रायपुर: कांग्रेस द्वारा लगातार केंद्र की जांच एजेंसियां सहित अन्य संस्थाओं पर आरोप लगाया जाता रहा (Congress does not faith in central government institutions) है कि यह संस्थाएं केंद्र सरकार के सेल के रूप में काम कर रही हैं. हाल ही में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ईडी ने नोटिस भेजा (Politics on ED notice to Sonia Rahul) था. इसे भी कांग्रेस ने केंद्र सरकार के इशारे पर ईडी के द्वारा की गई कार्रवाई बताई है. इसके विरोध में पूरे देश में पत्रकार वार्ता सहित ईडी दफ्तर का घेराव करने का ऐलान किया गया है. राहुल-सोनिया के ईडी नोटिस पर छत्तीसगढ़ में सियासत तेज हो गई है.
केंद्र सरकार ने सोनिया और राहुल पर लगाया झूठा आरोप: आज कांग्रेस राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा रायपुर पहुंचे. मीडिया से मुखातिब हो राज्यसभा सदस्य ने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ जांच एजेंसियों के दुरुपयोग किया जा रहा है. विवेक तन्खा ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ झूठे केस लगाए गए हैं. क्या इसी प्रजातंत्र के लिए हम लोगों ने ब्रिटिश से लड़ाई की थी.
भाजपा प्रवेश के बाद केस हो जाता है खत्म: विवेक तन्खा ने कहा, "भाजपा के दबाव से उनको कोई डर नहीं है. लेकिन कांग्रेस नेतृत्व को बदनाम करने के लिए जो तरीका अपनाया गया है, हम उसका विरोध करते हैं. यह भाजपा का स्टाइल है कि ईडी में केस दर्ज करवाओ और भाजपा ज्वाइन करवाओ, भाजपा ज्वाइन करने के बाद केस समाप्त हो जाता है."
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सिर्फ विपक्ष के नेताओं के खिलाफ थी ईडी की कार्रवाई क्यों: इस दौरान विवेक तन्खा ने एक सूची दिखाते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों में भाजपा ने विपक्ष के नेताओं पर लगातार ईडी के केस दर्ज कराए हैं.उन पर छापे पड़े हैं. क्या पूरे देश में उन्हें विपक्ष के नेता ही मिलते हैं. क्या भाजपा के नेताओं के खिलाफ उनके पास कुछ नहीं है. उनके खिलाफ ईडी क्यों कार्रवाई नहीं कर रही. इस हथकंडे से कांग्रेस नेतृत्व डरने वाला नहीं है. नेशनल हेराल्ड केस में कोई क्राइम नहीं हुआ है."
कानूनी ढंग से लगाई गई थी इमरजेंसी: भाजपा कांग्रेस सरकार पर इमरजेंसी लगाए जाने का आरोप लगाती रही है. इसके जवाब में विवेक तन्खा ने कहा कि यह 40 साल पुरानी बात है. इमरजेंसी के बाद एक चुनाव हुआ था, जिसमें कांग्रेस हारी थी. इंदिरा जी ने अपनी हार स्वीकार की और 3 साल बाद जनता के जनमत के साथ इंदिरा जी ने जीत हासिल की. हमने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे कि प्रजातंत्र खतरे में हो. इमरजेंसी भी एक कानूनी ढंग से लगाई गई थी. मैं नहीं कहता इमरजेंसी अच्छी है.
बघेल का केन्द्र पर आरोप: ईडी की कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, "केंद्र की भाजपा सरकार ईडी, आईटी, सीबीआई का दुरुपयोग कर विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है. मनी लेंडिंग जैसी कोई बात नहीं है. इसमें ईडी का कोई काम नहीं. राहुल और सोनिया को परेशान किया जा रहा है. यह लड़ाई सत्य की लड़ाई है और पहले हमारे पूर्वज अंग्रेजो के खिलाफ लड़े थे. अब अंग्रेजों की नीति फूट डालो राज करो की नीति पर चलने वाले के खिलाफ लड़ाई है और इस लड़ाई को जीतेंगे."
गांधी परिवार को मिला नोटिस तो चुभा काटा: वहीं, कांग्रेसियों आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा सांसद सुनील सोनी ने कहा कि जब चौकीदार चोर है.. चिल्लाते थे तब तन्खा कहां थे.जो आज ज्ञान बांट रहे हैं कि राजनीति में पक्ष-विपक्ष दोनों का सम्मान आवश्यक है. कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए ना कभी विपक्ष का सम्मान किया और ना ही विपक्ष में रहते हैं. सत्ता और प्रधानमंत्री का सम्मान करती है. कांग्रेस ने सत्ता में रहते हैं हमेशा विपक्ष का दमन किया है.सुनील सोनी ने कहा कि जब गांधी परिवार नेशनल हेराल्ड घोटाला कर रहा था तब तन्खा ने उन्हें क्यों नहीं रोका. अब गांधी परिवार को नोटिस मिला है तो कांटा चुभ गया. कानून अपना काम कर रही है.
सत्ता पर काबिज होते ही सरकारे करती है इस तरह की कार्रवाई: इस विषय में वरिष्ठ पत्रकार नारायण भोई का कहना है कि जो भी सरकार सत्ता में आती है. वह राजनीति के तहत कोई ज्यादा और कोई कम कार्रवाई करता है. लेकिन इस तरह की कार्रवाई होती जरूर है. अपने विपक्षियों को कमजोर करने के लिए इस पर कार्रवाई की जाती है. वहीं, कांग्रेस के द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर नारायण ने कहा कि विपक्ष में होने के नाते साथ ही भविष्य में उनके खिलाफ इस तरह की कार्रवाई ना हो उसके लिए इस तरह का कदम उठाया जा रहा है. पत्रकार वार्ता सहित ईटी दफ्तर का घेराव करने की रणनीति बनाई गई है. लेकिन है जरूर है कि इस कार्रवाई से कहीं ना कहीं आगे दिक्कत ओर परेशानी आएगी. राजनीति में सही निर्णय लेने में दिक्कत होगी. समय के साथ-साथ राजनीति का स्तर गिरता जा रहा है. उसी कड़ी में इस कार्रवाई को देखा जा रहा है.