रायपुर: भाजपा जिला कार्यालय एकात्म परिसर में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने शनिवार को प्रेसवार्ता की. भाजपा नेताओं ने केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने पर उपलब्धियों का ब्योरा पेश किया. साथ ही प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार पर जमकर निशाना भी साधा. भूपेश बघेल सरकार पर कालाबाजारी का आरोप लगाते हुए भाजपा नेताओं ने कहा कि "छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने मिट्टी और गिट्टी को वर्मी कंपोस्ट कह कर बेचा है. किसानों के दो वर्ष के बकाए बोनस का भुगतान नहीं किया. इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ पर 1.50 लाख करोड़ से अधिक का कर्ज भी लाद दिया है."
मनमोहन सरकार के मुकाबले 67 फीसदी बढ़ाई एमएसपी: अरुण साव ने कहा "धान के समर्थन मूल्य में 143 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि कर इसे अब 2,183 रुपए कर दिया गया है. मोदी सरकार की ओर से की गई यह वृद्धि पहले की मनमोहन सरकार के 1310 रुपए की तुलना में करीब 67 प्रतिशत ज्यादा है. मूंग दाल के समर्थन मूल्य में 803, मूंगफली में 527, मोटे अनाज ज्वार में 210, बाजरा में 150, रागी में 268, मक्का में 128, अरहर दाल में 400, उड़द में 350 और सोयाबीन में 300 रुपए की वृद्धि की गई है. छत्तीसगढ़ के किसानों को धान के बढ़े समर्थन मूल्य का फायदा तो होगा ही साथ ही मोटे अनाज की कीमतें बढ़ाने से वे फायदा उठा सकेंगे."
किसानों पर नहीं पड़ने दे रहे खाद के बढ़े दाम का बोझ: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के मुताबिक धान खरीदी के अलावा खाद पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार 108 करोड़ रुपए से अधिक की सब्सिडी दे रही है. रूस यूक्रेन युद्ध के कारण रासायनिक खाद की कीमत दो गुना से भी अधिक बढ़ गई है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में दोगुना से अधिक दाम होने के बावजूद भी मोदी सरकार ने यह भार देश के किसानों पर पर नहीं पड़ने दिया. सरकार यूरिया के लिए 70 हजार करोड़ तो अन्य उर्वरकों के लिए 38 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी दे रही है. फॉस्फेट और पोटाश उर्वरकों पर भी सब्सिडी दिए जाएंगे. नाइट्रोजन पर 76 रुपए प्रति किलोग्राम, सल्फर पर 2.8 रुपए प्रति किलोग्राम, फास्फोरस पर 41 रुपए प्रति किलोग्राम और पोटाश पर 15 रुपए प्रति किलोग्राम सब्सिडी दी जा रही है.
इस साल छत्तीसगढ़ को 4 लाख मीट्रिक टन यूरिया: अरुण साव ने दावा किया कि "केवल छत्तीसगढ़ में 4 लाख मीट्रिक टन से अधिक यूरिया खाद की आपूर्ति केंद्र सरकर ने इस साल की है. जबकि भूपेश सरकार लगातार न केवल खाद की कालाबाजारी को बढ़ावा दे रही है, बल्कि मिट्टी-गिट्टी को महंगी कीमत पर वर्मी कम्पोस्ट कह कर बेचने की धोखाधड़ी भी किसानों से कर रही है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के 40 लाख से अधिक किसानों के खाते में 1800 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान केंद्र सरकार ने किया है."
छत्तीसगढ़ की पूर्व भाजपा सरकार की उपलब्धियां:
- समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की व्यवस्था को ऑनलाइन प्रणाली से जोड़ा. आईटी का उपयोग किया.
- मुफ्त कृषि ऋण 14 प्रतिशत से शून्य प्रतिशत किया.
- बिना ब्याज के कर्ज 4.5 लाख किसानों को दिया था बिजली कनेक्शन.
- कृषि लागत में कमी, प्रमुख फसल धन-धान्य से पूर्ण हुए थे अन्नदाता.
- 1 रुपए किलो में चावल पीडीएस की आदर्श व्यवस्था लागू की.
- जनता को खाद्य एवं पोषण सुरक्षा का अधिकार देने वाला पहला राज्य बनाया.
भूपेश सरकार पर लगाए ये आरोप:
- किसानों के दो वर्ष के बकाए बोनस का भुगतान नहीं किया.
- छत्तीसगढ़ पर 1.50 लाख करोड़ से अधिक का कर्ज लादा.
- मंडी टैक्स हटाने का वादा था, जबकि टैक्स दोगुना बढ़ाया.
- 1 हजार से अधिक किसानों ने आत्महत्या की.
- 4 साल में कुल 26 हजार से अधिक लोगों ने की आत्महत्या.
- रकबा कटौती, धान खरीदी आदि में अनियमितता रही किसानों की आत्महत्या का कारण.
- खाद की कालाबाजारी, मिट्टी-गिट्टी को वर्मी कम्पोस्ट कह कर कांग्रेस ने बेचा.
- किसानों से खाद, बीज, बारदाना, रकबा छीना.
बढ़े एमएसपी का फायदा किसानों तक पहुंचाने की मांग: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने भूपेश बघेल सरकार से बढ़ाए गए एमएसपी का पाई पाई किसानों को दिलाने की मांग की. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने भी सवाल किया कि "राष्ट्रीयकृत और निजी बैंकों से किसानों की ओर से लिए गए कर्ज को माफ न किए जाने पर कांग्रेस सरकार आज तक मौन क्यों है और यह कर्जा आखिर कब माफ होगा." नारायण चंदेल ने किसानों के लंबित पंप कनेक्शन की जानकारी देते हुए कहा कि "किसान पैसा भरने के बाद भी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. यह कांग्रेस सरकार की किसानों के प्रति प्राथमिकता को बताने के लिए पर्याप्त है."
केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी सरकार की उपलब्धियों से साथ जनता के बीच पहुंच रही है. साथ ही प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार पर हमला करने का कोई मौका नहीं चूक रही. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा अभी से आक्रामक रुख अपनाए हुए है. अब देखने वाली बात ये होगी कि सूबे की जनता का भरोसा जीतने में वो कितना कामयाब हो पाती है.