रायपुर : सीएम भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर धान और चावल की बकाया राशि जल्द देने का आग्रह किया है.अब इस पत्र को लेकर बीजेपी ने सीएम भूपेश बघेल पर आरोप लगाए हैं. बीजेपी के मुताबिक प्रदेश सरकार ने धान खरीदी को लेकर झूठ बोला है.हकीकत ये है कि केंद्र की मोदी सरकार ने सेंट्रल पूल का कोटा इतना ज्यादा कर दिया है कि छत्तीसगढ़ के किसानों से अब 20 क्विटंल धान खरीदी संभव हो पा रही है.
राज्य सरकार पर झूठ बोलने का आरोप : बीजेपी प्रवक्ता और प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी के मुताबिक अब तक मुख्यमंत्री कह रहे थे कि सारी खरीदी वे ही करते हैं. अब तक राज्य के नुकसान की बात कर रहे हैं. सत्य ये है कि केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों की पूरी धान खरीदी के लिए कोटा बढ़ाया है. राज्य के बजट में धान खरीदी के लिए कोई विशेष व्यवस्था ही नहीं है.ओपी चौधरी ने कहा कि वो इसके बाद अब सीएम भूपेश बघेल को गंगाजल भेजेंगे,ताकि वो हाथ में गंगाजल लेकर कहे कि चावल खरीदी में केंद्र का योगदान नहीं है.
राज्य सरकार के बजट में नहीं है धान खरीदी का प्रावधान : ओपी चौधरी के मुताबिक कांग्रेस की राज्य सरकार का बजट धान खरीदी के आंकड़े देने के लिए काफी है.क्योंकि यदि राज्य सरकार अपनी योजना से धान खरीदी करेगी तो बजट में पैसे का प्रावधान करना पड़ेगा. धान खरीदी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग करता है. 2022-23 के लिए इस विभाग का कुल बजट 5158 करोड़ रुपए है. ऐसे में धान खरीदने के 21 हजार 828 करोड़ रुपए कहां से आयेंगे. यहां तक की तीन अनुपूरक बजट को मिलाकर भी इतनी बड़ी राशि नहीं होती.मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नाम एक पत्र लिख कर 6000 करोड़ रुपए बकाया राशि देने की मांग की है. यह पैसा किस काम का बकाया है? इसका कोई उल्लेख चिट्ठी में नहीं है.
प्रधानमंत्री को जब मुख्यमंत्री पत्र लिखे तो विषय स्पष्ट होना चाहिए. भूपेश बघेल जी के चार लाइन के पत्र में कुछ समझ नहीं आ रहा कि 6000 करोड़ रुपए प्रदेश को केंद्र से किस बात के लिए लेने हैं. ऐसा इसलिए है कि मुख्यमंत्री को विषय से कोई लेना देना नहीं है. उन्हें तो जनता को उलझाना है. मोदी जी की सरकार को बदनाम करना है. झूठे आरोप लगाना है. इस पत्र में कुछ नहीं लिखते हुए भी सीएम बघेल ने अपने झूठ की पोल खोल दी है. कहते हैं न सत्यमेव जयते, ईश्वर सत्य के रूप में कैसे प्रकट होते हैं, इसका सुंदर उदाहरण मुख्यमंत्री की चिट्ठी है. -ओपी चौधरी,प्रदेश महामंत्री बीजेपी
भारत सरकार और एफसीआई करती है भुगतान : बीजेपी महामंत्री ओपी चौधरी के मुताबिक मुख्यमंत्री इस चिट्ठी में खुद स्वीकार कर रहे हैं कि धान की खरीदी की राशि की भरपाई भारत सरकार और उसकी एजेंसी भारतीय खाद्य निगम करता है. जितना धान से चावल बनाकर एफसीआई सेंट्रल पूल से लेता है. उतने की भरपाई भारत सरकार करती है.उससे अधिक खरीदे गए धान पर राज्य सरकार को नुकसान उठाना पड़ता है.
बीजेपी ने पेश किए आंकड़े : बीजेपी की माने तो 2003 में धान का उत्पादन मात्र 28.86 लाख मीट्रिक टन था. 2003 के अंत में भाजपा की सरकार बनी तो खेती किसानी पर जोर दिया गया. कल्याणकारी योजनाओं के जरिए 2008 में धान का उत्पादन 61.30 लाख मीट्रिक टन हो गया.इसके बाद धान की खरीदी में बीजेपी ने एक- एक दाना धान खरीदना शुरू किया. 2003 में मात्र 14 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी. 2008-09 में यह बढ़ कर 37 लाख मीट्रिक टन को पार कर गया. 2011-12 के बाद तो धान का उत्पादन 100 लाख टन को पार कर गया. इस उपलब्धि के लिए तीन बार छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार डॉ. मनमोहन सरकार के समय प्राप्त हुआ. 2016-17 में 70 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई. किसानों की उपज पर बोनस देना भी बीजेपी ने शुरू किया था. 2007 में 50 रुपए प्रति क्विंटल से शुरू कर 2018 में 300 रुपए प्रति क्विंटल बोनस किसानों को दिया गया.
झूठ बोलने के कारण भेजेंगे गंगाजल : इस दौरान ओपी चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री धान खरीदी के मामले में लगातार झूठ बोलते हैं. अगर हम किसी तरह से गलत बात कर रहे हैं तो वह गंगाजल हाथ में लेकर कसम खाएं और बताएं कि हम गलत हैं.हम जल्द ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को गंगाजल भेजेंगे. अगर उनमें नैतिकता होगी तो वह कसम खाए कि प्रदेश में चावल की खरीदी में केंद्र का योगदान नहीं है.