल खुलने से पहले और स्कूल खुलने के बाद किए जाने वाले कामों का ब्योरा देते हुए इन्हें पूरा करने का निर्देश स्कूल प्रबंधन को दिया है. शाला उत्सव में विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के अलावा छात्रों के माता पिता को भी आमंत्रित करने को कहा है. स्कूलों को छात्रों की संख्या बढ़ाने के उपायों पर भी अमल करने का निर्देश मिला है. आयोजन की सफलता के लिए जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मिशन समन्वयक को कार्यक्रम की मॉनिटरिंग करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

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इस साल क्या है खास? : पिछले साल राज्य में शाला प्रवेशोत्सव के साथ 5173 बालवाड़ियां शुरू की गई थी. इस साल 4318 बालवाड़ियां और खोली जा रही हैं. जिसके बाद इनकी संख्या बढ़कर 9491 हो गई. इन जगहों पर स्थानीय बोली में बच्चे पढ़ेंगे. प्रदेश में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना के तहत अंग्रेजी माध्यम के 377 और हिन्दी माध्यम के 350 स्कूल शुरू किए गए हैं. इन विद्यालयों की लोकप्रियता निजी स्कूलों से भी कहीं बेहतर है. 20 भाषा-बोलियों में द्वि-भाषीय पुस्तकें तैयार की गई हैं. जिससे छत्तीसगढ़ में रहने वाले बच्चों को अपनी मातृभाषा में पढ़ाई की शुरुआत करने का मौका मिल सके.

ड्रेस और साइकिल भी बांटी जा रही: शाला प्रवेशोत्सव के पहले दिन अनिवार्य रूप से ड्रेस, किताब और साइकल बांटी जा रही है. साथ ही नया दाखिला लेने वाले बच्चों को तिलक, रोली लगाकर स्वागत किया गया है. शाला प्रवेशोत्सव में पालकों, माताओं, शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, शिक्षाविदों को भी आमंत्रित किया गया है.

शाला प्रवेशोत्शव पर स्कूलों में इस तरह होगा बच्चों का स्वागत:

  1. नवप्रवेशी बच्चों के हाथों की निशानी दीवार या ड्राइंग शीट में उकेर कर प्रदर्शित करते हुए यादगार पल के रूप में सुरक्षित रखा जाएगा.
  2. फूलों के आकर्षक कटआउट बनाकर उनके बीच नवप्रवेशी बच्चों का स्वागत हमारी बगिया के नए फूल की तर्ज पर किया जाएगा.
  3. छत्तीसगढ़ी परंपरा के मुताबिक नए प्रवेश लेने वाले बच्चों को पगड़ी पहनाई जाएगी.
  4. नए छात्रों के पैरों की निशानी लेकर उनके दाखिले की प्रक्रिया को यादगार बनाया जाएगा.
  5. बड़ी कक्षा के छात्र नए दाखिला लेने वाले बच्चों को उपहार देंगे.
Last Updated : Jun 26, 2023, 12:01 PM IST
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