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क्या भूपेश सरकार कोयला परिवहन में लगी माल गाड़ियों का परिचालन कर सकती है बंद ?

छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन सहित मालगाड़ियों के परिचालन और रेलेवे सुविधाओं को लेकर सियासी बयानबाजी जारी है. सभी पार्टियां एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. लेकिन प्रदेश में रेल सेवा की कटौती से आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है. खासकर पैसेंजर ट्रेनों के संचालन में हो रही देरी से लोग खासे नाराज हैं.

Baghel government stopped coal transport
छत्तीसगढ़ में ट्रेनों के संचालन में कमी
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Published : Apr 22, 2022, 8:38 PM IST

Updated : Apr 22, 2022, 10:16 PM IST

रायपुर: रेल प्रबंधन की तरफ से छत्तीसगढ़ में एक के बाद एक कई सवारी गाड़ियों को बंद किया जा रहा है. जिसे लेकर राज्य सरकार में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है. यहां तक कि राज्य सरकार के एक मंत्री ने तो रेल प्रबंधन को ये तक कह दिया है कि यदि रेल प्रबंधन द्वारा बंद की गई ट्रेनें शुरू नहीं की गई तो आने वाले समय में छत्तीसगढ़ से होने वाले कोयला ढुलाई को रोक दिया जाएगा. यह धमकी भूपेश मंत्रिमंडल के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने दी है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राज्य सरकार के पास ऐसे अधिकार हैं कि, वह रेलवे का संचालन प्रदेश में रोक सके? या फिर यह महज एक बयानबाजी है.

छत्तीसगढ़ में रेल सुविधा पर सियासत

रेल सुविधा में कटौती करना गलत है: मंत्री जयसिंह अग्रवाल के इस बयान का अप्रत्यक्ष रूप से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी समर्थन करते नजर आए. बघेल ने कहा कि इस बात को हम पहले ही कह चुके हैं कि भारत सरकार की ओर से कई यात्री गाड़ियों को रोक दिया गया है, जिसका रेलवे की ओर से खंडन भी किया गया था. आलम यह है कि जितने भी पैसेंजर ट्रेन है उसके फेरो में कटौती कर दी गई है. कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. जिससे निश्चित रूप से यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. बघेल ने कहा कि हमारा बिलासपुर रेलवे जोन देश में सबसे ज्यादा रेवेन्यू जनरेट करके देता है. ऐसे में वहां यदि यात्रियों की सुविधा में कटौती की जाती है तो यह गलत होगा.

सुविधाओं की अनदेखी से लोगों में नाराजगी: कुछ दिन पहले राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने रेलवे सुविधाओं को लेकर हो रही उपक्षेओं और कोरबा से ट्रेन के संचालन की मांग की थी. उन्होंने पैसेंजर ट्रेन शुरू नहीं करने के पीछे रेलवे की बहानेबाजी को वजह बताया था. उन्होंने कहा था कि यदि रेल ट्रैक पर मालगाड़ियां दौड़ सकती हैं तो सवारी गाड़ियां चलाने में दिक्कत क्या है? लगातार रेल सुविधाओं की अनदेखी किए जाने की वजह से लोगों में नाराजगी है.

जयसिंह अग्रवाल के खिलाफ होगा केस दायर:वहीं, भाजपा सांसद सुनील सोनी ने राज्य सरकार के इस रवैये पर नाराजगी जाहिर की है. जयसिंह अग्रवाल के बयान पर सुनील सोनी ने पलटवार करते हुए कहा कि ब्लैकमेलिंग करना यह इनके स्वभाव के अंदर है. यदि यह काम नहीं हुआ तो उस काम को रोक देंगे. यह आपराधिक कृत्य है और सरकार को उनके खिलाफ केस दायर करना चाहिए.

छत्तीसगढ़ में कोयला ढ़ुलाई को रोक देना संभव नहीं: वहीं, राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का भी कहना है कि छत्तीसगढ़ से होने वाले कोयला ढुलाई को रोक देना संभव नहीं है. मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने राजनीतिक रूप से इस तरह का बयान दिया होगा. यदि मान भी लिया जाए कि बलपूर्वक मंत्री ऐसा करने में सफल भी रहे तो इसका खामियाजा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रदेश और उसकी जनता को उठाना पड़ सकता है. पहले ही राज्य सरकार केंद्र सरकार पर सहयोग न करने का आरोप लगाती रही है. यदि ऐसा हुआ तो उससे स्थिति और खराब हो जाएगी. रामअवतार ने कहा कि ट्रेन चालू और बंद करने की कुछ प्रक्रिया, नियम, कानून और गाइडलाइन होते हैं. ऐसे में इन बातों का समाधान दोनों पक्षों को बैठकर आपसी चर्चा के दौरान निकालना चाहिए, ये सार्थक पहल होगा. वरना केंद्र सरकार के बीच विवाद की स्थिति बनी रहेगी, जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता को उठाना पड़ सकता है.

यह भी पढ़ें: केंद्र सरकार की कोयला नीति असफल: भूपेश बघेल

लोग खुद को ठगा हुआ कर रहे महसूस: बता दें कि जयसिंह अग्रवाल ने कुछ दिन पहले दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर (एसईसीआर) के महाप्रबंधक आलोक कुमार को लिखे पत्र में दो टूक कह चुके है कि, बंद सुविधाओं को बहाल नहीं किया गया तो कोयला परिवहन में लगी मालगाड़ियों का परिचालन भी बंद कर दिया जाएगा. पत्र में राजस्व मंत्री अग्रवाल ने कहा है कि बिलासपुर रेल मंडल अंतर्गत कोरबा एकमात्र जिला है जिसके जरिए माल ढुलाई के माध्यम से रेलवे को सर्वाधिक राजस्व की प्राप्ति होती है. हालांकि रेल सुविधाओं के नाम पर कोरबा की घोर उपेक्षा की जाती है. जिलेवासी हमेशा ठगा हुआ सा महसूस करते हैं.

