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दूसरे राज्यों को बिजली देने वाला छत्तीसगढ़ अंधेरे में क्यों ? - बिजली कटौती पर छत्तीसगढ़ में राजनीति

छत्तीसगढ़ में बिजली की कटौती पर बीजेपी ने राज्य सरकार पर हमला बोला है. बीजेपी ने इसे बघेल सरकार का कुप्रबंधन बताया है.

power crisis problem in chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में बिजली की कटौती
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Published : Feb 11, 2022, 11:51 PM IST

Updated : Feb 12, 2022, 12:06 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ को बिजली सरप्लस राज्य के रूप में जाना जाता था. लेकिन अब बिजली कटौती की बात सामने आ रही है. विपक्ष का आरोप है कि जो राज्य बिजली के लिए सरप्लस था, अन्य राज्यों को जो बिजली देता था. लेकिन आज क्या कारण है कि राज्य को ही बिजली नहीं मिल पा रही है. बिजली कटौती की जा रही है. विपक्ष के इन आरोपों को सत्ता पक्ष ने सिरे से खारिज करते हुए इसे गलत करार दिया है.

छत्तीसगढ़ में बिजली की कटौती
भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस किसानों का कर्ज माफ और बिजली बिल हाफ के नारे के साथ सत्ता पर काबिज हुई थी. लेकिन अब उल्टा हो रहा है बिजली बिल हाफ की जगह बिजली आना हाफ हो गया है. छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों का लगभग यही हाल है. श्रीवास ने कहा कि जो आंकड़ा लोकसभा के पटल पर रखा गया है वह काफी चिंताजनक है जो छत्तीसगढ़ राज्य भाजपा के समय बिजली सरप्लस राज्यों की श्रेणी में आता था. आज ऐसा क्या कारण है कि राज्य सरकार गरीबों को बिजली नहीं दे पा रही है. यह आंकड़े राज्य सरकार के सारे विकास के दावों की कलई खोलने वाली है.

बिजली विभाग की लापरवाही उजागर, किसान को थमा दिया 2 लाख से ज्यादा का बिजली बिल

वही भाजपा के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए सरकार के प्रवक्ता मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि, केंद्र सरकार को सभी चीजों के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं होती है और यदि होती भी है तो केवल राजनीतिक बयान देते हैं. आज पंजाब के बाद धान उत्पादन के मामले में छत्तीसगढ़ पहले नंबर पर है. 20 हजार करोड़ किसानों के खाते में डाले गए हैं. कृषि के क्षेत्र में विद्युत की कोई कटौती नहीं होती है. अन्य क्षेत्रों में भी छत्तीसगढ़ में जिस प्रकार से विद्युत का उत्पादन है तेलंगाना, महाराष्ट्र, और गोवा सहित अन्य राज्यों को बिजली दे रहे हैं. कटौती के बारे में केंद्रीय मंत्री का बयान हास्यास्पद है

सरप्लस पावर वाले छत्तीसगढ़ में बिजली कटौती सरकार की असफलता- रमन सिंह

बता दें कि राष्ट्रीय विद्युत पोर्टल (एमपीपी)आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों में एमपी से भी ज्यादा बिजली कटौती हो रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में 539.40 घंटे और शहरी क्षेत्रों में 50.45 घंटे बिजली गुल रहती है. सबसे ज्यादा बिजली कटौती करने वाले पांच राज्यों की बात की जाए तो आंध्र प्रदेश बिजली कटौती के मामले पर पहले स्थान पर है उसके बाद अरुणाचल प्रदेश, असम और बिहार है और पांचवें स्थान पर छत्तीसगढ़ है.

यह जानकारी राजस्थान से राज्यसभा सांसद रामकुमार वर्मा द्वारा लगाए गए सवाल के जवाब में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने दी है. उन्होंने बिजली कटौती के बीते 3 वर्षों के कुल घंटों का दौरा राज्य भर से मांगा था साथ ही बिजली कटौती के मुख्य कारण भी पूछे थे.

रायपुर: छत्तीसगढ़ को बिजली सरप्लस राज्य के रूप में जाना जाता था. लेकिन अब बिजली कटौती की बात सामने आ रही है. विपक्ष का आरोप है कि जो राज्य बिजली के लिए सरप्लस था, अन्य राज्यों को जो बिजली देता था. लेकिन आज क्या कारण है कि राज्य को ही बिजली नहीं मिल पा रही है. बिजली कटौती की जा रही है. विपक्ष के इन आरोपों को सत्ता पक्ष ने सिरे से खारिज करते हुए इसे गलत करार दिया है.

छत्तीसगढ़ में बिजली की कटौती
भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस किसानों का कर्ज माफ और बिजली बिल हाफ के नारे के साथ सत्ता पर काबिज हुई थी. लेकिन अब उल्टा हो रहा है बिजली बिल हाफ की जगह बिजली आना हाफ हो गया है. छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों का लगभग यही हाल है. श्रीवास ने कहा कि जो आंकड़ा लोकसभा के पटल पर रखा गया है वह काफी चिंताजनक है जो छत्तीसगढ़ राज्य भाजपा के समय बिजली सरप्लस राज्यों की श्रेणी में आता था. आज ऐसा क्या कारण है कि राज्य सरकार गरीबों को बिजली नहीं दे पा रही है. यह आंकड़े राज्य सरकार के सारे विकास के दावों की कलई खोलने वाली है.

बिजली विभाग की लापरवाही उजागर, किसान को थमा दिया 2 लाख से ज्यादा का बिजली बिल

वही भाजपा के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए सरकार के प्रवक्ता मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि, केंद्र सरकार को सभी चीजों के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं होती है और यदि होती भी है तो केवल राजनीतिक बयान देते हैं. आज पंजाब के बाद धान उत्पादन के मामले में छत्तीसगढ़ पहले नंबर पर है. 20 हजार करोड़ किसानों के खाते में डाले गए हैं. कृषि के क्षेत्र में विद्युत की कोई कटौती नहीं होती है. अन्य क्षेत्रों में भी छत्तीसगढ़ में जिस प्रकार से विद्युत का उत्पादन है तेलंगाना, महाराष्ट्र, और गोवा सहित अन्य राज्यों को बिजली दे रहे हैं. कटौती के बारे में केंद्रीय मंत्री का बयान हास्यास्पद है

सरप्लस पावर वाले छत्तीसगढ़ में बिजली कटौती सरकार की असफलता- रमन सिंह

बता दें कि राष्ट्रीय विद्युत पोर्टल (एमपीपी)आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों में एमपी से भी ज्यादा बिजली कटौती हो रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में 539.40 घंटे और शहरी क्षेत्रों में 50.45 घंटे बिजली गुल रहती है. सबसे ज्यादा बिजली कटौती करने वाले पांच राज्यों की बात की जाए तो आंध्र प्रदेश बिजली कटौती के मामले पर पहले स्थान पर है उसके बाद अरुणाचल प्रदेश, असम और बिहार है और पांचवें स्थान पर छत्तीसगढ़ है.

यह जानकारी राजस्थान से राज्यसभा सांसद रामकुमार वर्मा द्वारा लगाए गए सवाल के जवाब में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने दी है. उन्होंने बिजली कटौती के बीते 3 वर्षों के कुल घंटों का दौरा राज्य भर से मांगा था साथ ही बिजली कटौती के मुख्य कारण भी पूछे थे.

Last Updated : Feb 12, 2022, 12:06 AM IST
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