रायपुर : प्रधानमंत्री ने राशन कार्ड धारियों को 1 किलो दाल देने की योजना का ऐलान किया था. कुछ राज्यों में इसकी शुरुआत भी कर दी गई है, लेकिन छत्तीसगढ़ में इस दाल का वितरण अब तक शुरू नहीं हो सका है. जिसे लेकर जहां एक ओर भाजपा ने राज्य सरकार से तत्काल राशनकार्डधारियों को अरहर की दाल वितरित किए जाने की मांग की है. तो वहीं राज्य सरकार ने केंद्र सरकार पर अरहर दाल मुहैया न कराए जाने का आरोप लगाया है.
26 मार्च 2020 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि अगले 3 महीने (अप्रैल से जून) के लिए देश के सभी राशन कार्डधारकों को 1 किलो दाल दी जाएगी. यह घोषणा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का हिस्सा है, जिसे केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के कारण उपजे हालात से निपटने के लिए लांच किया था.
बीजेपी ने राज्य सरकार को घेरा
लेकिन इस योजना का लाभ अब तक छत्तीसगढ़ के वासियों को नहीं मिल सका है. प्रदेश में लगभग 56 लाख राशन कार्ड धारी हैं, जिन्हें आज भी राशन दुकानों में अरहर दाल उपलब्ध नहीं कराया गया है. इस मामले को लेकर भाजपा ने राज्य सरकार को घेरते हुए तत्काल राशन कार्ड धारियों को प्रति महीने 1 किलो अरहर दाल मुहैया कराए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से कई बार योजनाओं के उचित क्रियान्वयन के दावे किए जाते हैं लेकिन लेकिन उन दावों पर राज्य सरकार खरी नहीं उतरती है.
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का केंद्र सरकार पर आरोप
भाजपा की इस मांग पर सरकार ने उन्हें ही कटघरे में खड़ा कर दिया है. खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि यह सेंट्रल की योजना थी और उन्हें इसके लिए दाल भेजना था. हमारे यहां तो पीडीएस सिस्टम लागू है. जब दाल आया ही नहीं है तो हम कहां से बाटेंगे. भगत ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदेश को दाल उपलब्ध कराने में असमर्थता जाहिर की है. इसके बाद प्रदेश में राशन कार्ड धारियों को रहर की जगह चना का दाल वितरण किया जा रहा है. हालांकि जून माह में अरहर दाल के वितरण की व्यवस्था बनाई जा रही है.