रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर मुख्यमंत्री के बदलाव की चर्चा शुरू हो गई है. पिछले कुछ दिनों से ठंडे बस्ते में पड़े इस मुद्दे को खुद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने हवा दी है. सिंहदेव का तो यहां तक दावा है कि 1 महीने में इस मामले का निर्णय हो जाएगा. वहीं विपक्ष का कहना है कि जो पार्टी स्तर पर कमिटमेंट किया गया था उसे पूरा किया जाना चाहिए. अन्यथा जिस तरह से कांग्रेस प्रदेश की जनता के साथ छलावा कर रही है. उसी तरह से पार्टी के नेताओं के साथ भी छलावा किए जाने की बात सामने आएगी. राजनीति के जानकार भी कहते हैं कि अब मुख्यमंत्री के बदलाव का निर्णय लिया गया. उसका खामियाजा कहीं ना कहीं आने वाले दिनों में पार्टी को उठाना पड़ सकता है.
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टीएस सिंह देव का दावा: स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने, 1 महीने के अंदर मुख्यमंत्री बदलाव पर निर्णय आने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि, जीवन में कुछ चीजें बची हुई है जिनके लिए संकेत किया गया है. उसमें क्या होता है वह भविष्य के गर्भ में है. हम लोग भी लाइन में लगे हुए हैं. प्रयास कर रहे हैं, हमे कहा गया है. अब वो बातें होती है या नहीं होती है. यह निकट भविष्य के गर्भ में है.
कांग्रेस के प्रति निष्ठावान: सिंहदेव ने कहा कि डिलीवरी होने ही वाली है जो भी होगा जल्द होगा. क्या होगा मुझे नहीं मालूम लेकिन अब बातों को अंजाम तक ले जाने का समय आ गया है. दूसरी पार्टी ज्वाइन करने के हालात को लेकर सिंहदेव कहा कि बीजेपी में नहीं जाऊंगा. कांग्रेस के बाहर सोचना मेरे लिए इम्पॉसिबल है. वैचारिक रूप से मेरे कदम-कदम पर बीजेपी से मतभेद रहे हैं. मैं कांग्रेस के प्रति निष्ठावान हूं.
छत्तीसगढ़ में वन मैन शो: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि, चुनाव के बाद ढाई-ढाई साल का मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया गया था. कांग्रेस हाईकमान को इस कमिटमेंट को पूरा करना चाहिए, नहीं तो जिस तरह से पार्टी प्रदेश की जनता के साथ छलावा कर रही है उसी तरह से वह अपने नेताओं के साथ भी छलावा कर रही है. उनका कहना है कि कांग्रेस में दिल्ली की तरह ही छत्तीसगढ़ में भी वन मैन शो चल रहा है. यानि कि एक व्यक्ति का निर्णय से ही पार्टी संचालित हो रही है. जिसका दुष्परिणाम कांग्रेस को आने वाले साल 2023 में भुगतना होगा.
टीएस सिंह देव के भाजपा में शामिल न होने के बयान पर संजय श्रीवास्तव का कहना है कि उन्हें भाजपा में बुला कौन रहा है. समय और परिस्थिति बस लोग पार्टी छोड़ते हैं और दूसरी पार्टी ज्वाइन करते हैं. ऐसे में पार्टी में सभी का स्वागत है, लेकिन पार्टी उनके काम और क्रियाकलापों को देखकर उन्हें जवाबदारी देती है. यहां कोई कमिटमेंट कर पार्टी में किसी को प्रवेश नहीं कराया जाता है.
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मुख्यमंत्री बदलने से बढ़ेगी कांग्रेस में आतंरिक कलह:राजनीति के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए ऐसा नहीं लग रहा है कि पार्टी हाईकमान इस मामले को लेकर कोई जल्दबाजी करेगा. फिर भी प्रदेश के कद्दावर मंत्री यदि इस तरह का बयान दे रहे हैं तो इस बयान में कितनी गहराई है इसका पता तो आने वाले 1 महीने में ही चलेगा.
रामअवतार तिवारी ने कहा कि यदि आज की परिस्थिति में मुख्यमंत्री का बदलाव होता है तो पार्टी में आंतरिक कलह और गुटबाजी बढ़ेगा जो आगे जाकर पार्टी को कमजोर कर सकती है. विपक्ष भी यही चाहता है. जैसे कि पंजाब में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा.