रायपुर: बीजेपी छत्तीसगढ़ में धर्म और जाति आधारित सर्वे करा रही है. इस सर्वे के जरिए बीजेपी केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का आंकलन करने का दावा कर रही है. बीजेपी का कहना है कि "वह इस सर्वे के माध्यम से यह पता करना चाह रही है कि किस धर्म और जाति के लोगों को सरकारी योजनाओं का कितना लाभ मिला". सूबे में बीजेपी की इस धर्म और जाति आधारित सर्वे पर घमासान छिड़ गया है. सरगुजा के दौरे से लौटते ही सीएम भूपेश बघेल ने बीजेपी के इस सर्वे पर सवाल दाग दिया. भाजपा के द्वारा बूथ स्तर पर कराए जा रहे सर्वे को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "बीते 15 सालों में बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में कितने मंदिर तोड़े इसे भी बताए". सीएम बघेल ने कहा कि बीजेपी को इसका भी सर्वे करना चाहिए.
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मंदिर मस्जिद का भी कराया जा रहा है सर्वे: भाजपा के द्वारा कराए जा रहे सर्वे को लेकर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव कहना है कि "भाजपा द्वारा चलाए जा रहे हैं सर्वे अभियान के तहत मंदिर-मस्जिद का भी सर्वे कराया जा रहा है. क्योंकि इनके प्रमुख का क्षेत्र में खासा प्रभाव होता है उनसे बातचीत कर आगे की रणनीति तैयार की जाती है. जिसका फायदा उन्हें निश्चित रूप से मिलेगा आखिर राजनीतिक दल का काम क्या है सबको समानता समरसता के साथ लेकर चलना और सबका विकास करना उस ओर हम काम कर रहे हैं".
मजबूरी में कांग्रेस ले रही भगवान का नाम: इस दौरान संजय श्रीवास्तव ने कांग्रेस पर को घेरते हुए कहा कि "हम दूसरे लोगों की तरह नहीं है. जो लोग कल तक राम के अस्तित्व पर सवाल करते थे. आज राम गमन पथ बना रहे हैं. हम सत्ता में हो या ना हों, लेकिन राम को हम पहले दिन से लेकर चल रहे हैं.आज उनको मजबूर होकर यह काम करना पड़ रहा है. मजबूरी में कांग्रेस के लोग भगवान का नाम ले रहे हैं".
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बीजेपी माहौल खराब करने में जुटी: वहीं कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि "भारतीय जनता पार्टी दमन करके सत्ता हासिल करना चाहती है इसलिए हिंदू-मुस्लिम, हिंदू-सिख, हिंदू-ईसाई का सर्वे करवा रही है. इसी दिशा में काम कर रही है. भाजपा के द्वारा लगातार धार्मिक विद्वेष पैदा करने की कोशिश की जा रही है. लेकिन छत्तीसगढ़ की जागरूक जनता पर पूरा विश्वास है कि वे ऐसे अराजक तत्व को मुंहतोड़ जवाब देगी".
बीजेपी के पास मुद्दों की कमी: सुशील आनंद शुक्ला ने आगे कहा कि" भारतीय जनता पार्टी के पास जन मुद्दे नहीं हैं. जब वो अपने अस्तित्व के संकट से जूझती है तो, हिंदू-मुस्लिम, हिंदू-सिख, हिंदू-ईसाई इस प्रकार के तमाम हथकंडे को अपनाती है. धार्मिक उन्माद पैदा करती है. धर्मांतरण की बातें करती हैं. जिससे हिंदू मतों का ध्रुवीकरण कर सकें. लेकिन बीजेपी को लगातार इन मुद्दों पर छत्तीसगढ़ में मुंह की खानी पड़ी है".
अब देखने वाली बात है कि भाजपा के द्वारा कराए जा रहे हैं इस सर्वे का कितना फायदा आगामी विधानसभा चुनाव में उसे मिलता है. वहीं कांग्रेस इस सर्वे को किस तरह एक राजनीतिक मुद्दा बनाकर फायदा लेती है यह आने वाले समय में ही स्पष्ट हो सकेगा.