रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह का जलवा एक बार फिर देखने को मिला है. राजनांदगांव विधानसभा सीट से पूर्व सीएम रमन सिंह ने एकतरफा जीत दर्ज की है. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी गिरिश देवांगन को 45084 वोटों के बड़े अंतर से हराया है. सियासी पिच पर डॉक्टर रमन सिंह वैसे तो किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. लेकिन कुछ ऐसी बातें हैं. जिनसे से शायद आप अनजान हो सकते हैं. उन्हीं बातों की जानकारी हम आपको दे रहे हैं.
रमन का परिवार: बीजेपी नेता रमन सिंह का जन्म 15 अक्टूबर 1952 को कबीरधाम जिले के रामपुर में हुआ. रमन सिंह के पिता का नाम विघ्नहरण सिंह ठाकुर और मां का नाम सुधा सिंह है. रमन सिंह की शादी वीणा सिंह से हुई है. इनके दो बच्चे हैं. बेटा का नाम अभिषेक सिंह हैं. अभिषेक सांसद हैं. रमन सिंह को एक बेटी भी है.
पढ़ाई लिखाई: बीजेपी के कद्दावर नेता रमन सिंह की पढ़ाई का सफर गांव से लेकर शहर तक रहा. राजनीतिक के माहिर खिलाड़ी रमन सिंह के पास बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसीन एंड सर्जन यानी बीएएमएस की डिग्री है. इसीलिए लोग इन्हें डॉक्टर रमन सिंह भी कहते हैं. 1975 में आयुर्वेदिक मेडिसिन बी.ए.एम.एस. की डिग्री हासिल की और डॉक्टर के रूप में सेवा देना शुरु किया.
सियासी पिच पर कब उतरे: साल 1976-77 में इन्होंने अपनी सियासी सफर की शुरुआत की. साल 1983-84 में कवर्धा नगर पालिका में भाग्य आजमाया. शीतला वार्ड से पार्षद चुने गए. पार्षद से जो सफर का शुभारंभ हुआ वो राज्य के मुख्यमंत्री तक पहुंच गया. सीएम के कार्यकाल के बारे में बताएंगे. लेकिन उससे पहले 1990 और 1993 में वो अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए विधायक का चुनाव जीते. फिर साल 1999 में लोकसभा का चुनाव लड़े और जीत कर संसद भवन पहुंचे. राजनांदगांव से रमन सिंह ने लोकसभा चुनाव लड़ा था.
केंद्रीय राज्य मंत्री भी रह चुके हैं रमन सिंह: राजनांदगांव से रमन सिंह ने जीत हासिल की और सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे. रमन सिंह की प्रतिभा से अटल बिहारी वाजपेयी प्रभावित हुए. उन्होंने रमन सिंह को केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया. अटलजी की सरकार में वे 13 अक्टूबर 1999 से 29 जनवरी 2003 तक केंद्र में वाणिज्य उद्योग राज्य मंत्री रहे.
संघ के करीबी होने का मिला फायदा: साल 2000 में मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य का जन्म हुआ. साल 2003 में पहला विधानसभा चुनाव हुआ. जिसमें बीजेपी ने जीत हासिल की. रमन सिंह आरएसएस के करीबी माने जाते हैं. लिहाजा बीजेपी ने रमन सिंह को छत्तीसगढ़ का सीएम बनाने का फैसला किया.
छत्तीसगढ़ के पहले निर्वाचित सीएम का कार्यकाल: डॉ रमन सिंह 1 दिसंबर 2003 को छत्तीसगढ़ के पहले निर्वाचित सीएम बने. जिसके बाद 2008 विधानसभा चुनाव में भी उनके नेतृत्व में बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में सरकार बनाई. साल 2013 में भी सीएम रमन सिंह राज्य के मुख्यमंत्री बने. करीब 15 साल तक डॉ रमन सिंह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के पद पर काबिज रहे. इस दौरान रमन सिंह सीएम रहते हुए चाउर वाले बाबा के नाम से मशहूर हुए.
2018 की हार से ली सबक: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस की आंधी में रमन सिंह की सरकार धराशाई हो गई. प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से बीजेपी केवल 15 सीट ही जीत सकी.न 2018 में राजनांदगांव से रमन सिंह विधायक चुने गए. वहीं कांग्रेस ने 2018 में 68 सीटें पर ऐतिहासिक जीत दर्ज किया और सरकार बनाया. कांग्रेस के हाथों मिली इस हार के बाद रमन सिंह संगठन को मजबूत करने में जुटे रहे. इस बीच उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई. वहीं राज्य में बीजेपी की जीत के बाद एक बार फिर उनके सीएम बनने की प्रबल संभावना दिख रही है.