रायपुर: हाथरस रेप कांड से देश में गुस्से का माहौल है और सियासी पारा भी चढ़ा हुआ है. पार्टियां पीड़िता के परिवार से मिलने हाथरस पहुंच रही हैं. उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की जा रही है. वहीं सत्तारुढ़ बीजेपी इसे विपक्षी दलों की सियासी नौटंकी करार दे रही है. लेकिन इस घटनाक्रम के बीच बीजेपी भी कांग्रेस से सवाल कर रही है कि राहुल और प्रियंका गांधी कांग्रेस शासित राज्यों में विरोध-प्रदर्शन करने क्यों नहीं जाते, जबकि वहां महिलाओं के खिलाफ क्राइम रेट ज्यादा है. इसका जवाब देते-देते छत्तीसगढ़ के श्रम मंत्री शिव डहरिया की जुबां फिसल गई. उन्होंने छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में हुई रेप को छोटी घटना बता दिया और हाथरस की वारदात को बड़ी.
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डहरिया के इस बयान ने हाथरस मुद्दे पर लगातार हमले झेल रही बीजेपी को भी कांग्रेस पर हमलावर होने का मौके दे दिया है. डहरिया के बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कांग्रेस को विकृत मानसिकता वाली पार्टी कहा है. रमन सिंह ने ट्वीट के जरिए मंत्री शिव डहरिया पर निशाना साधते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की बेटियों के साथ दरिंदगी की घटनाएं कांग्रेस को छोटी लगती हैं. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ये सवाल भी किया है कि आप ऐसे मंत्री को कब हटाएंगे.
बीजेपी नेताओं ने तो मंत्री के इस्तीफे की मांग तक कर दी है. पूर्व मंत्री लता उसेंडी ने PCC चीफ मोहन मरकाम को भी आड़े हाथों लिया. उसेंडी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बलात्कार के मामले में सीएम से पीसीसी अध्यक्ष तक सब चुप्पी साधे हुए हैं. ये दोहरी मानसिकता है.
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इस पूरे घटनाक्रम के बीच कांग्रेस की महिला सांसदों ने भी मोर्चा संभाल लिया है. छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य छाया वर्मा और फूलो देवी नेताम ने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने हाथरस जाते समय प्रियंका गांधी के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस के किए गए दुर्व्यवहार पर केस दर्ज कर कठोर कार्रवाई की मांग की है. कुल मिलाकर हाथरस और बलरामपुर की घटना को लेकर छत्तीसगढ़ में जमकर सियासत हो रही है.
NSUI का प्रदर्शन
हाथरस की बेटी को न्याय दिलाने के लिए छत्तीसगढ़ में भी विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए लोग सड़कों पर उतर आए हैं. सियासी पार्टियां भी इस मुद्दे को भुनाने में जुटी हैं. कांग्रेस लगातार बीजेपी पर अटैक कर रही है. NSUI ने भी योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.
राजधानी के जयस्तंभ चौक पर NSUI ने योगी सरकार और यूपी पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया. दरअसल राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हाथरस मामले में पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे थे, तभी यूपी पुलिस ने राहुल और प्रियंका गांधी को रोकने की कोशिश की, इस दौरान हुई धक्कामुक्की में राहुल गांधी गिर गए. इस घटना को लेकर रायपुर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया.
'गेट वेल सून' कार्ड
भाजयुमो कार्यकर्ता मंत्री डहरिया को गेट वेल सून कार्ड देने भी गए. बलात्कार जैसे जघन्य अपराध को छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री शिव डहरिया द्वारा छोटी घटना बताये जाने पर भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई.
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में नाबालिग के साथ दुष्कर्म
बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई घटना के बाद छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में भी एक 14 साल की नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने का मामला सामने आया. बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर पुलिस चौकी इलाके में ये मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
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जानकारी के मुताबिक, घटना के दिन पीड़ित नाबालिग घर की पुताई के लिए मिट्टी लेने जंगल गई हुई थी. जंगल से वापस आते समय गांव के ही दो लड़कों ने रास्ता रोककर उससे जबरदस्ती मारपीट करते हुए दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. इसके बाद नाबालिग लड़की को नशे की गोली खिलाकर वहां से फरार हो गए. जब पीड़िता को होश आया तो वह अपने घर पहुंची और परिजनों को आपबीती बताई. घटना जानने के बाद पीड़िता के पिता ने वाड्रफनगर पुलिस चौकी में रिपोर्ट दर्ज कराई.
14 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस में हैवानियत
हाथरस जिले के चंदपा इलाके के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को चार लोगों ने 20 साल की लड़की के साथ जमकर हैवानियत की. आरोपियों ने लड़की की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी, उसकी जीभ भी काट दी. उसके प्राइवेट पार्ट्स के साथ छेड़छाड़ के भी सबूत पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मिले हैं. हालांकि यूपी एडीजी ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है. दिल्ली में इलाज के दौरान पीड़ित की मौत हो गई. चारों आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
घटना के 9 दिन बीत जाने के बाद पीड़िता होश में आई. जिसके बाद उसने अपने साथ हुई घटना के बारे में परिजनों को बताया. पीड़िता के डॉक्टरी परीक्षण में गैंगरेप की पुष्टि होने के बाद हाथरस पुलिस ने तीन आरोपी युवकों को गिरफ्तार किया. बाद में एक और आरोपी को अरेस्ट किया गया था. रेप की घटना के बाद पीड़िता एक हफ्ते से ज्यादा बेहोश रही थी. 28 सितंबर सोमवार को ही हालत खराब होने के बाद पीड़िता को एम्स दिल्ली ले जाया गया था, जहां मंगलवार की सुबह लगभग चार बजे उसने दम तोड़ दिया.
क्या देश में महफूज है बेटियां..
हाथरस में हुई हैवानियत से पूरा देश स्तब्ध है. देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में पीड़िता के लिए न्याय की मांग उठ रही है. सत्तारूढ़ बीजेपी कहती है कि इस केस को जातीय रंग देने का प्रयास किया जा रहा है. मान भी लें कि इस घटना को जातिगत मुद्दा बनाया जा रहा है, लेकिन सवाल अब भी यही है कि क्या महिलाओं से हिंसा जायज है. क्या फर्क पड़ता है बेटी यूपी की है, राजस्थान की है या छतीसगढ़ की है, दलित की है, मुस्लिम की है या सवर्ण की है. सभी सरकारों और सामाजिक संगठनों को चाहिए कि वह ऐसी जघन्य वारदातों पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाए.