रायपुर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में मुख्यमंत्री सहायता कोष (CM Care Fund) को लेकर सियासत शुरू हो गई है. एक तरफ जहां बीजेपी सरकार से पिछले साल मिली दान की राशि उपयोग ना करने पर सवाल उठाया है. वहीं कांग्रेस ने पीएम रिलीफ फंड से मदद न मिलने पर सवाल उठाए हैं.
छत्तीसगढ़ में कोरोना से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. हालात इतने बुरे हो चुके हैं कि छत्तीसगढ़ के 28 में से 26 जिलों में लॉकडाउन लगा दिया गया है. दुर्ग और रायपुर करोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है. बड़ी संख्या में मरीजों के आने से अब संसाधनों की भी कमी दिखने लगी है. सीएम भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री सहायता कोष में मदद की अपील की है. सीएम की अपील को लेकर बीजेपी ने निशाना साधा है.
बीजेपी ने साधा सरकार पर निशाना
बीजेपी के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि बीते साल भी कोविड काल में बड़े पैमाने पर फंड लिया गया था, इतना ही नहीं साल भर में डीएमए फंड, उद्योगों से लिए जाने वाले टैक्स वैगरह से सरकार का काफी राजस्व मिलता है. वहीं शराब में एक्स्ट्रा सेस से भी प्रदेश सरकार को काफी राजस्व मिला है. लेकिन सरकार उस फंड का उपयोग नहीं कर रही है. सरकार के पास तमाम तरह के आयोजन और बेफिजूल खर्चों के लिए पैसे होते हैं लेकिन कोविड-19 के समय फिर से लोगों से हाथ खोलकर पैसा सही नहीं है. वहीं बीजेपी के आरोपों को लेकर कांग्रेस पीएम केयर फंड का हिसाब मांग रही है.
सीएम ने की दान की अपील
सीएम भूपेश बघेल लगातार वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से तमाम समाज के प्रमुखों से और अलग-अलग सेक्टर के लोगों से बात कर रहे हैं. साथ ही उन्हें मुख्यमंत्री सहायता कोष में भी मदद की बात कर रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने बीते दिनों दैनिक वेतन भोगियों और जरूरतमंदों की मदद के लिए भी दान की बात कही है. सोशल मीडिया में भी लोगो से सहयोग का आग्रह किया है.
विधायक निधि और सांसद निधि से भी सहयोग का आग्रह
सीएम भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री सहायता कोष में रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग कलेक्टर से कह दिया है कि वे ऑक्सीजन और आईसीयू सुविधा वाले बिस्तर और वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाने के लिए विधायकों से विधायक निधि की राशि के सहयोग के लिए आग्रह करें. साथ में उन्होंने औद्योगिक घरानों से भी इसके लिए सहायता के लिए निर्देश दिए हैं. ऐसे में प्रदेश के कई सांसद और विधायक भी अपने-अपने क्षेत्रों में राशि लगातार दे रहे हैं. पूर्व सीएम रमन सिंह अपने विधानसभा क्षेत्र राजनांदगांव में मेडिकल उपचार के लिए 25 लाख रुपए की विधायक निधि स्वीकृत की है.रायपुर में सांसद सुनील सोनी ने 20 लाख और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने 30 लाख की राशि आपदा निधि में दी है. वही राजनांदगांव सांसद संतोष पांडे ने सांसद निधि से 21 लाख रुपए की राशि अपने क्षेत्र में दी है.
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जरूरतमंदों की मदद के लिए सीएम ने की दान की अपील
सीएम भूपेश बघेल ने दैनिक वेतन भोगी और जरूरतमंदों की मदद के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में दान की अपील की है. उन्होंने कहा है कि संकट की इस घड़ी में ज्यादा से ज्यादा लोगों को मुख्यमंत्री सहायता कोष में दान देकर जरूरतमंदों की सहायता में सहभागी बनने का आग्रह किया है. सीएम भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री सहायता कोष का खाता नंबर, आईएफएससी कोड और यूपीआई आईडी की जानकारी भी सार्वजनिक की है. इसके साथ ही उन्होंने आम लोगों से भी इस सहायता कोष में सहायता राशि जमा करने का आग्रह किया है.
- मुख्यमंत्री सहायता कोष में भारतीय स्टेट बैंक के खाता क्रमांक 3019 8873 179
- आईएफएससी कोड SBIN0004286
- यूपीआई आईडी cgcmerlifefund@sbi के माध्यम से राशि जमा की जा सकती है.
बीते साल मुख्यमंत्री सहायता कोष में 56 करोड़ हुआ था जमा
बीते साल मुख्यमंत्री सहायता कोष में 56 करोड़ से अधिक की राशि जमा हुई थी. सीएम ने मुख्यमंत्री सहायता कोष का हिसाब सार्वजनिक करने की घोषणा की थी, इसके बाद 56 करोड़ से अधिक राशि प्राप्ति होने के बाद सरकार की ओर से इसकी जानकारी जारी की गई थी. बीते 24 मार्च से लेकर 7 मई तक मुख्यमंत्री सहायता कोष में विभिन्न दानदाताओं की ओर से कुल 56 करोड़ 4 लाख 38815 की राशि प्राप्त हुई थी. सरकार का दावा है कि इसे कोरोनावायरस की रोकथाम और जरूरतमंदों की सहायता के लिए राज्य के सभी जिलों को 10 करोड़ 25 लाख 30 हजार की राशि जारी की गई थी.
सहयोग कर रहे हैं लोग
सीएम भूपेश बघेल की अपील के बाद मुख्यमंत्री सहायता कोष में दान देने का सिलसिला शुरू हो गया है. इस बार भी आईएएस एसोसिएशन ने अपने 1 दिन का वेतन दान करने का ऐलान कर चुका है. वहीं कई संगठन, उद्योगपति, समाजसेवी लोग आगे आकर दान दे रहे हैं.
मरीजों पर पड़े कम आर्थिक बोझ
सीएम भूपेश बघेल ने सहायता कोष में अपील करने के साथ ही यह भी कहा है कि कोविड के समय में जो को इलाज में कम से कम आर्थिक बोझ पड़े इसके लिए स्वास्थ विभाग के अधिकारी निजी क्षेत्रों के अस्पतालों से चर्चा कर इलाज की दरों को कम करने का प्रयास करें. उन्होंने कहा है कि कोरोना के इलाज को भी डॉक्टर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना से संबंधित किया गया है. जरूरत के मुताबिक नए अस्पतालों को भी इलाज के अनुमति प्रदान करने के लिए निर्देशित किया गया है. कोशिश है कि मरीजों पर इस दौर में आर्थिक बोझ कम से कम पड़े.