रायपुर: छत्तीसगढ़ में भी भारत बंद का मिलाजुला असर देखा गया. सीएम भूपेश बघेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर निशाना भी साधा. सीएम ने केंद्र सरकार से तीनों विवादित कानूनों को वापस लेकर देश से माफी मांगने की मांग की. वहीं सीएम के बयान पर प्रदेश बीजेपी प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने भी करारा हमला बोला. उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में छत्तीसगढ़ में 234 किसानों ने आत्महत्या की है. ऐसे में सीएम को ये अधिकार नहीं है कि वे किसानों के हितैषी हैं. इधर पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने भी सीएम भूपेश पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कृषि एक्ट में बदलाव का वादा अपने घोषणा पत्र में किया था, आज वही कांग्रेस उसका विरोध कर रही है.
बीजेपी पूंजीपतियों की है सरकार
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने मंगलवार को भारत बंद के समर्थन में आए. इस दौरान सीएम ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. सीएम बघेल ने कहा कि बीजेपी झूठ बोलने की फैक्ट्री है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के पूंजीपति साथी नाराज हो जाएंगे, इसलिए इस कानून को लौटाया नहीं जा रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार को विशेष सत्र बुलाकर पूरे देश के किसानों से माफी मांगते हुए यह काला कानून वापस लेना चाहिए. सीएम बघेल ने कहा कि दिल्ली में बैठी बीजेपी की सरकार पूंजीपतियों की सरकार है. पहले अंग्रेज देश को लूट रहे थे लेकिन अब दिल्ली में बैठे बीजेपी के पूंजीपति, देश के किसानों को लूटने का काम कर रहे हैं.
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छत्तीसगढ़ में पिछले एक साल में 234 किसानों ने की आत्महत्या
वहीं सीएम के इस बयान पर प्रदेश बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने सीएम भूपेश के बयान पर करारा हमला बोला. उन्होंने कहा कि आज आज कांग्रेस और अन्य पार्टियों का कहना है कि केंद्र सरकार किसानों की जिंदगी के साथ खेल रही है. उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में छत्तीसगढ़ में 234 किसानों ने आत्महत्या की है. फिर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस को क्या अधिकार है ये कहने का, कि वे किसानों के रक्षक हैं और बीजेपी किसानों की रक्षक नहीं है?.
कांग्रेस ने किया था कृषि एक्ट में बदलाव का वादा
इधर पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने सीएम बघेल के आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी का दोहरा चरित्र सामने आ रहा है. जो कांग्रेस पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में कृषि एक्ट में परिवर्तन को लेकर वादा किया था. उस वादे में मंडी और उसके आधुनिकीरण के साथ एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट को भी बदलने की बात कही थी. यह सभी वादे सिर्फ घोषणा पत्र में ही नहीं चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी समेत तमाम नेता मंच से इसका जिक्र भी किया करते थे. लेकिन आज वही कांग्रेस राजनीति करते हुए इसका विरोध जता रही है. रमन सिंह ने कहा कि किसानों को भ्रमित किया जा रहा है. उन्होंन कहा कि देश की जनता जानती है कि किसानों का हित किसमें है और किसानों को क्या लाभ मिलने वाला है.