रायपुर: ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर का कहना है कि "जातक की कुंडली में ग्रह उच्च के हैं, तो राजयोग होता है, लेकिन जिन जातकों की कुंडली में ग्रह उच्च के नहीं हैं, उनका यह सोचना या कहना कि हमारी कुंडली में एक भी ग्रह उच्च के नहीं उन्हें निराश या दुखी नहीं होना चाहिए."
"ग्रह उच्च होने से होता है राजयोग": ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि "ज्योतिष ग्रंथों में माना गया है, कि किसी जातक की कुंडली में जितने ग्रह उच्च के होते हैं. उसको उतना ही ज्यादा राजयोग का फल मिलता है. लेकिन ज्योतिष का मत है, कि अगर किसी की कुंडली में एक भी ग्रह उच्च का ना हो तो भी उसे निराश होने की आवश्यकता नहीं है. कुंडली में एक भी ग्रह उच्च का ना हो तो भी वह महान राजयोग प्राप्त कर सकता है. यदि कुंडली में दूसरे राजयोग जैसे कि पंच महापुरुष योग, केंद्र त्रिकोण योग तो यह ग्रह भी उतने ही फलदाई सिद्ध होते हैं, जितना उच्च ग्रह कुंडली में फल देते हैं. यदि कुंडली में नीच भंग राजयोग हो या राहु शनि केतु की स्थिति अच्छी हो तो ऐसा व्यक्ति भी महान राजयोग प्राप्त कर सकता है."
ऐसे मिलता है राजयोग: ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि "कुंडली में लग्न और लग्नेश बलशाली हैं, तो राजयोग का बहुत अच्छा फल मिल जाता है. अर्थात कोई भी ग्रह उच्च का नहीं है, फिर भी व्यक्ति महान राजयोग को प्राप्त करता है. प्रमाण स्वरूप कुछ ऐसी कुंडलियां है, जिसमें एक भी ग्रह उच्च का ना होने के बावजूद जातक दुनिया में महान स्थिति पर पहुंचा. जान एफ केनेडी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति, पाकिस्तान के भूतपूर्व प्रेसिडेंट बेनजीर भुट्टो, श्रीलंका की श्रीमति भंडार नायके, बांग्लादेश की शेख हसीना, भारत की श्रीमती इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, जवाहरलाल नेहरू, विश्वनाथन आनंद शतरंज के चैंपियन, क्रिकेट प्लेयर राहुल द्रविड़, गायिका लता मंगेशकर, ज्योतिष सूर्यकांत व्यास जैसे अनेक जातक हैं. जिन्होंने अपने क्षेत्र में विश्वव्यापी ख्याति प्राप्त की है. इन सभी जातकों के कोई भी ग्रह उच्च का नहीं था. बावजूद इनको महान राजयोग की प्राप्ति हुई. अपने अपने क्षेत्र में सफलता के बड़े-बड़े सोपान तय किये हैं."