रायपुर: छत्तीसगढ़ में गौमूत्र को लेकर भी सियासत गरमाई हुई है. छत्तीसगढ़ सरकार ने गौमूत्र की खरीदी की शुरूआत हरेली पर्व पर 28 जुलाई 2022 से गोधन न्याय योजना के तहत की थी. छत्तीसगढ़ गौमूत्र खरीदी करने वाला देश का पहला राज्य है. मुख्यमंत्री निवास कार्यालय रायपुर में हरेली पर्व के अवसर पर इसकी शुरूआत की गई थी. उस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुद गौमूत्र की बिक्री की थी. मुख्यमंत्री ने चंदखुरी की निधि स्व सहायता समूह को पांच लीटर गौमूत्र बेचा था.
₹4 प्रति लीटर की दर से बिक रहा गौमूत्र: मुख्यमंत्री के गौमूत्र बेचने के साथ ही योजना की शुरुआत हुई थी. पांच लीटर गौमूत्र बेचकर ₹4 प्रति लीटर के हिसाब से मुख्यमंत्री भूपेश ने 20 रुपये की कमाई भी की थी. वे राज्य के पहले गौमूत्र विक्रेता बने थे. उसके बाद से लगातार प्रदेश में गौमूत्र की खरीदी की जा रही है.
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गौमूत्र खरीदी और निर्मित उत्पाद के आंकड़े: गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर खरीदी के साथ 4 रूपए लीटर की दर से गौमूत्र की खरीदी लगातार जारी है. गौठानों में 15 मार्च 2023 तक 5 लाख 98 हजार 724 रुपए का भुगतान किय गया है. जिससे 01 लाख 49 हजार 681 लीटर गौमूत्र खरीदा गया है. इस खरीदे गए गौमूत्र से महिला स्व सहायता समूहों द्वारा 56 हजार 281 लीटर जैविक कीटनाशक ब्रम्हास्त्र और 21 हजार 602 लीटर वृद्धिवर्धक जीवामृत का उत्पादन किया गया है. 50 हजार 622 लीटर ब्रम्हास्त्र और 19 हजार 299 लीटर वृद्धिवर्धक जीवामृत की बिक्री से 32 लाख 27 हजार 445 रूपए की आय अर्जित हुई है.
"राज्य सरकार गौमूत्र की जगह न जाने किसका मूत्र खरीद रही है. इस मूत्र की जांच किस लैब में हो रही है." - संदीप शर्मा, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता
भाजपा ने भ्रष्टाचार का लगाया आरोप: सीएम हाउस में सीएम भूपेश बघेल द्वारा बेचे गए 5 लीटर गोमूत्र पर भी भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने तंज कसा है. शर्मा ने कहा कि "वह गौमूत्र की जगह न जाने किसका मूत्र खरीदकर उसे गौमूत्र बता रहे हैं. न तो इस गौमूत्र की किसी लैब में जांच कराई गई है और जो 5 लीटर गौमूत्र खरीदा गया था. आखिर उसका सरकार ने क्या किया? संदीप शर्मा ने गौमूत्र की खरीदी के नाम पर सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.
"भाजपा अपना मानसिक संतुलन खो चुकी हैं. एक तरफ तो यह रामदेव बाबा को परमिशन देते हैं. भाजपा को बताना चाहिए कि रामदेव बाबा के प्रोडक्ट की किस लैब में जांच होती है." - अमित श्रीवास्तव, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता
"भाजपा की कथनी और करनी में अंतर": अमित श्रीवास्तव ने कहा कि "भाजपा का यह सवाल दर्शाता है कि उनकी कथनी और करनी में कितना अंतर है. गौ माता के नाम पर इन्हें वोट लेना अच्छा लगता है. जब गौ माता की सेवा की बात आती है, तो यह उससे कोसों दूर रहते हैं. भाजपा का चाल, चरित्र, चेहरा प्रदेश की जनता समझ चुकी है. यही वजह है कि पिछले चुनाव में प्रदेश की जनता ने भाजपा को नकारा है."
"मानसिक दिवालियापन से गुजर रही है भाजपा": अमित श्रीवास्तव ने कहा कि "उनके मानसिक संतुलन खोने की वजह सत्ता से विमुख होना है. यही वजह है कि उनके द्वारा इस तरह के अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है. भाजपा मानसिक दिवालियापन से गुजर रही है. छत्तीसगढ़ के लोग इस तरह की बोली पसंद नहीं करते हैं. पिछली बार इनके इस व्यवहार की वजह से प्रदेश की जनता ने भाजपा को नकारा था. यदि ये अपनी आदत से बाज नहीं आए, तो इस बार 14 की जगह 7 सीटों पर सिमट कर रह जाएंगे."
गौमूत्र ही खरीदी के आड़ में भ्रष्टाचार आरोपों के बाद छत्तीसगढ़ में गौमूत्र को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. भाजपा मामले को लेकर राज्य की भूपेश सरकार पर हमलावर है. वहीं कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है. अब देखना होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव भाजपा को इन आरोपों का लाभ मिलेगा या नहीं.