रायपुर: रेल प्रबंधन की तरफ से छत्तीसगढ़ में एक के बाद एक कई सवारी गाड़ियों को बंद किया जा रहा है. जिसे लेकर राज्य सरकार में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है. यहां तक कि राज्य सरकार के एक मंत्री ने तो रेल प्रबंधन को ये तक कह दिया है कि यदि रेल प्रबंधन द्वारा बंद की गई ट्रेनें शुरू नहीं की गई तो आने वाले समय में छत्तीसगढ़ से होने वाले कोयला ढुलाई को रोक दिया जाएगा. यह धमकी भूपेश मंत्रिमंडल के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने दी है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राज्य सरकार के पास ऐसे अधिकार हैं कि, वह रेलवे का संचालन प्रदेश में रोक सके? या फिर यह महज एक बयानबाजी है.

छत्तीसगढ़ में रेल सुविधा पर सियासत

रेल सुविधा में कटौती करना गलत है: मंत्री जयसिंह अग्रवाल के इस बयान का अप्रत्यक्ष रूप से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी समर्थन करते नजर आए. बघेल ने कहा कि इस बात को हम पहले ही कह चुके हैं कि भारत सरकार की ओर से कई यात्री गाड़ियों को रोक दिया गया है, जिसका रेलवे की ओर से खंडन भी किया गया था. आलम यह है कि जितने भी पैसेंजर ट्रेन है उसके फेरो में कटौती कर दी गई है. कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. जिससे निश्चित रूप से यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. बघेल ने कहा कि हमारा बिलासपुर रेलवे जोन देश में सबसे ज्यादा रेवेन्यू जनरेट करके देता है. ऐसे में वहां यदि यात्रियों की सुविधा में कटौती की जाती है तो यह गलत होगा.

सुविधाओं की अनदेखी से लोगों में नाराजगी: कुछ दिन पहले राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने रेलवे सुविधाओं को लेकर हो रही उपक्षेओं और कोरबा से ट्रेन के संचालन की मांग की थी. उन्होंने पैसेंजर ट्रेन शुरू नहीं करने के पीछे रेलवे की बहानेबाजी को वजह बताया था. उन्होंने कहा था कि यदि रेल ट्रैक पर मालगाड़ियां दौड़ सकती हैं तो सवारी गाड़ियां चलाने में दिक्कत क्या है? लगातार रेल सुविधाओं की अनदेखी किए जाने की वजह से लोगों में नाराजगी है.

जयसिंह अग्रवाल के खिलाफ होगा केस दायर:वहीं, भाजपा सांसद सुनील सोनी ने राज्य सरकार के इस रवैये पर नाराजगी जाहिर की है. जयसिंह अग्रवाल के बयान पर सुनील सोनी ने पलटवार करते हुए कहा कि ब्लैकमेलिंग करना यह इनके स्वभाव के अंदर है. यदि यह काम नहीं हुआ तो उस काम को रोक देंगे. यह आपराधिक कृत्य है और सरकार को उनके खिलाफ केस दायर करना चाहिए.

छत्तीसगढ़ में कोयला ढ़ुलाई को रोक देना संभव नहीं: वहीं, राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का भी कहना है कि छत्तीसगढ़ से होने वाले कोयला ढुलाई को रोक देना संभव नहीं है. मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने राजनीतिक रूप से इस तरह का बयान दिया होगा. यदि मान भी लिया जाए कि बलपूर्वक मंत्री ऐसा करने में सफल भी रहे तो इसका खामियाजा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रदेश और उसकी जनता को उठाना पड़ सकता है. पहले ही राज्य सरकार केंद्र सरकार पर सहयोग न करने का आरोप लगाती रही है. यदि ऐसा हुआ तो उससे स्थिति और खराब हो जाएगी. रामअवतार ने कहा कि ट्रेन चालू और बंद करने की कुछ प्रक्रिया, नियम, कानून और गाइडलाइन होते हैं. ऐसे में इन बातों का समाधान दोनों पक्षों को बैठकर आपसी चर्चा के दौरान निकालना चाहिए, ये सार्थक पहल होगा. वरना केंद्र सरकार के बीच विवाद की स्थिति बनी रहेगी, जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता को उठाना पड़ सकता है.

यह भी पढ़ें: केंद्र सरकार की कोयला नीति असफल: भूपेश बघेल

लोग खुद को ठगा हुआ कर रहे महसूस: बता दें कि जयसिंह अग्रवाल ने कुछ दिन पहले दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर (एसईसीआर) के महाप्रबंधक आलोक कुमार को लिखे पत्र में दो टूक कह चुके है कि, बंद सुविधाओं को बहाल नहीं किया गया तो कोयला परिवहन में लगी मालगाड़ियों का परिचालन भी बंद कर दिया जाएगा. पत्र में राजस्व मंत्री अग्रवाल ने कहा है कि बिलासपुर रेल मंडल अंतर्गत कोरबा एकमात्र जिला है जिसके जरिए माल ढुलाई के माध्यम से रेलवे को सर्वाधिक राजस्व की प्राप्ति होती है. हालांकि रेल सुविधाओं के नाम पर कोरबा की घोर उपेक्षा की जाती है. जिलेवासी हमेशा ठगा हुआ सा महसूस करते हैं.

Last Updated : Apr 22, 2022, 10:16 PM IST
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