रायपुर: कृषि बिल (agricultural bill) के विरोध में दिल्ली में चल रहा किसान आंदोलन (peasant movement) अब छत्तीसगढ़ में भी दस्तक देने वाला है. इसे लेकर छत्तीसगढ़ में किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat in Chhattisgarh) बुलाई गई है. इस किसान महापंचायत को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने अपना समर्थन दिया है. मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद जहां एक ओर किसान संगठन काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. तो वही दूसरी विपक्ष इस मामले को लेकर राज्य सरकार को घेरती नजर आ रही है. विपक्ष का साफ तौर पर कहना है कि किसान महापंचायत से पहले सरकार को, छत्तीसगढ़ के किसानों की स्थिति पर भी गौर करना चाहिए.
28 सितंबर को राजिम में बुलाया गया किसान महापंचायत
किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) 28 सितंबर को राजिम में रखी गई है. इस दिन भगत सिंह की 125वीं जयंती (125th birth anniversary of Bhagat Singh) है. छत्तीसगढ़ के महान मजदूर नेता कॉमरेड शंकर गुहा नियोगी (Great Labor Leader Com. Shankar Guha Niyogi) की 31वीं शहादत दिवस भी इसी दिन पड़ रही है. इस दिन छत्तीसगढ़ में राज्य स्तरीय किसान महापंचायत (State Level Kisan Mahapanchayat) में संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait), डॉ. दर्शन पाल सिंह कुशवाहा, योगेंद्र यादव, मेघा पाटकर (Megha Patkar) और डॉक्टर सुनील सहित कई किसान संगठन के बड़े नेता शामिल होंगे.
किसान महापंचायत को सीएम भूपेश बघेल का मिला साथ, कहा- प्रदेश में होगा स्वागत
मांगने पर किसान महापंचायत को दिया जाएगा समर्थन: सीएम
किसानों के इस महापंचायत को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समर्थन देने की इच्छा जाहिर की है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसान महापंचायत को लेकर कहा कि यह लड़ाई अन्नदाता के हक की लड़ाई है और छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार किसानों के हित के हमेशा से ही लड़ती रही है.
किसान महापंचायत की तैयारी हुई तेज
किसान महापंचायत के लिए तैयारी शुरू हो गई है. छत्तीसगढ़ में विभिन्न किसान संगठनों ने इस किसान महापंचायत को लेकर बैठकें चल रही हैं. इन बैठकों में किसान महापंचायत को लेकर रूपरेखा तैयार की जा रही है और एक रणनीति के तहत यह पूरा आयोजन किया जा रहा है. इस महापंचायत में किसान के मुद्दों को लेकर किसान संगठन के नेता अपनी बात रखेंगे और केंद्र सरकार से मांग करेंगे कि तीन कृषि कानून को वापस लिया जाए.
मुख्यमंत्री बघेल से मुलाकात करेगा किसान संगठन
छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के सदस्य ठाकुर रामगुलाम का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel)ने जो किसान महापंचायत को समर्थन देने की बात कही है. वह उनका मन बोल रहा है क्योंकि वह किसान के बेटे हैं और किसानों का दर्द समझते हैं. उन्होंने कहा कि जल्द किसान संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर अपनी बात रखेगा और उनसे समर्थन मांगेगा.
छत्तीसगढ़ के किसानों वास्तविक स्थिति दिखाई जाए- भाजपा
महापंचायत को समर्थन देने के मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह (National Vice President Raman Singh) ने कहा कि किसान महापंचायत के लिए नेताओं को आमंत्रित करने से ही जाहिर होता है कि उनको शायद छत्तीसगढ़ के किसानों की स्थिति का ज्ञान हो गया है. यूरिया खाद की क्या स्थिति है, बारदाना नहीं मिल रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान पंचायतों को ले जाकर धान खरीदी केंद्र दिखाना चाहिए कि अनाज का इससे बड़ा अपमान हिंदुस्तान में कही नहीं होता है. लगभग 5 लाख मेट्रिक टन धान बारिश में सड़ रहा है. किसान महापंचायत को दिखाना चाहिए कि छत्तीसगढ़ का किसान किस तरह से आज छत्तीसगढ़ में परेशान हैं.
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव (BJP State Spokesperson Sanjay Srivastava) का कहना है कि मुख्यमंत्री किसान महापंचायत को समर्थन देने की बात कह रहे हैं. उससे भाजपा को कोई आपत्ति नहीं है लेकिन किसान महापंचायत को छत्तीसगढ़ के किसान की वास्तविक स्थिति दिखाने की जरूरत है. किसानों को पूरा पैसा नहीं मिल रहा है. बीजेपी प्रवक्ता का कहना है कि आज स्थिति यह है कि जिनसे अपनी धरती ओर जमीन संभल नहीं रही है. वह लोग दूसरों की प्रदर्शनी देखने के लिए इंतजाम कर रहे हैं.
पक्ष-विपक्ष की राजनीति में यदि कोई पिस रहा है तो वह है सिर्फ किसान
किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) को लेकर जहां एक ओर प्रदेश में तैयारी शुरू हो गई है. वहीं यहां अब राजनीति भी गरमा गई है. पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर किसानों को परेशान और प्रताड़ित करने के आरोप लगा रहे हैं. बस अंतर इतना है कि सरकार केंद्र की भाजपा सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगा रही है. तो वहीं प्रदेश में बैठी भाजपा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की राज्य सरकार को किसानों की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है. लेकिन इन दोनों की राजनीति में यदि कोई पिस रहा है तो वह है सिर्फ किसान.